एक ब्रांड नेम बनाने के लिए सबसे पहला और अहम् पहलू है, अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी और एस्थेटिक्स कायम रखना। ब्रांड से आ रहा हर कलेक्शन समय, स्थान और उद्देश्य के अनुरूप होना चाहिए।
अगर किसी प्रोडक्ट का अनुभव उससे पहले के प्रोडक्ट से मेल नहीं खाता है तो, उससे ग्राहक के ब्रांड के साथ जुड़ाव और वफादारी-दोनों विपरीत रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
ब्रांड ने अपनी सफल कहानी बनाने के बाद उससे ईमानदार रहना चाहिए और सारे प्रोडक्ट्स उसी भाषा को आगे बढ़ाते हुए विकसित किए जाने चाहिए।
अगला पहलू है सेल पैटर्न्स को स्टडी करने का। उसके लिए क्या कारगर साबित हो रहा है ये पहचानने का।
जब कोई ब्रांड अपने फॉलोवर्स बनाता है तो, उसके बाद अपने उन ग्राहकों, उनके व्यवहार, जरूरतों और इच्छाओं की जांच-परख करते रहना ये एक रेगुलर एक्टिविटी होनी चाहिए। इसी से इसके बाद कौन-सा प्रोडक्ट डेवलप करना चाहिए, इस बात का पता चलता है।
ब्रांड लैंग्वेज
ब्रांड को हमेशा लोगों की नजरों और याददाश्त में ताज़ा रखने के लिए एक ख़ास ब्रांड लैंग्वेज को विकसित करना बहुत जरूरी होता है।
विज़ुअल और टेक्स्चूअल-दोनों कन्टेन्ट एक ब्रांड इमेज बनाने में मददगार होते हैं। एडिटोरिअल्स, कैटेलॉग शूट्स, वेबसाइट बैनर्स, प्रिंट आर्टवर्क्स, फ़ॉन्ट्स, मॉडल और वो किस तरह अपने आप को पेश करते हैं। रिटेल स्टोर का लुक और एम्बीएंस, ये सब ब्रांड के किरदार के अनुरूप और उसे बढ़ावा देने वाले होने चाहिए।
उन सब में एक रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए, जिससे ग्राहक जुड़ाव महसूस करें और जिसके जरिए उनके मन में आपके ब्रांड का चित्र स्पष्ट रहे।
कम्युनिटी
आपने अपने ब्रांड के जैसा ही एप्रोच रखने वाले और समाज को उचित रूप से प्रभावित करने वाले लोगों के साथ क्लोज़ली काम करते हुए एक स्ट्रॉन्ग कम्युनिटी बेस बनाना चाहिए।
आज के दौर में ग्राहक बहुत अवेअर हैं और वो जिनसे रिलेट करते हैं। उन्हीं के जैसा बनने की कोशिश करते हैं। किसी कम्युनिटी मेंबर से काम करना हमेशा दोहरा मामला होता है, जहां ब्रांड और कम्युनिटी, दोनों एक साथ विकसित होते हैं।
आपके टारगेट ग्रुप के समान ही माइंडसेट रखने वाले लोगों के साथ काम करना, ये आपके पक्ष में काम करने वाले और आपके ब्रांड को ऊंचाई पर ले जाने वाले अहम् पहलुओं में से एक होता है।
इस तरह ब्रांड उसके टारगेट ग्रुप के माइंडसेट को ज्यादा व्यक्तिगत तौर पर और नजदीकी से समझने में कामयाब हो सकता है।
सोशल मीडिया
ब्रांड नेम को निखारने के लिए ग्राहकों के बर्ताव, उनकी जरूरतें और चाहतों के हिसाब से खुद को ढालना, मार्केट ट्रेंड्स पर लगातार नजर रखना और उनके लिए उपयुक्त प्रोडक्ट्स पेश करते रहना बहुत आवश्यक है।
सोशल मीडिया में लगातार रोशनी में और चर्चित रहना, प्रोडक्ट के बाद ये आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। सोशल मीडिया बज़्ज़ बनाने के लिए आपको आपके लिए फायदेमंद ऐसे सही प्लेटफॉर्म्स को चुनते हुए उन्हीं से जुड़े रहना चाहिए और हर जगह छुटमुट मौजूदगी के खतरे से बचना चाहिए।
अपने लिए कौन-सा प्लेटफार्म और कौन-सी स्ट्रेटेजी कामयाब हो सकती है, ये समझना भी बेहद जरूरी है।
यह लेख 'वजोर' की मार्केटिंग हेड इना बंसल द्वारा लिखित है।