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- आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में लगातार चौथी बार कोई बदलाव नहीं किया गया है। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा की गई नई मौद्रिक नीति की घोषणा से स्पष्ट है कि भारत दुनिया का नया विकास इंजन बनने को तैयार है। गवर्नर ने कहा कि आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। एमपीसी मुद्रास्फीति पर नजर रखेगी और मुद्रास्फीति को तय लक्ष्य के स्तर पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेगी।
आरबीआई गर्वनर ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं है। वित्त वर्ष 2023-24 में इसके 6.5 फीसद रहने का अनुमान है। चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.7 फीसद है। जुलाई में टमाटर महंगे होने से महंगाई बढ़ी थी, लेकिन आने वाले महीने में महंगाई कम होने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी, मुद्रास्फीति के हिसाब से जरूरत के अनुरूप कदम उठाने को तैयार है। पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन से संकेत मिलता है कि निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ रहा है।
दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक बुधवार 4 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई थी, जो आज यानी शुक्रवार को खत्म हुई। समिति ने निर्णय लिया कि आरबीआई रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखेगा। इससे सस्ता कर्ज लेने की उम्मीद कर रहे लोगों को झटका लगा है। बता दें कि आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। अपनी पिछली तीन नीतियों में, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखी थी। आरबीआई गर्वनर ने मई 2022 से रेपो रेट 250 आधार अंक बढ़ा दिया है। रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र स्थिर रहेगा।
आरबीआई की इस घोषणा के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा, "वैश्विक बाजार पर भले ही अनिश्चितता का संकट गहराया हो, लेकिन ऐसे माहौल में भी आरबीआई की स्थिर रहने और प्रमुख विकास परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता निःसंदेह तारीफ के काबिल है। पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड स्कीम (पीआईडीएफ) में पीएम विश्वकर्मा योजना को शामिल करने से बाजार पर इसकी पकड़ मजबूत होगी, जिससे छोटे कारीगरों को लाभ होगा। प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित इनकम रिकगनिशन एंड एसेट क्लासिफिकेशन नॉर्म्स (आय पहचान और संपत्ति वर्गीकरण मानदंड) (आईआरएसी मानदंड), फायदे वाले निवेश की भूख को फिर से जगा सकते हैं। लोकपाल योजना मजबूत करने से ग्राहकों के हित को बढ़ावा मिलेगा। तरलता को संतुलित करने का निर्णय काफी हद तक उभरते हालात पर निर्भर करेगा।"
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन बांदेलकर ने कहा, "हम भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है। इस निर्णय से सभी को लाभ होगा, बाजार में तरलता सुनिश्चित होगी और त्योहारी खुशियां बढ़ेंगी। ब्याज दरों में स्थिरता उन डेवलपर्स के लिए एक राहत है, जो जटिल आर्थिक परिदृश्य से जूझ रहे हैं। अपरिवर्तित दरें पूर्वानुमान की एक डिग्री प्रदान करती हैं, जो दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक है। यह निर्णय हमारे उद्योग की निरंतरता की आवश्यकता के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है और सतर्क आशावाद के माहौल को बढ़ावा देता है। हालांकि, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बैंक उभरते बाजार की गतिशीलता के प्रति सचेत रहेगा और विकासोन्मुख उपायों का समर्थन जारी रखेगा। रियल एस्टेट डेवलपर्स का निकाय विभिन्न आर्थिक कारकों पर विचार करते हुए आरबीआई द्वारा किए जा रहे सावधानीपूर्वक संतुलन कार्य को स्वीकार करता है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, हम एक मजबूत रियल एस्टेट उद्योग का निर्माण करेंगे।"
स्टीलबर्ड हेलमेट के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने कहा, "स्टीलबर्ड हेल्मेट्स रेपो दर को अपरिवर्तित बनाए रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले की सराहना करता है। यह निर्णय न केवल वित्तीय बाजारों के लिए बल्कि हमारे उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम त्योहारी सीजन के करीब हैं। इस त्योहारी समय में स्थिर रेपो दर अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान है क्योंकि यह लोगों के लिए अधिक खर्च करने की शक्ति में तब्दील हो जाती है। यह वित्तीय सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देता है और उपभोक्ताओं को आश्वस्त होकर खरीदारी का निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। आरबीआई का यह निर्णय न केवल उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देता है बल्कि हमारे जैसे व्यवसायों में आवश्यक सुरक्षा उत्पाद प्रदान करना जारी रखने का विश्वास भी पैदा करता है। यह एक स्वागत योग्य कदम है, जो एक उज्ज्वल और सुरक्षित त्योहारी सीजन के लिए मंच तैयार करता है, जहां लोग शांत मन से जश्न मना सकते हैं, यह जानते हुए कि उनके पास सड़कों पर अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए वित्तीय लचीलापन है।"
बैंक ऑफ बडौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने रेपो रेट के अपरिवर्तित रहने के आरबीआई के फैसले पर कहा कि हमें उम्मीद थी कि आरबीआई इस बार यथास्थिति बनाए रखेगा और वही हुआ। दरअसल, मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची है और तरलता की कमी है। मुद्रास्फीति पर आरबीआई के पूर्वानुमान के अनुसार, यह तीसरी तिमाही में भी पांच प्रतिशत से ऊपर होगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि कैलेंडर वर्ष और शायद चौथी तिमाही में भी यथास्थिति बनी रहेगी।