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- कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, सिकंदराबाद के नए कमांडेंट बने मेजर जनरल हर्ष छिब्बर
मेजर जनरल हर्ष छिब्बर ने 31 मई, 2024 को रियर एडमिरल संजय दत्त से सिकंदराबाद स्थित कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट के कमांडेंट का पदभार ग्रहण कर लिया है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र रहे मेजर जनरल हर्ष छिब्बर को दिसंबर, 1988 में सैन्य सेवा कोर में कमीशन प्राप्त हुआ था। मेजर जनरल हर्ष छिब्बर पब्लिक पॉलिसी में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री के साथ-साथ बिजनेस मैनेजमेंट एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में दो एमफिल की डिग्रियों के धारक भी हैं। उन्होंने तकनीकी स्टाफ अधिकारी पाठ्यक्रम (टीएसओसी), उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम (एचडीएमसी) और लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीपीए) का पाठ्यक्रम भी पूरा किया है।
मेजर जनरल छिब्बर के सैन्य अनुभव में पूर्वी, उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्रों में विभिन्न महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करना शामिल हैं। उन्होंने पैरा एएससी कंपनी, एक एएससी बटालियन और एएससी प्रशिक्षण केंद्र की कमान को बखूबी संभाला है। वे पूर्वी क्षेत्र में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ (सूचना प्रणाली) और उत्तरी क्षेत्र में मेजर जनरल (ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स) भी रह चुके हैं।मेजर जनरल छिब्बर ने आर्मी सर्विस कोर सेंटर एंड कॉलेज में प्रशिक्षक के रूप में और कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट में वित्तीय प्रबंधन विभाग के निदेशक कार्मिक तथा प्रमुख के रूप में भी काम किया है। उनके द्वारा विकसित एवं कार्यान्वित किए गए सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बड़ी संख्या में कई इकाइयों में उपयोग किये जा रहे हैं।
आर्मी सर्विस कोर सेंटर एंड कॉलेज
कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, सिकंदराबाद (सीडीएम) एक भारतीय रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान है, जो रक्षा सेवकों को प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान करता है। सीडीएम को तीनों सेवाओं के वरिष्ठ नेतृत्व में समकालीन प्रबंधन विचारों, अवधारणाओं और प्रथाओं को स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एक शैक्षणिक संस्थान है, जो भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को वैज्ञानिक और प्रबंधन शिक्षा प्रदान करता है। सशस्त्र बलों को रक्षा प्रबंधन प्रशिक्षण के लिए एशिया में एकमात्र विशिष्ट कॉलेज माना जाने वाला यह संस्थान, भारतीय सशस्त्र बलों के प्रबंधन के तहत चलाया जाता है। यह भारत के तेलंगाना राज्य में सिकंदराबाद के सैनिकपुरी में है।
लॉन्ग डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स
कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट की शुरुआत दिसंबर 1970 में रक्षा सेवा के अधिकारियों को आधुनिक प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ब्रिगेडियर वी. ध्रुव के साथ संस्थापक निदेशक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के सैन्य महाविद्यालय (एमसीईएमई) के एक भाग के रूप में रक्षा प्रबंधन संस्थान (आईडीएम) के नाम से हुई थी। सीडीएम ने मार्च 1971 में 44 छात्रों के साथ लॉन्ग डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स (एलडीएमसी) का पहला बैच शुरू किया था। इसके बाद से इसे स्नातकोत्तर, एम.फिल और डॉक्टरेट स्तरों पर तीन स्तरों के पाठ्यक्रमों को शामिल करने के लिए उन्नत किया गया। वर्ष 1978 तक, कॉलेज में चार कार्यात्मक संकाय थे, जैसे कि संगठन व्यवहार संकाय, निर्णय विश्लेषण संकाय, अनुसंधान और परामर्श संकाय और प्रशिक्षण सहायता संकाय। जनवरी 2004 में फैकल्टी ऑफ इनफार्मेशन सिस्टम्स (सूचना प्रणाली संकाय) को भी यहां जोड़ा गया।
प्रबंधन अध्ययन में अनुसंधान
वर्ष 1983 में सीडीएम को अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के सहयोगी सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया। सीडीएम को अप्रैल 1985 में कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट के रूप में फिर से नामित किया गया था। वर्ष 1986 में, अखिल भारतीय प्रबंधन संघ ने एलडीएम पाठ्यक्रम को रक्षा प्रबंधन में निर्देश के एक उन्नत पाठ्यक्रम के रूप में प्रमाणित किया। उस्मानिया विश्वविद्यालय ने अगस्त 1994 में सीडीएम पाठ्यक्रमों को मान्यता दी और मार्च 2005 में इसे प्रबंधन अध्ययन में अनुसंधान करने के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में मान्यता दी गई। कॉलेज तीनों सेवाओं को अनुसंधान और परामर्श सेवाएं प्रदान करता है। साथ ही उनकी ओर से परियोजनाएं शुरू करता है। यह प्रबंधन सत्र आयोजित करके सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सेवा भी करता है।