व्यवसाय विचार

आर्थिक संकट से जूझने को कितना तैयार है कारोबार जगत

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 20, 2022 - 6 min read
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आर्थिक और व्यावसायिक लचीलेपन पर भारतीय संगठनों की भावनाओं पर गोटो  ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट में पाया गया कि 97 प्रतिशत भारतीय कारोबारी दिग्गज मानते हैं कि आने वाली विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी वे अपना अस्तित्व बचाए रह सकते हैं।

विपत्ति कब, किस रूप में हमारी परीक्षा लेने पहुंच जाए, समझ पाना आसान नहीं होता। यही वजह है कि किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों के लिए, विशेषकर हम भारतीय, सदैव तैयार रहना चाहते हैं। बीते दिनों किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जिसमें आने वाली विपत्तियों से जूझने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार महसूस करने वालों में से ज्यादातर भारतीय थे।

आर्थिक और व्यावसायिक लचीलेपन पर भारतीय संगठनों की भावनाओं पर गोटो  ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट में पाया गया कि 97 प्रतिशत भारतीय कारोबारी दिग्गज मानते हैं कि आने वाली विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी वे अपना अस्तित्व बचाए रह सकते हैं।

रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जो कि ये कारोबारी दिग्गज और प्रबंधक संभाल न सकें, यहां तक कि आर्थिक गिरावट भी। दुनियाभर के 3700 कारोबार मालिकों और प्रबंधकों पर 'गोटो' ने यह सर्वेक्षण किया। किसी भी तरह के आर्थिक संकट की मार पड़ने के बाद उनकी व्यावसायिक क्षमता को लेकर जब इस अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के दौरान उनसे बात की गई तो इन कारोबार प्रमुखों के आत्मविश्वास में काफी कुछ देखने को मिला। 

उदाहरण के लिए, भारत के 97 प्रतिशत  कारोबारी दिग्गजों ने माना कि उन्हें यकीन है कि किसी भी तरह के आर्थिक संकट की मार को वे आसानी से संभाल लेंगे। भारत में ऐसी प्रतिक्रिया देने वालों में से ज्यादातर (लगभग 36 प्रतिशत) आईटी उद्योग से आते हैं। इसके अलावा ऐसी प्रतिक्रिया देने वालों में से 23 प्रतिशत हेल्थकेयर सेक्टर से, 12 प्रतिशत  सुरक्षा, 6 प्रतिशत  रिटेल, 5 प्रतिशत  शिक्षा, 4 प्रतिशत  टेक, 4प्रतिशत  वित्तीय सेवाओं से और 10 प्रतिशत छह अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से थे।

दिगज्जों में आर्थिक लचीलेपन की भावना

इसी तरह, सर्वेक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर एशियाई और महासागरीय देशों के कारोबारी दिगज्जों में भी आर्थिक लचीलेपन की मजबूत भावना देखने को मिली, जिसका प्रतिशत था- फिलीपींस (90), ऑस्ट्रेलिया (82), मलेशिया (80) और सिंगापुर (76)।

हालांकि, यूरोपीय देशों में जब सर्वेक्षण किया गया तो एक अलग ही कहानी निकलकर सामने आई। तीन में से केवल दो, जर्मन (68 प्रतिशत) और फ्रेंच (66 प्रतिशत) बिज़नेस मालिक ऐसे किसी भी संकट का सामना करने को लेकर खुद को आश्वस्त महसूस कर रहे थे। जबकि यूके में, केवल 43 प्रतिशत कारोबारी प्रमुख आर्थिक संकट को संभाल लेने को लेकर खुद पर यकीन करते दिखे।

आश्चर्य यह है कि गोटो अधिकृत और वनपोल संचालित, यह सर्वेक्षण रिपोर्ट तब आई है, जब वैश्विक स्तर पर 69 प्रतिशत जवाबदाता यह मानते हुए दिखे कि अगले छह महीनों में मंदी आने की संभावना है।

व्यवसाय को बाधाओं से बचाने की तैयारी

वहीं, सर्वेक्षण में पाया गया कि 94 प्रतिशत भारतीय कारोबारियों के लिए किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने हेतु तैयार रहने के लिए इतना ही कारण बहुत था कि आने वाले समय में एक बार फिर से महामारी के लौटने की संभावना जताई जा रही थी। ऐसी संभावनाओं के बीच उन्होंने अपने व्यवसाय को आर्थिक बाधाओं से बचाने की पूरी तैयारी कर रखी है।

बता दें कि 60 प्रतिशत भारतीय व्यवसायों ने इसके लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। वे काम करने के अपने उपकरणों (कर्मचारी कंप्यूटर, कार्यालय उपकरण आदि) को नियमित रूप से मेनटेन करने में लगे हैं जबकि 54 प्रतिशत कंपनी-व्यापी आपातकालीन निधि को तैयार करने में लगे हैं। कर्मचारियों को वे उस तकनीक से लैस कर रहे हैं, जिससे उन्हें यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सके कि ऐसे समय में भी उनका काम निर्बाध रूप से जारी रहे।

98 प्रतिशत भारतीय जवाबदाताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि वे यह सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि ऐसी किसी भी परिस्थिति में उनके कर्मचारी आईटी के समर्थन से आपस में जुड़ सकते हैं, ताकि उनके लिए काम करने में किसी भी तरह की समस्या न आए।

