व्यवसाय विचार

इन तरीकों से पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा शामिल कर सकते हैं फ्रैंचाइज़र

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Mar 13, 2019 - 2 min read
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आधुनिकीकरण और प्रगतिशीलता ने छात्रों के बीच में अवसरों और विकल्पों को बढ़ाया है।

आज, यौन शिक्षा अति आवश्यक बन गई है क्योंकि ये देखा जा सकता है कि किशोरावस्था में गर्भवती, गर्भपात, सेक्शुअल ट्रांसमेटिड डिजीज के फैलने और भू्र्णहत्या की घटनाओं की संख्या में बहुत उछाल आया है। शिक्षकों को ऐसे विषयों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान के छात्र अप्रत्याशित और जोखिम लेने वाले हो गए हैं जो उन्हें भविष्य में किसी परेशानी में डाल सकता है।

यौन शिक्षा छात्रों की बेचैनी संभाल सकती है और फ्रैंचाइज़र को उनकी एनर्जी को ज्यादा अर्थपूर्ण दिशा में प्रवाहित करने की अनुमति देती है, साथ ही उनके व्यवसाय साम्राज्य का विस्तार करने में मदद करती है। ऐसा बताया गया है कि व्यापक यौन शिक्षा किशोरावस्था में गर्भवती होने के खतरे को 60 प्रतिशत तक कम कर सकती है।

इससे ड्रॉप आउट यानी बीच में स्कूल छोड़कर जाने वाले छात्रों के आंकड़े में भी कमी आएगी जो शिक्षकों को अपने आंकड़ें व्यवस्थित रखने में मदद करेगी।

स्कूल में पाठ्यक्रम लागू करना

शिक्षकों को यौन शिक्षा अपने स्कूली पाठ्यक्रम में लागू करनी चाहिए। इसके पाठ्यक्रम को ध्यान से तैयार किया जाए और उन सभी जरूरी बातों को शामिल किया जाएं जो छात्रों के लिए आवश्यक हैं। फ्रैंचाइज़र को एक काउंसलर नियुक्त करना चाहिए जो बच्चों से इस विषय में बात कर सकें, उन्हें सहजता से रख सके और उसकी जानकारी दे सकें।

इस उम्र में छात्र बहुत से हार्मोनल बदलावों से गुजर रहे होते हैं जिस पर काउंसलर के साथ चर्चा की जा सकती है और उन्हें उस विषय पर पूरी जानकारी देनी चाहिए।

अनुकूल वातावरण का निर्माण करना

छात्र ज्यादा परेशान रहते हैं अगर उन्हें बेहतर और सहज वातावरण न दिया जाए। एक बात का ध्यान रखें कि आप उचित रिसर्च करवाएं कि छात्र किशोरावस्था के विषयों पर हुई चर्चा या सत्र के शुरुआत में क्या सोचते हैं ताकि आप अपने पाठ्यक्रम को उस तरह से डिजाइन कर पाएं।फ्रैंचाइज़र का मानना है कि ऐसी शिक्षा के साथ अनुकूल वातावरण भी आवश्यक है जो शिक्षा में योगदान देगा।

वाद-विवाद और चर्चा सत्रों का आयोजन करें

शिक्षक छात्रों व शिक्षकों को संवेदनशील बनाने के लिए यौन शिक्षा पर आधारित वाद-विवाद और चर्चा सत्रों पर ध्यान केंद्रित करें। वे ऐसे सत्रों के लिए किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को निमंत्रित करें, जहां पर छात्र अपनी समस्याओं पर बात कर सकें ताकि उन्हें उसका समाधान मिल सकें।

आधुनिकीकरण के साथ माता-पिता भी ऐसे इंस्टीट्यूट्स की तलाश में रहते हैं जहां किशोरावस्था संबंधी पूरी जानकारी पर बात की जाती हो।शिक्षक फ्रैंचाइज़र इस अवसर का पूरा उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा छात्रों को अपने मित्रों, रोमांटिक पार्टनर, परिवार और अन्य से सकारात्मक रिश्ते बनाएं रखने में मदद कर सकते हैं।

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