व्यवसाय विचार

ईवी उद्योग को कस्टम ड्यूटी की छूट से मिलेगा बढ़ावा

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jul 24, 2024 - 6 min read
ईवी  उद्योग को कस्टम ड्यूटी की छूट से मिलेगा बढ़ावा image
बैटरी मैन्युफैक्चरिंग उद्योग का कहना है की यह रणनीतिक कदम भारत के ईवी बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। इससे उत्पादन लागत कम होगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट मिलेगा, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, सप्लाई चेन की मजबूती बढ़ेगी, और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में पूरी तरह छूट देने का प्रस्ताव रखा है। लिथियम, कोपर, कोबाल्ट और रेयर अर्थ एलिमेंट (आरईई) जैसे खनिज न्यूक्लियर एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी, अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए बहुत जरूरी हैं। सीतारमण ने 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर कस्टम ड्यूटी को पूरी तरह से खत्म करने और उनमें से दो पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को कम करने का प्रस्ताव रखा। यह ऐसे खनिजों की प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा और इन रणनीतिक और महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए उनकी उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा।

सीतारमण ने कहा कि स्टील और कोपर महत्वपूर्ण रॉ मैटीरियल हैं। उत्पादन की लागत को कम करने के लिए, फेरो-निकल और ब्लिस्टर कोपर पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को हटाने का प्रस्ताव रखा है। फेरस स्क्रैप और निकेल कैथोड पर भी शून्य बीसीडी जारी रखी है। कोपर के स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी जारी रखी जा रही है। इस पर ईवी और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग उद्योग ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।

बैटएक्स एनर्जीज के को-फाउंडर और सीईओ उत्कर्ष सिंह ने कहा सरकार के बजट में बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) कम करने और 25 जरूरी खनिजों को कस्टम चार्ज से छूट देने का फैसला लिया गया है। इससे बैटरी बनाने और पुरानी बैटरियों को नया करने की लागत कम होगी। इसका फायदा यह होगा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घटेंगी और वे लोगों के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगे। यह रणनीतिक कदम भारत के ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। इससे उत्पादन लागत कम होगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट मिलेगा, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, सप्लाई चेन की मजबूती बढ़ेगी, और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। 

बजट का उद्देश्य 2030 तक भारत के वाहनों का 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बनाना है। इसके लिए, भविष्य में शहरी खनन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना जैसी योजनाएं बनाई जा रही हैं। इससे हर साल 295,000 टन पुरानी बैटरियों को दोबारा उपयोग के लायक बनाने की क्षमता बढ़ेगी। इसके परिणामस्वरूप नई नौकरियां बनेंगी और 2030 तक लगभग 31,835 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

यह कदम भारत को न केवल वैश्विक स्थायी और ग्रीन मोबिलिटी के बदलाव में एक प्रमुख के रूप में स्थापित करती हैं, बल्कि इसे स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण प्रबंधन के भविष्य को आकार देने वाला एक दूरदर्शी अग्रणी भी बनाते हैं।  इस सोच के साथ, भारत दुनिया में स्थायी विकास और इनोवेशन को नया रूप देने के लिए तैयार है।

रेस एनर्जी  के को-फाउंडर गौतम महेश्वरन ने कहा महत्वपूर्ण खनिज आयात पर बीसीडी को पूरी तरह से छूट देने के सरकार के प्रस्ताव से सेल और बैटरी विनिर्माण लागत कम हो जाएगी और सीधे तौर पर एडवांस सेल केमिस्ट्री (एसीसी) बैटरी सस्ती हो जाएंगी और ईवी अधिक किफायती हो जाएंगे। इससे विकासशील भारत 2047 के तहत निर्धारित ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने में भी काफी मदद मिलेगी। लिथियम, कॉपर और कोबाल्ट को आयात शुल्क से छूट दिए जाने से ईवी बैटरियों के लिए सस्ते स्वदेशी सेल निर्माण में सहायता करने वाले प्रसंस्करण और रिफाइनिंग उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

सर्वोटेक पावर सिस्टम्स लिमिटेड के फाउंडर और एमडी रमन भाटिया ने कहा रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण खनिज लिथियम पर सीमा शुल्क में छूट से लागत कम हो जाएगी, जिससे लिथियम-आधारित टेक्नोलॉजी ज्यादा किफायती हो जाएंगी। पंप्ड स्टोरेज नीति, जो बिजली को स्टोर करने के लिए पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं को शामिल करती है, बढ़ती हुई नवीकरणीय ऊर्जा को हमारे ऊर्जा सिस्टम में आसानी से शामिल करने में मदद करेगी। इससे हमें एक स्थायी ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी। सोलर सेल और मॉड्यूल उत्पादन के लिए सोलर ग्लास के आयात पर सीमा शुल्क लगाने से डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। गैर-बायोडिग्रेडेबल पीवीसी फ्लेक्स बैनरों पर बीसीडी को 10% से बढ़ाकर 25% करना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम है। बिजली परियोजनाएं, जिनमें बिहार के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के नए पावर प्लांट की स्थापना शामिल है, बिहार को सोलर पावर वाले राज्यों की श्रेणी में लाएंगी, समग्र रूप से बिजली क्षमता को बढ़ाएंगी, मौजूदा बिजली क्षमता में वृद्धि करेंगी और नौकरियां उत्तपन्न करेंगी। कुल मिलाकर, बजट ने उन उल्लेखनीय परिवर्तनों को उजागर किया है जो उस राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे जिसकी हम सभी ने कल्पना की थी।

न्यूरॉन एनर्जी के सीईओ और को-फाउंडर प्रतीक कामदार ने कहा हम लिथियम और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट देने के केंद्रीय बजट के फैसले की सराहना करते हैं। यह महत्वपूर्ण कदम बैटरी सेल की उत्पादन लागत को काफी हद तक कम कर देगा, जो सीधे उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में तब्दील हो जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग खर्चों को कम करने से ईवी बैटरियों की कुल लागत कम हो जाएगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन अधिक आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प बन जाएंगे। यह पहल न केवल ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) उद्योग को बढ़ावा देती है, बल्कि टिकाऊ परिवहन समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है। हम उम्मीद करते हैं कि ये कदम इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में वृद्धि करेंगे, जिससे एक स्वच्छ और हरित परिवहन व्यवस्था की दिशा में सकारात्मक बदलाव आएगा।

बीलाइव (Blive) के सीईओ और को-फाउंडर समर्थ खोलकर ने कहा 2024 के केंद्रीय बजट ने भारत के ईवी और लास्ट माइल लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। 25 खनिजों (जैसे लिथियम) पर आयात शुल्क हटाने और सड़क कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने से ईवी को अपनाने में और मदद मिलेगी। ये 2030 तक 30 प्रतिशत ईवी बिक्री के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए रास्ता तय करने में भी मदद करेंगे।पीएलआई योजनाओं से सेल की कीमतें कम होने की संभावना है, जिससे बैटरी ज्यादा किफायती हो जाएंगी। बेहतर रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर माल की गति और लास्ट माइल की दक्षता में सुधार करेगा। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 30 लाख नौकरियों के निर्माण की संभावना हमारे आर्थिक इंजन को एक नई ऊर्जा देती है और विशेष रूप से दोपहिया वाहनों के क्षेत्र को लाभ पहुंचाती है। निवेशकों पर एंजल टैक्स को समाप्त करने से और बढ़ावा मिला है, जिससे हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा मिली है। इस कदम से स्टार्टअप्स पर वित्तीय और नियामक बोझ में काफी कमी आने की उम्मीद है, जिससे ज्यादा एंजल निवेशक ईवी और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में इनोवेटिव परियोजनाओं को फंड करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

हमें लगता है कि अब और भी बड़े कदम उठाने की जरूरत है। इलेक्ट्रिक वाहनों के सभी कंपोनेंट पर जीएसटी पांच  प्रतिशत कर दिया जाए, तो ये वाहन सस्ते होंगे और लोग इन्हें ज्यादा अपनाएंगे। हमारी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना चाहिए ताकि रेंज की चिंता को समाप्त किया जा सके और हमारे उपयोगकर्ताओं को सुगम सेवा प्रदान की जा सके। जब हम एक हरित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं, तो ऐसे अतिरिक्त कदम हैं जिनका असर देखकर हम सभी खुश होंगे। अब पूरी स्पष्टता के साथ, भारत पूरी तरह से चार्ज हो चुका है, और लास्ट माइल को नवीनतम, पर्यावरण के अनुकूल समाधानों के साथ बदलते हुए देखेगा। इलेक्ट्रिक, कुशल, और उत्साही ढंग से अपनाया गया भविष्य लॉजिस्टिक्स का है।

निष्कर्ष

भारत अपने ईवी और हरित मोबिलिटी लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति करेगा। बेसिक कस्टम ड्यूटी में कमी और जरूरी खनिजों पर छूट से बैटरी मैन्युफैक्चरिंग की लागत कम होगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घटेंगी और उनकी उपलब्धता बढ़ेगी। इससे भारत का ईवी बाजार और डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग मजबूत होगा, और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। खनिजों पर कस्टम ड्यूटी की छूट और कमी से इनकी प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग की लागत घटेगी, जिससे संबंधित उद्योगों की उत्पादन लागत कम होगी।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry