पॉलीमर कोटिंग से इलेक्ट्रिक कार की बैटरी बेहतर परफॉर्म कर सकती हैं। इस कोटिंग को एचओएस-पीएफएम भी कहा जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाली लिथियम-आयन बैटरी को सक्षम कर सकती हैं।
बर्कले लैब के ऊर्जा टेक्नोलॉजी क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक गाओ लियू ने कहा पॉलीमर कोटिंग ईवी बैटरी को विकसित करने के लिए एक नए दृष्टिकोण को लाता है। यह किफायती और निर्माण में आसान है।
एचओएस-पीएफएम कोटिंग एक ही समय में इलेक्ट्रॉन और आयन दोनों का संचालन करती है।यह बैटरी की लाइफ को बढ़ाती है। यह कोटिंग लिथियम-आयन बैटरी के जीवनकाल को दस साल के औसत से लगभग 15 साल तक बढ़ा सकती है। सिलिकॉन और एल्यूमीनियम लिथियम-आयन बैटरी के लिए बहुत अच्छे होते है क्योकि उसमें उच्च ऊर्जा भंडारण क्षमता होती है और वह हल्के होते है।
शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि एचओएस-पीएफएम सिलिकॉन- और एल्यूमीनियम-आधारित इलेक्ट्रोड (इलेक्ट्रोड एक विद्युत कंडक्टर है जिसका उपयोग सर्किट के नॉन मैटेलिक भाग के साथ संपर्क बनाने के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रोड बैटरी का आवश्यक भाग होते हैं जिनमें बैटरी के प्रकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के मटेरियल शामिल हो सकते है।) को बैटरी साइकलिंग के दौरान खराब होने से रोकता है, जबकि 300 से अधिक चक्रों में उच्च बैटरी क्षमता प्रदान करता है, जो एक समान प्रदर्शन दर है।
लियू ने कहा परिणाम प्रभावशाली हैं क्योंकि सिलिकॉन आधारित लिथियम-आयन कोशिकाएं आमतौर पर सीमित संख्या में चार्ज / डिस्चार्ज चक्र के लिए चलती हैं। शोधकर्ताओं ने हाल ही में नेचर एनर्जी जर्नल में इन निष्कर्षों का वर्णन किया। एचओएस पीएफएम कोटिंग 80 प्रतिशत सिलिकॉन युक्त इलेक्ट्रोड के उपयोग की अनुमति दे सकती है।
लियू ने कहा कि इस तरह की उच्च सिलिकॉन सामग्री लिथियम-आयन बैटरी की ऊर्जा घनत्व को कम से कम 30 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। सिलिकॉन ग्रेफाइट से सस्ता है। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता में काफी वृद्धि कर सकती है। आगे टीम बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग के लिए एचओएस-पीएफएम को बढ़ाने के लिए कंपनियों के साथ काम करने की योजना बना रही है।