व्यवसाय विचार

इस कारण निजी स्कूलों के विदेशी फ्रैंचाइज़ी कर रहे हैं विकास

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Mar 18, 2019 - 2 min read
इस कारण निजी स्कूलों के विदेशी फ्रैंचाइज़ी कर रहे हैं विकास image
निजी स्कूल प्रवासी फ्रैंचाइज़ अचानक से वृद्धि देख रहे हैं क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर जरूरतमंदों के लिए स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए फंड बनाने में संर्घष कर रहे थे।

समय के साथ शिक्षा का विकास हो रहा है। असीमित स्तर तक व्यवसायों के विस्तार के बाजार के साथ शिक्षक नए नए तरीको और नवीनीकरण के साथ आ रहे हैं ताकि वे बाजार में अपनी उपस्थिति बनाए रखें। अगर आप इसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के भाव से करें तो शिक्षा इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा लाभकारी व्यवसायों से एक माना जाता है।

भारत के निजी शिक्षा सेक्टर के अनुसार वित्त वर्ष 2018 में 91.7 बिलियन यूएस डॉलर अनुमानित है और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह वित्त वर्ष 2019 तक 101.1 यूएस डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस इंडस्ट्री में डिजिटलाइजेशन और निजीकरण के आने के साथ ज्यादा निजी स्कूल इस क्षेत्र में आते हुए दिख रहे हैं। वे छात्रों को बहुत से पाठ्यक्रम और अनुभव दे रहे हैं। भारत में वर्तमान में 70 मिलियन छात्र निजी स्कूलों में नामांकित हुए है जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।

विदेश जा रहे कैंपस

एक अध्ययन के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम में स्वतंत्र स्कूलों की संख्या अब अपने कैंपसों का विदेशों में विस्तार कर रही हैं और भविष्य में ऐसी चीजें और भी ज्यादा होती दिखाई देंगी। यह परिणाम उनके योजनाबद्ध विस्तार योजना या फंड संबंधी कारणों की वजह से है। फ्रैंचाइज़र जो इस तरह के शिक्षा व्यवसाय में रूचि रखते हैं वे ऐसे कैंपस पर नजर बनाएं रखें और भारत में उनका स्वागत करें।

ब्रिटिश स्कूलों का भगौलिक विस्तार

विकास करती हुई शिक्षा इंडस्ट्री ने 57 ब्रिटिश स्कूलों के प्रवासी कैंपस बना लिए है और इसके साथ ही अन्य 14-20 की स्थापना सितंबर तक हो जाएगी। ब्रिटेन ने देखा है कि उनके 19 कैंपस विदेशों में विस्तार कर रहे हैं और पिछले तीन सालों में इसमें ओर भी तेजी देखी गई है।

स्थानीय फ्रैंचाइज़र उनके काम करने के ढंग को सीख सकते हैं और वे इस अवसर का प्रयोग कर सकते हैं। ब्रिटिश शिक्षा श्रृंखलाओं द्वारा ऐसे निवेशकों का स्वागत किया जाता है जो फ्रैंचाइज़र उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतर जाते हैं।

फ्रैंचाइज़र के लिए अवसर

ज्यादा स्कॉलरशिप की तलाश में यूके बाजारों ने वर्तमान के विकास को बहुत से स्वतंत्र स्कूलों में अभी तक नहीं देखा है। रेवेन्यू को संतुष्ट कर और राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी क्वालिटी शिक्षा प्रदान कर फ्रैंचाइज़र अपने फ्रैंचाइज़ का हिस्सा बन सकते हैं।

आईएससी रिसर्च में स्कूल डायरैक्टर रिचर्ड गारकेल अनुसार, 'बहुत से निजी स्कूल फ्रैंचाइज़ मॉडल का प्रयोग करते हैं, जहां पर एक निवेशक या मैनेजमेंट कंपनी स्कूल को हर साल एक निर्धारित राशि देती है। यह रॉयल्टी के समान ही है जो उन्हें उनके नाम, ब्रांड या विशेषज्ञता का प्रयोग करने के अवज में दिया जाता है।'

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry