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- आईआईएफटी में व्यापार और निवेश कानून केंद्र ने छठी वर्षगांठ मनाई
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश कानून से संबंधित कानूनी मुद्दों पर क्षमता बढ़ाने के लिए वाणिज्य विभाग द्वारा सीटीआईएल की स्थापना की गई थी। सीटीआईएल व्यापार और निवेश कानून पर जानकारी के एक संग्रह के रूप में कार्य करता है और यह वैश्विक आर्थिक कानून के मुद्दों पर प्रगतिशील विचारों को प्रभावित करने वाले एक विचारशील नेतृत्व के रूप में उभरा है। व्यापार और निवेश कानून केंद्र (सीटीआईएल) देश की वैश्विक व्यापार नीति को विकसित करने में सहायक है। यह आयोजन सीटीआईएल की स्थापना के छह वर्ष पूर्ण होने का प्रतीक है।
इस अवसर पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी; वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल; वाणिज्य विभाग के अपर सचिव पीयूष कुमार और आईआईएफटी के कुलपति प्रोफेसर सतिंदर भाटिया उपस्थित थे। अपने संबोधन में आर. वेंकटरमणी ने एक वैश्विक निवेश कानून बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जो विकासशील देशों की संवेदनशीलता और प्राथमिकताओं को दर्शाता है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि निवेश सुरक्षा और सुविधा के निर्धारण में एक नए और वैकल्पिक प्रतिमान पर नई दिल्ली घोषणा-पत्र के साथ विचारों को सामने लाने का समय आ चुका है।
सुनील बर्थवाल ने वाणिज्य विभाग के लिए कानून और अर्थशास्त्र दोनों में विशेषज्ञता के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सीटीआईएल देश की वैश्विक व्यापार नीति विकसित करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि सीटीआईएल के शोधकर्ताओं के पास देश के नीति निर्माण में योगदान देने और व्यापार एवं निवेश कानून के क्षेत्र में समसामयिक मुद्दों पर जारी चर्चा में शामिल होने का एक दुर्लभ अवसर है।
पीयूष कुमार ने व्यापार कानून विशेषज्ञता का एक निकाय विकसित करने और साक्ष्य-आधारित अनुसंधान करने की सीटीआईएल की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीटीआईएल की यह क्षमता वाणिज्य विभाग के लिए मूल्यवान रही है। उन्होंने वैश्विक थिंक-टैंक के रूप में उभरने के लिए क्षमता हासिल करने में केंद्र की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर सतिंदर भाटिया ने भारत के अंदरूनी और बाहरी निवेश को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय समूहों को अधिक निवेशक अनुकूल बनाने के महत्व पर जोर दिया। सीटीआईएल के प्रमुख प्रो. जेम्स नेदुम्पारा ने केंद्र की गतिविधियों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।