भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र मुख्य रूप से निर्माण और उत्पादन में शामिल है। यह निस्संदेह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। एमएसएमई देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करता है और देश के कुल निर्यात का लगभग 45 प्रतिशत बनाते हैं।
एमएसएमई को वार्षिक कारोबार के आधार पर 3 श्रेणियों में बांटा गया है।
पहला सूक्ष्म उद्यम – जिसका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये तक है। दूसरा छोटे उद्यम –जिसका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये से अधिक है लेकिन 75 करोड़ रुपये से कम है। तीसरा मध्यम उद्यम – जिसका वार्षिक कारोबार 75 करोड़ रुपये से अधिक है लेकिन 250 करोड़ रुपये से कम है।
भारत में, एमएसएमई ज्यादातर ग्रामीण और जो अभी शहर बन रहें है ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं, और वे क्षेत्रीय आर्थिक संतुलन और रोजगार के आवश्यक अवसरों को बनाए रखने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी व्यक्त किया है कि 2025 तक भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को पूरा करने में एमएसएमई की वृद्धि अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिसको लेकर सरकार एमएसएमई की हर तरीके से मदद कर रही है साथ ही कई ऐसी योजना भी निकाली है, जिससे एमएसएमई को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग एमएसएमई सेक्टर में रोजगार कर सकेगें।
पीएमईजीपी योजना
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है जिसे एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के तहत बेरोज़गार युवाओं को उनका अपना बिजनेस शुरू करने के लिए 20 लाख रुपये से 50 लाख तक का लोन दिया जाता है। जो व्यवसाय शुरू करने वाले हैं उसकी लागत का 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक देना होता है, 15 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में दिया जाता है और बाकी बैंक देता है टर्म लोन के रूप में, जिसे पीएमईजीपी लोन भी कहते हैं। सर्विस यूनिट के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट 20 लाख रुपये और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए 50 लाख रुपये तक है।
सीजीटीएमएसई योजना
क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज स्कीम के तहत उन सभी कारोबारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है जो बिजनेस के लिए लोन लेकर उसे चुका नहीं पाते हैं। साथ ही, प्राइम मिनिस्टर क्रेडिट गारंटी स्कीम के जरिये कारोबारियों को बिजनेस लोन के लिए जरूरत पड़ने पर गारंटी भी दी जाती है। क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट 50 लाख से अधिक और 100 लाख से कम के लोन पर अधिकतम 50 प्रतिशत की लोन गारंटी देनी पड़ती है।
एस्पायर योजना
नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक एस्पायर योजना बनाई गई है। तकनीक केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित करने और उद्यमिता में तेजी लाने और कृषि-उद्योग में नवाचार के लिए, स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए और केंद्र स्थापित करने में सहायता करता है।
इस योजना का उद्देश्य नए रोजगार सृजित करना और बेरोजगारी कम करना है। भारत में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देना है। जिला स्तर और जमीनी स्तर पर आर्थिक विकास देना है। सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अभिनव व्यावसायिक समाधान की सुविधा प्रदान करता है। एमएसएमई क्षेत्र की प्रतियोगितापूर्ण को और मजबूत करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देना है।
कृषि आधारित उद्योग के क्षेत्र सहित तकनीकी या अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से व्यावसायिक विचारों के कार्यक्रम के व्यवसाय मदद करता है। इन्हें नॉलेज पार्टनर के रूप में नामित किया जाएगा और इनके व्यावसायीकरण के लिए मौजूदा तकनीक को शामिल किया जाएगा। यह इनक्यूबेशन के लिए धन उपलब्ध कराता है और इस योजना और आजीविका व्यवसाय के बीच आवश्यक तालमेल बनाता है।