व्यवसाय विचार

आईआईटी मद्रास लगातार 5वें साल शीर्ष स्थान पर बरकरार: एनआईआरएफ 2023

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jun 05, 2023 - 4 min read
आईआईटी मद्रास लगातार 5वें साल शीर्ष स्थान पर बरकरार: एनआईआरएफ 2023 image
शिक्षा और विदेश राज्य मंत्री डाॅ. राजकुमार रंजन सिंह ने आज विभिन्न श्रेणियों और डोमेन में 'साल 2023 के लिए भारत रैंकिंग रिपोर्ट जारी की है। इस रैंकिंग के अनुसार आईआईटी मद्रास ने लगातार पांचवें साल भी अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान बरकरार रखा है।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने लगातार पांचवें वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ), 2023 में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में स्थान दिया गया है।

आईआईएससी, बेंगलुरु ने "समग्र" श्रेणी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), दिल्ली के बाद दूसरा स्थान हासिल किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया 'समग्र' सूची में शीर्ष स्वायत्त संस्थान का स्थान लिए हुए थे, जो कई पायदान नीचे खिसककर अब क्रमशः 10वें, 11वें और 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इंजीनियरिंग संस्थानों में आईआईटी मद्रास ने लगातार आठवें साल शीर्ष स्थान बरकरार रखा है। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे को श्रेणी में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान दिया गया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस और हिंदू कॉलेज ने कॉलेजों में पहला और दूसरा स्थान हासिल किया है, इसके बाद प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई का स्थान है। आईआईएससी बेंगलुरु को अनुसंधान के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में सर्वोच्च स्थान दिया गया है, जबकि आईआईटी कानपुर को नवाचार के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रबंधन कॉलेजों में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद को आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम कोझिकोड के बाद शीर्ष स्थान दिया गया है। फार्मेसी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद को पहला स्थान मिला है। जामिया हमदर्द और बिट्स पिलानी को क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है। इसी तरह कानून के लिए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली और एनएएलएसएआर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद को रैंकिंग में क्रमशः स्थान दिया गया है।

एनआईआरएफ रैंकिंग क्या है?

एनआईआरएफ का फुल फॉर्म है- नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क। हर साल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की लिस्ट जारी की जाती है। यह लिस्ट अलग-अलग कैटेगरी और विषयों के आधार पर भी विभाजित होती है, जैसे- इंजीनियरिंग, मेडिकल, फॉर्मेसी, लॉ, मैनेजमेंट। एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत 2015 में हुई थी। देश में पहली बार यह रैंकिंग 29 सितंबर 2015 को लॉन्च की गई थी।

इस साल कुल 11 कैटेगरी के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की गई है। ये हैं- ओवरऑल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, यूनिवर्सिटीज, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स, डेंटल एंड इनोवेशन। शुरुआत में सिर्फ 4 कैटेगरी- यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फॉर्मेसी की रैंकिंग प्रस्तुत की गई थी। रिसर्च को पहली बार 2021 में जोड़ा गया। इस साल इसमें कुल 8686 इंस्टीट्यूट्स को शामिल किया गया है।

एनआईआरएफ रैंकिंग कैसे होती है? शिक्षा मंत्रालय कैसे तय करता है कि किस संस्थान को कौन सा स्थान देना है? 

संस्थान खुद एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए शिक्षा मंत्रालय के पास अप्लाई करते हैं। समय के साथ यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जो संस्थान आवेदन करते हैं, उन्हें शिक्षा मंत्रालय की टीम द्वारा कुल पांच मुख्य पैरामीटर्स और 16 सब-पैरामीटर्स पर परखा जाता है। अलग-अलग टीम हर संस्थान में जाकर विजिट करती है और तय मानकों के आधार पर उनका मूल्यांकन करती है। इसके बाद उस संस्थान को स्कोर दिया जाता है। इस स्कोर के आधार पर ही रैंकिंग निर्धारित होती है। जानिए वो पैरामीटर क्या-क्या हैं?

ओवरऑल एनआईआरएफ रैंकिंग पैरामीटर्स

टीचिंग, लर्निंग और रिसोर्स (टीएलआर)- इसके अंतर्गत 4 सब पैरामीटर होते हैं। पहला – स्टूडेंट्स की संख्या जिसमें पीएचडी वाले स्टूडेंट भी शामिल होते हैं। दूसरा – फैकल्टी और स्टूडेंट्स की संख्या का अनुपात, जिसमें परमानेंट फैकल्टी पर जोर होता है। तीसरा – पीएचडी और अनुभव वाले शिक्षक। चौथा – आर्थिक रिसोर्स क्या और कितना है और उनका उपयोग किस तरह किया जा रहा है।

रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (आरपी)- इसमें भी चार सब-पैरामीटर्स आते हैं। पहला– कितने जर्नल या शोध प्रकाशित हुए। दूसरा – उन प्रकाशित रिसर्च वर्क की गुणवत्ता कैसी है। तीसरा – कितने आईपीआर और पेटेंट हुए हैं- कितने प्रकाशित हुए और कितने ग्रांट हुए। चौथा– प्रोफेशनल प्रैक्टिस और प्रोजेक्ट्स के फुटप्रिंट्स।

ग्रेजुएशन आउटकम (जीओ)- इसके तहत दो सब-पैरामीटर्स पर मूल्यांकन किया जाता है। पहला – यूनिवर्सिटी एग्जाम्स। दूसरा – संस्थान से पास होने वाले पीएचडी स्टूडेंट्स की संख्या।

आउटरीच और इन्क्लूसिविटी (ओआई)- इसके अतंर्गत 5 सब-पैरामीटर हैं। पहला – दूसरे राज्यों और देशों से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या/ प्रतिशत। दूसरा – संस्थान में महिलाओं/ छात्राओं की संख्या। तीसरा – आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की संख्या। चौथा – दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए संस्थान में उपबल्ध सुविधाएं। पांचवां – संस्थान के बारे में स्टूडेंट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच राय/ अवधारणा।

पीयर परसेप्शन- इसमें सिर्फ शैक्षणिक सहयोगियों और नियोक्ताओं के बीच संस्थान को लेकर विचार या अवधारणा की जांच की जाती है।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry