मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने एक नवीकरणीय ऊर्जा प्रदर्शनी में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए स्वैपेबल और मल्टीपर्पस बैटरी स्टोरेज टेक्नॉलोजी का अनावरण किया है। इन बैटरी का उपयोग इन्वर्टर के माध्यम से घरेलू उपकरणों को बिजली देने के लिए भी किया जा सकता है।
हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह इन उत्पादों को बाजार में कब उतारने की योजना बना रही है। इन बैटरी को रिलायंस इंडस्ट्रीज के बैटरी स्टेशनों पर बदला जा सकता है या छत पर सौर पैनलों का उपयोग करके घर पर फिर से चार्ज किया जा सकता है।
कंपनी का लक्ष्य तेल और रासायनिक पर निर्भरता को घटाना है और 2035 तक नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य को पूरा करना है। बैटरी और स्टोरेज समाधान विकसित करना स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की दिशा में उसके हरित प्रयास का हिस्सा है।
कंपनी ने 2021 और 2022 में लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1660 करोड़ रूपये) में दो बैटरी कंपनियों का अधिग्रहण किया था। इनमें से ब्रिटेन स्थित फैराडियन है जो सोडियम-आयन बैटरी बनाती है और दूसरी लिथियम वर्क्स है, जो लिथियम आयरन फॉस्फेट (एलएफपी) बैटरी बनाती है।
रिलायंस को पिछले साल सरकार के 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 19920 करोड़ रूपये) के कार्यक्रम के तहत 5-गीगावाट घंटे (जीडब्ल्यूएच) बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिला था, जिसका उद्देश्य स्थानीय बैटरी सेल उत्पादन को बढ़ावा देना है। फैक्ट्री 2026 तक स्थापित की जाएगी। बैटरी और कंटेनर के रूप में ऊर्जा स्टोरेज समाधान बनाएगी।
ऑटो टेक्नोलॉजी प्रमुख शहरों में प्रदूषण को कम करने और अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की देश की रणनीति के केंद्र में है। सरकार लागत कम करने और ईवी को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देने के लिए स्वैपेबल बैटरियों को प्रोत्साहित कर रही है।
लिथियम-आयन बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन का सबसे महंगा घटक है, जो वाहन की कुल लागत का लगभग 40 से 50 प्रतिशत है। जब देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ी है, तो इससे लिथियम आयन बैटरी की मांग को बढ़ावा मिला है।