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- एसआईपी-ईआईटी योजना, एमएसएमई और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप को वित्तीय सहायता देती है
एसआईपी-ईआईटी, एक स्कीम है जो आईसीटीई सेक्टर में विकास के अवसरों को हासिल करने के साथ वैश्विक आइपी मूल्य और क्षमताओं को पहचानने के लिए इनोवेशन को प्रोत्साहित करने हेतु एमएसएमई और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप यूनिट्स को अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग के लिए वित्तीय सहायता देती है।
अंतरराष्ट्रीय पेटेंट फाइलिंग के लिए एमएसएमई और टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) द्वारा ई एंड आईटी (एसआईपी-ईआईटी) योजना में अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट संरक्षण के लिए समर्थन शुरू किया गया था।
यह योजना इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विकास के अवसरों को पकड़ती है और स्वदेशी इनोवेशन को प्रोत्साहित करती है।
योजना के लाभ
1.इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय फाइलिंग के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
2.अधिकतम प्रतिपूर्ति राशि आईएनआर 15 लाख प्रति आविष्कार या पेटेंट आवेदन दाखिल करने और प्रसंस्करण में किए गए कुल शुल्क का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, निर्धारित की गई है।
3.आवेदक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट आवेदन दाखिल करने के किसी भी चरण में इस सहायता योजना के लिए आवेदन कर सकता है। फिर भी, डीईआईटीवाई द्वारा सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन के अधीन एक पूर्ण आवेदन स्वीकार करने के बाद ही किए गए खर्चों के लिए प्रतिपूर्ति की अनुमति दी जाएगी।
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
1. आवेदक को भारत सरकार के एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट 2006 के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए, जिसे इस प्रकार के पंजीकरण के लिए मानदंडों के अनुसार एमएसएमई यूनिट के रूप में समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
2.आवेदक, भारत सरकार के कंपनी एक्ट के अंतर्गत एक पंजीकृत कंपनी होना चाहिए और उसे भारत सरकार के एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट 2006 में बताए अनुसार प्लांट और मशीनरी या उपकरण की निवेश सीमाओं को पूरा करना होगा, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
3.आवेदक, पंजीकृत एसटीपी यूनिट का होना चाहिए और उसे भारत सरकार के एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट 2006 के अनुसार प्लांट और मशीनरी या उपकरण की निवेश सीमाओं को पूरा करना चाहिए, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
4.आवेदक, इनक्यूबेशन केंद्र/पार्क में स्थित तकनीक इनक्यूबेशन उद्यम,स्टार्टअप या पंजीकृत कंपनी होना चाहिए और उसे भारत सरकार के एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट 2006 के अनुसार प्लांट और मशीनरी या उपकरण में निवेश की सीमाओं को पूरा करना चाहिए, जिसका समय-समय पर संशोधन किया जाता है।
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया
1.सबसे पहले, ब्रोशर अच्छे से पढ़ें और सुनिश्चित करें कि आप योग्यता मानदंड के अंतर्गत आते हैं।
2. आवेदन करने के लिए, आपको एक लॉग-इन आईडी क्रिएट करनी होगी, जिसका प्रयोग भविष्य में संपर्क करने के लिए किया जाएगा।
3. अपना उपयोगकर्ता खाता बनाने के बाद, आप लॉग इन कर सकते हैं और स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आगे बढ़ने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपने दिशानिर्देशों को अच्छे से पढ़ लिया है और ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरने के दौरान अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज़ की सूची देख ली है।
अपलोड किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ों की सूची
1.पात्रता मानदंड के अनुसार सभी पंजीकरण प्रमाण।
2. पिछली बार ऑडिट की गई बैलेंस शीट की स्कैन की गई प्रतिलिपि
3.यदि अंतर्राष्ट्रीय फाइलिंग के लिए अनुभाग 39 के अंतर्गत छूट के लिए आवेदन किया गया है, तो इंडियन पेटेंट ऑफिस के साथ आधिकारिक फाइलिंग की स्कैन की गई प्रतिलिपि।
4.यदि आवेदक निदेशक मंडल का कर्मचारी या सदस्य है, तो उसे डाक्यूमेंट्री प्रमाण की स्कैन की गई प्रतिलिपि के द्वारा उसकी पुष्टि करनी होगी।
5.वर्तमान आविष्कार का तकनीक विवरण फॉर्मेट के अनुसार पीडीएफ फॉर्मेट में भरकर दी जानी चाहिए।
6.पेटेंट खोज रिपोर्ट
7. ई-भुगतान के ट्रांसफर के विवरण के पीडीएफ फॉर्मेट में स्कैन की गई प्रतिलिपि फॉर्मेट के अनुसार उचित रूप से भरी होनी चाहिए। भुगतान के ई-ट्रांसफर के विवरण का फॉर्मेट डाउनलोड कर सकते है।
8.उचित रूप से हस्ताक्षरित और सील वाली, घोषणा पत्र के पीडीएफ फॉर्मेट में स्कैन की गई प्रतिलिपि।