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- इलेक्ट्रिक वाहनों पर टेरी के रिसर्च और उनकी उपयोगिता: IV राव से बातचीत
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का उपयोग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है, और भारत में भी इनकी लोकप्रियता में निरंतर वृद्धि हो रही है। पर्यावरणीय चिंताओं, ऊर्जा संरक्षण और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते मूल्य को देखते हुए, इलेक्ट्रिक वाहनों को एक स्थायी और पर्यावरण-फ्रेंडली विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इन वाहनों के उपयोग में कई चुनौतियाँ भी हैं जिन्हें हल करना जरूरी है ताकि ईवी की पूरी क्षमता का लाभ उठाया जा सके। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती प्रासंगिकता और उनके उपयोग में आने वाली चुनौतियों को लेकर टेरी (TERI) के सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी के डिस्टिंग्विश्ड फेलो, IV राव से बातचीत। उन्होंने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की वर्तमान स्थिति, उनकी उपयोगिता और 2025 तक उनकी संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
आप टेरी (TERI) में किस प्रकार के शोध और अध्ययन करते हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लेकर?
मैं टेरी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी में काम करता हूं। यहां हम विभिन्न प्रकार की तकनीकों का अध्ययन करते हैं, जो अलग-अलग सेक्टर्स, उपयोग की परिस्थितियों और आवश्यकताओं के हिसाब से फिट बैठती हों। हमारा उद्देश्य यह समझना है कि किस प्रकार की तकनीक विभिन्न उपयोगों के लिए उपयुक्त है।
आप इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कैसे देखते हैं? क्या यह हर प्रकार के उपयोग के लिए सही समाधान है?
हम मानते हैं कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हर प्रकार के उपयोग के लिए समाधान नहीं हो सकती। उदाहरण के लिए, दोपहिया और तिपहिया वाहनों में यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है, लेकिन पैसेंजर कारों और अन्य सेगमेंट्स में इसकी पैठ बहुत कम है। यह समझना जरूरी है कि वर्तमान में, जब बैटरी की लागत बहुत अधिक है, क्या इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एक व्यावहारिक विकल्प है। वर्तमान में, बैटरी की लागत वाहन की कुल लागत का लगभग 50% है, जो इसे महंगा बना देता है। साथ ही, बुनियादी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं है।
यह कैसे निर्धारित किया जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहन किसी उपयोगकर्ता के लिए सही है या नहीं?
यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे:
1. उपयोगकर्ता कितने किलोमीटर यात्रा करते हैं।
2. उनके पास चार्जिंग की सुविधा है या नहीं।
3. कितनी बार वाहन का उपयोग होता है और प्रत्येक यात्रा कितनी लंबी होती है। इन पहलुओं को ध्यान में रखकर ही यह तय किया जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहन किसी उपयोग के लिए उपयुक्त है या नहीं।
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में आपका क्या विचार है?
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से आंतरिक दहन (IC) इंजन और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच का विकल्प है। इसमें चार्जिंग की चिंता नहीं होती, क्योंकि यह IC इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों पर चलता है। यह वाहन की कुल दक्षता को बढ़ाता है और कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है। हाइब्रिड वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन की तुलना में किफायती भी हैं। यह विशेष रूप से उन उपयोगों के लिए उपयोगी है, जहां स्टार्ट-स्टॉप ड्राइविंग पैटर्न होता है।
2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है?
वर्ष 2025 तक, हमें यह गहराई से समझने की जरूरत है कि अधिकतर उपयोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को कैसे व्यावहारिक बनाया जा सकता है। यह बैटरी की कीमतों में कमी और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के पुर्जों का स्थानीयकरण बढ़ने पर निर्भर करता है। सरकार इन पुर्जों और बैटरियों के स्थानीयकरण पर जोर दे रही है। मुझे यकीन है कि इन कारकों के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी और उनकी पैठ बढ़ेगी।
निष्कर्ष
IV राव का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे बैटरी की लागत में कमी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और स्थानीयकरण को बढ़ावा। वर्तमान में, दोपहिया और तिपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि हाइब्रिड वाहनों का उपयोग मौजूदा दौर में एक व्यवहारिक और किफायती समाधान हो सकता है। आने वाले वर्षों में सरकार और उद्योग की भागीदारी से इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच और स्वीकार्यता में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी।