राजस्थान के कोटा में सोमवार दो दिवसीय राष्ट्रीय रक्षा एमएसएमई कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी शुरू हुई है। प्रदर्शनी में टी-90 और बीएमपी-2 टैंक, आर्टिलरी गन, विभिन्न प्रकार के स्नाइपर और मशीनगन और सैन्य पुल सहित रक्षा उपकरण प्रदर्शित किए जा रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन करने वाले युवा और एमएसएमई भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आयोजन में रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली 50 से अधिक स्टार्टअप कंपनियां भाग ले रही हैं। कॉन्क्लेव का औपचारिक उद्घाटन मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट करेंगे। कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, प्रमुख रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधि और रक्षा विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं। ड्रोन लाइट शो और लाइव कॉन्सर्ट भी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा। राजस्थान में पहली बार डिफेंस कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत पर जोर देने के बाद देश में सबसे आगे कोई क्षेत्र बढ़ रहा है वे एमएसएमई है। सरकार द्रारा नई-नई योजनाओं के तहत स्टार्टअप कंपनी की मदद की जा रही है ताकि हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकें।
वहीं बात की जाए सरकार की ओर से योजनाओं की तो पिछले हफ्ते एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने बताया कि उद्यम और एमएसएमई स्थापित करने के लिए गोवा में 200 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जाएगा। राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा मुझे यकीन है कि गोवा को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने, रोजगार पैदा करने, उद्योगों को विकसित करने, देश की जीडीपी को बढ़ावा देने और आत्मानिर्भर भारत में योगदान देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किया गया काम अच्छा है।
नई योजना ने इसी तरह की योजना को बदल दिया गया था जो पिछले साल मार्च में समाप्त हो गई थी। नई योजना में यह भी कहा गया है कि एमएसएमई को भुगतान में प्राथमिकता सुनिश्चित की जाएगी और संबंधित विभाग माल की डिलीवरी या निविदा कार्य पूरा होने पर एमएसएमई द्वारा अंतिम चालान जमा करने के 60 दिनों के भीतर यूनिट को भुगतान करेगा। भुगतान नहीं होने की स्थिति में विभाग को 0.75 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से ब्याज देना होगा।
सरकार के उद्यम पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार 11 सितंबर तक उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत 1.07 करोड़ लोगों ने एमएसएमई में से, गोवा में 0.18 प्रतिशत वहीं 19,939 यूनिट थीं। राज्य में कुल यूनिट में से 18,957 सूक्ष्म उद्यम थे, 876 छोटे व्यवसाय थे और 106 मध्यम उद्यम थे। जिलेवार 11,610 एमएसएमई उत्तरी गोवा में थे जबकि 8,329 एमएसएमई दक्षिण गोवा में थे। स्थानीय एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने इस साल जुलाई में पांच साल के लिए प्रमुख योजना अधिसूचित की है। राज्य सरकार द्वारा एक अधिसूचना में कहा गया है कि योजना के तहत पात्र एमएसएमई को "सरकारी विभाग, निकायों,निगमों, अर्ध-सरकारी विभागों या उनके द्वारा की गई किसी भी खरीद द्वारा जारी किसी भी निविदा में विशेष उपचार" दिया जाएगा।