भारत में संभावित आपदाओं (56 प्रतिशत) के लिए कार्रवाई की योजना बनाकर, डिजिटल सुरक्षा उपायों में सुधार (54 प्रतिशत) और प्रौद्योगिकी को मजबूत करने या प्रौद्योगिकी की जरूरतों (50 प्रतिशत का मूल्यांकन करके अपने व्यवसायों को आर्थिक रूप से लचीला बनाने के लिए संबंधित अधिकारी तैयारी कर रहे हैं।

समस्या के समाधान हेतु तैयार रहना जरूरी

गोटो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पैडी श्रीनिवासन ने कहा, "आगे जो भी हो, इतना स्पष्ट है कि व्यवसायों को अपने कर्मचारियों का समर्थन करने, उनके बॉटम लाइन की रक्षा करने और व्यापार की निरंतरता बनाए रखने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। हालांकि, पैसे बचाने के लिए तकनीकी स्टैक को मजबूत करने, कई परिदृश्यों के लिए योजना बनाने और अपनी सुरक्षा प्रथाओं को बेहतर करने जैसे अपेक्षाकृत सरल कदम उठाकर, सभी आकार के व्यवसाय, संभावित आर्थिक अनिश्चितता का सामना करने में लचीले रह सकते हैं।"

वैश्विक स्तर पर, 51 प्रतिशत व्यवसाय अतीत में आर्थिक बाधाओं का सामना कर चुके हैं। उनमें से 93 प्रतिशत मालिकों और अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने सीखा कि भविष्य में उनके व्यवसायों को किसी भी तरह की संभावित समस्या के समाधान के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें मालूम होना चाहिए कि ऐसे समय में उन्हें क्या करना है।

लक्ष्यों के साथ आशावादी होना महत्वपूर्ण

जब उनसे पूछा गया कि वे आर्थिक बाधाओं से बचने के लिए क्या सलाह देंगे, तो जवाबदाताओं ने दावा किया कि 'तैयार रहना', 'आगे की योजना बनाना', 'शांत रहना' और 'पूरी प्रक्रिया के दौरान रणनीतियों और लक्ष्यों के साथ आशावादी होना' महत्वपूर्ण है। सर्वेक्षण के दौरान 76 प्रतिशत ने कहा कि आर्थिक संकट के दौरान अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखना सबसे महत्वपूर्ण था। जबकि 77 प्रतिशत ने कहा कि मंदी के दौरान अपने कर्मचारियों का 'मनोबल ऊंचा रखना' महत्वपूर्ण था

सर्वेक्षण में शामिल भारतीय व्यापार जगत के नेतृत्वकर्ताओं में से, 97 प्रतिशत का मानना है कि आर्थिक मंदी के दौरान कर्मचारियों का 'मनोबल ऊंचा रखना' महत्वपूर्ण है और 94 प्रतिशत का मानना है कि पिछले वर्ष के मुक़ाबले कर्मचारियों के मनोबल में अब काफी सुधार हुआ है।

कर्मचारियों के लिए वे कुछ भी करेंगे

जबकि चार वैश्विक कारोबारी दिग्गजों में से तीन ने कहा कि संभावित मंदी के दौरान जितना संभव हो पाएगा, अपने कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए वे 'कुछ भी' करेंगे। 97 प्रतिशत भारतीय कारोबारी दिग्गजों ने कहा कि उस वक्त उनके लिए 'धैर्य रखना' और उन हालातों में भी 'खुद को बचाए रखना' मुख्य प्राथमिकता होगी।

महामारी के दौरान 68 प्रतिशत वैश्विक व्यवसायों के महत्वपूर्ण कार्य तकनीकी मुद्दों की वजह से बाधित हुए और 74 प्रतिशत का मानना है कि आने वाले समय के लिए यह सुनिश्चित करना कि हमारे कर्मचारियों के उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं, उनके व्यवसायों को चालू रखने और भविष्य के किसी भी मुद्दे के लिए तैयार रहने के लिए महत्वपूर्ण है।

दिग्गजों से सर्वेक्षण के दौरान किए सवाल

बता दें कि बिजनेस कम्यूनिकेशन और आईटी सपोर्ट से जुड़ी हर तरह की समस्या का समाधान मुहैया कराने वाली एकमात्र कंपनी 'गोटो' ने 25 अगस्त से 2 सितंबर 2022 के दौरान दुनियाभर के कई कारोबारी दिग्गजों से इस सर्वेक्षण के दौरान कुछ सवाल किए। भारत समेत अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर के 3700 वरिष्ठ अधिकारियों और आईटी निर्णायकों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया।

मार्केट रिसर्च कंपनी 'वनपोल' ने इस सर्वेक्षण का आयोजन किया, जिसकी टीम के सदस्य 'मार्केट रिसर्च सोसायटी' की टीम में भी शामिल हैं। इन सभी के पास अमेरिकन एसोसिएशन फोर पब्लिक ओपेनियन रिसर्च (एएपीओआर) और दि यूरोपियन सोसायटी फोर ओपेनियन एंड मार्केटिंग रिसर्च (ईएसओएमएआर) की कॉरपोरेट सदस्यता भी मौजूद है।

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