व्यवसाय विचार

उद्यम पोर्टल पर 25 महीनों में एक करोड़ एमएसएमई ने कराया पंजीकरण: राणे

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 03, 2022 - 2 min read
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उद्यम पोर्टल पर 25 महीनों में करीब एक करोड़ एमएसएमई ने पंजीकरण कराया है। उद्यम पोर्टल पर दो करोड़ उद्यम पंजीकरण के लिए 16 महीने का लक्ष्य दिया था, जबकि 25 महीने बीत गए और इस अवधि में केवल एक करोड़ उद्यमियों ने पंजीकृत कराया हैं।

केंद्र सरकार छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये जरूरी नीतिगत कदम उठा रही है। उद्यमी सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे हैं। केंद्र सरकार ने छोटे उद्यमियों से सरकार को वस्तुओं की आपूर्ति के लिये सरकारी खरीद मंच जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल पर पंजीकरण कराने को भी कह था।

आज हर सेक्टर में एमएसएमई उबरते हुए नजर आ रहे है और उद्यम पोर्टल पर अपने आपको पंजीकरण भी करा रहे है। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा कि उद्यम पोर्टल पर 25 महीनों में करीब एक करोड़ एमएसएमई ने पंजीकरण कराया है। उन्होंने अधिकारियों को उद्यम पोर्टल पर दो करोड़ उद्यम पंजीकरण के लिए 16 महीने का लक्ष्य दिया था, जबकि 25 महीने बीत गए और इस अवधि में केवल एक करोड़ उद्यम ही पंजीकृत हो पाए हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 25 महीनों की अवधि में उद्यम पोर्टल पर एक करोड़ एमएसएमई ने स्वैच्छिक आधार पर पंजीकरण कराया है। इसके अलावा उद्यमों ने 7.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने की घोषणा की है, जिनमें से 1.7 करोड़ महिलाएं हैं। एमएसएमई मंत्रालय ने उद्यम आंकड़े साझा करने के लिए पर्यटन मंत्रालय और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

राणे ने उद्यम पंजीकरण को एमएसएमई के लिये एक पहचान बताया। उन्होंने कहा कि इससे छोटे उद्यमों को एमएसएमई मंत्रालय की योजनाओं का लाभ उठाने और बैंकों से प्राथमिकता क्षेत्र के तहत कर्ज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उद्यम पंजीकरण पोर्टल को 26 जून, 2020 को एमएसएमई की संशोधित परिभाषा अपनाने के बाद एक जुलाई 2020 को शुरू किया गया।एमएसएमई क्षेत्र ने पिछले आठ साल में आत्मनिर्भर भारत को एक आकार देने में बड़ी भूमिका निभायी है। सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिये पिछले आठ साल में बजट 650 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया है।

अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है तो सरकार न केवल उसे समर्थन कर रही है बल्कि नीतियों में जरूरी बदलाव भी ला रही है। खादी ग्रामोद्योग निगम (केवीआईसी) का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है, खादी बिक्री पिछले आठ साल में चार गुना बढ़ी है। सरकार ने एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और उसे गति देने को लेकर 6,000 करोड़ रुपये की योजना रैंप (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) की शुरूआत की। साथ ही वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिये पहली बार निर्यात करने वाले एमएसएमई निर्यातकों के क्षमता निर्माण (सीबीएफटीई) की योजना शुरू की।रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की नई विशेषताओं की भी शुरुआत की। इसमें मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिये अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करना शामिल है।

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