ओडिशा को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में प्रचार और विकास में अच्छे योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चुना गया है। केंद्र ने विभिन्न श्रेणियों में घोषणा की है।एमएसएमई मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, ओडिशा ने एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाने वाले पुरस्कार की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।बिहार को दूसरा और हरियाणा को तीसरा स्थान मिला। आकांक्षी जिलों को पुरस्कार की श्रेणी में रखा गया है। ओडिशा के कालाहांडी जिले को एमएसएमई क्षेत्र मे प्रचार और विकास के लिए तीसरा पुरस्कार मिला है। तमिलनाडु में विरुधुनगर और राजस्थान में करौली को क्रमशः पहला और दूसरा पुरस्कार मिला है।
ओडिशा के एमएसएमई मंत्री प्रताप देब ने कहा कि यह क्षेत्र मूल्यवर्धन, रोजगार सृजन, राज्य की अर्थव्यवस्था के पूरे विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है, इसलिए सरकार ने खासकर पिछड़े क्षेत्रों में हमेशा इसके प्रचार और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए राज्य के प्रयासों की मान्यता है जो कृषि के बाद अधिकतम रोजगार पैदा करता है।
महामारी के कारण एमएसएमई क्षेत्र प्रभावित हुआ था और राज्य ने दिसंबर 2020 में महामारी से निपटने के लिए 290 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की थी। एक उचित खरीद नीति,जो एमएसएमई से कुछ उत्पादों की खरीद को अनिवार्य करती है और साथ ही राज्य ने यह भी सुनिश्चित किया था कि उनका उत्पादन और लॉजिस्टिक महामारी से बाधित न हो।विभिन्न राज्य को सरकार के विभागों द्वारा विभिन्न एमएसएमई के लंबित बकाया को भी प्राथमिकता के आधार पर मंजूरी दे दी गई।
आपको बता दें इससे पहले कई राज्यों को अलग- अलग श्रेणियों में एमएसएमई पुरस्कार से नवाजा गया है, जिसमे उत्तर प्रदेश, बंगाल, दिल्ली,राजस्थान,हरियाणा,महाराष्ट्र,केरल,तमिलनाडु,गुजरात,मध्यप्रदेश,तेलंगाना,र्कर्नाटक,झारखंड,ओडिशा,हिमाचल प्रदेश शमिल हैं। इन राज्यों के कुल मिलाकर 46 विजेताओं को पुरस्कार से नवाजा गया हैं, जिसमे उत्तर पूर्वी क्षेत्र का एक विजेता है, एससी/एसटी के दो और महिलाओं को पांच।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने उद्यमिता (मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस), उत्पाद की गुणवत्ता, नवाचार, निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग तकनीकों के क्षेत्रों में एमएसएमई क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करने के लिए 1983 में राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कारों की स्थापना की। एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार के विभाग को भी पुरस्कार उनके अधिकार क्षेत्र में एमएसएमई के प्रचार और विकास के लिए उनके अच्छे प्रयासों के लिए प्रदान किए जाते हैं।