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- केंद्र सरकार ने 18 हजार एमएसएमई को 500 करोड़ रूपये ट्रांसफर किए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसएमई सेक्टर को आश्वासन दिया कि केंद्र छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत बदलाव करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उद्यमी भारत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने छोटे उद्यमियों को सरकार को सामान की सप्लाई के लिए जीईएम पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी के साथ ही पीएम मोदी ने छोटे कारोबारियों के लिए नई स्कीम को लॉन्च किया। उन्होंने दिल्ली के विज्ञान भवन में राइजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस( रैंप) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और अन्य सुविधाओं का शुभारंभ किया।
रैंप के माध्यम से एमएसएमई सेक्टर की फाइनेंस और बड़े बाजारों तक आसान पहुंच होगी। अगले पांच वर्षों में विश्व बैंक के सहयोग से रैंप मे 6000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। पीएम ने कहा एमएसएमई सेक्टर का सशक्त होना जरूरी है। स्थानीय उत्पादों को ग्लोबल बना रहे हैं। इस क्षेत्र के लिए हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने 18 हजार एमएसएमई को 500 करोड़ रूपये ट्रांसफर किए हैं। केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत साढ़े 3 लाख करोड़ रूपए की मदद एमएसएमई के लिए सुनिश्र्चित की जिससे करीब 1.5 करोड़ रोजगार खत्म होने से बचे जो एक बहुत बड़ा आंकड़ा है।
मोदी ने कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पिछले आठ वर्षों में बजट में 650 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि की है। अगर कोई उद्योग विकास करना चाहता है, विस्तार करना चाहता है, तो सरकार न केवल उसका समर्थन कर रही है, बल्कि नीतियों में आवश्यक बदलाव भी कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि खादी और ग्रामोद्योगों का कारोबार पहली बार एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है और पिछले आठ वर्षों में खादी की बिक्री चार गुना बढ़ गई है।
पीएम मोदी ने कहा देश के निर्यात को बढ़ाने और उत्पादों को नये बाजारों तक पहुंचाने के लिये भारत के एमएसएमई क्षेत्र का मजबूत होना महत्वपूर्ण है। एमएसएमई के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और उसे गति देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की योजना रैंप (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिये पहली बार निर्यात करने वाले एमएसएमई निर्यातकों के क्षमता निर्माण (सीबीएफटीई) की योजना शुरू की। उन्होने कहा जो कदम उठाये गये हैं और उठाये जा रहे हैं, उनका उद्देश्य एमएसएमई को बढ़ावा देना और गुणवत्ता बढ़ाना है।
पीएमईजीपी लाभार्थियों को 2022-23 के लिये डिजिटल तरीके से सहायता का भी हस्तांतरण किया। साथ ही एमएसएमई आइडिया हैकॉथन, 2022 के परिणामों की घोषणा की और एमएसएमई पुरस्कार, 2022 दिए गए। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत कोष में 75 एमएसएमई को ‘डिजिटल इक्विटी’ प्रमाणपत्र भी दिये।
उन्होने कहा बिना गारंटी के बैंक लोन की मुद्रा योजना ने देश में महिला उद्यमियों, दलित, पिछड़े, आदिवासी उद्यमियों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है। इस योजना के तहत अबतक करीब 19 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। कर्ज लेने वालों में करीब सात करोड़ ऐसे उद्यमी हैं, जिन्होंने पहली बार उद्यम शुरू किये हैं और नए उद्यमी बने हैं। मुद्रा योजना के तहत लाभार्थियों को दिये गये 36 करोड़ रुपये कर्ज में से 70 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों को दिये गये हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को 2014 के बाद नया रूप दिया गया था क्योंकि यह 2008-2012 के बीच की अवधि में अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाया। वर्ष 2014 से अबतक इस कार्यक्रम के तहत 40 लाख से ज्यादा नौकरियां सृजित हुई हैं। समावेशी विकास की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रांसजेंडर उद्यमियों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।