आईआईटी मद्रास, तमिलनाडु ई-गवर्नेंस एजेंसी से गठबंधन करने वाला है, ताकि राज्य में आंकड़ों पर आधारित गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा सके। करार के चलते द रोबर्ट वाश सेंटर फॉर डाटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स (आरबीसी-डीएसएआई), आईआईटी मद्रास, तमिलनाडु सरकार को डाटा विज्ञान एवं आईसीटी चुनौतियों पर मदद देने के लिए तैयार हो गयी है।
इस गठबंधन से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु ई-गवर्नेंस एजेंसी के सीईओ संतोष के. मिश्रा और संबंधित संस्थानों की ओर से रविंद्र गेटू, डीन (औद्योगिक परामर्श और प्रायोजित अनुसंधान), आईआईटी मद्रास ने एक एमओयू साइन किया है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज, आईआईटी मद्रास के डॉ. नंदन सुबल का कहना है, "आईआईटी मद्रास का संकेद्रण है, एआई के ज़रिये एक सामजिक प्रभाव पैदा करना। हम मानते हैं कि तनेगा के साथ मिलकर हम सरकार को मज़बूत आधार प्रदान करने की दिशा में काम कर पाएंगे। खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में।
संतोष मिश्रा ने कहा कि आज गवर्नेंस को सर्विस वितरण के डिमांड मोड से हटकर भविष्य सूचक मोड़ की ओर जाने की जरूरत है। हमें लोगों को उनके पूछने से पहले सेवाएं प्रदान करनी होगी। सरकार को अपने नागरिकों की भलाई के लिए एआई, आईओटी, ब्लॉकचेन और ड्रोन्स की शक्ति का उपयोग करना चाहिए। तमिलनाडु सरकार ऐसी पहली राज्य सरकार है, जिसने स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में एक प्रीमियर शोध संस्थान के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग किया है।