व्यवसाय विचार

क्या तकनीकी रूप से प्रेरित गैजेट अलमारियों से खिलौने को हटवा रहे हैं ?

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk May 22, 2019 - 3 min read
क्या तकनीकी रूप से प्रेरित गैजेट अलमारियों से खिलौने को हटवा रहे हैं ? image
रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुसार 2017-2021 की अवधि के दौरान वैश्विक शैक्षिक खिलौने बाजार 9.63% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद करता है।

रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुसार 2017-2021 की अवधि के दौरान वैश्विक शैक्षिक खिलौने का बाजार 9.63% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद करता है। लगभग हर कोई तकनीकी रूप से जुड़े रहने के बुखार से पीड़ित है, जहॉं टेक्नोलॉजी मास्टर है और हम एक गुलाम के रूप में कार्य करते हैं। बच्चे अलग नहीं हैं,अपने प्लास्टिक और लकड़ी के खिलौने को छोड़कर वे भी इस तकनीकी रूप से संचालित गेम, गैजेट्स के आदी हो गए हैं |

रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुसार 2017-2021 की अवधि के दौरान वैश्विक शैक्षिक खिलौने बाजार 9.63% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद करता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बाजार के प्रमुख ड्राइवरों में से एक के -12 स्कूलों में सीखने वाला अभिनव स्टेम (STEM) सिस्टम । स्टेम (STEM) (विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, और गणित) सीखना दुनिया भर के स्कूलों की सफलता के प्रमुख निर्धारकों में से एक रहा है। प्लास्टिक और लकड़ी के खिलौने के बाजार पर संकट आने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ का नाम  इस प्रकार है:

वर्किंग पेरेंट्स के लिए कवर अप:

कामकाजी माता-पिता को बच्चे को लाड़ प्यार करके अपने बच्चे के जीवन में उनकी अनुपस्थिति को ढंकना आसान लगता है। वे इन गैजेट्स को खरीदते हैं जिससे ऑनलाइन गेम या वीडियो में बच्चे व्यस्त रह सके और उनको अपने माता पिता को याद करने का कम से कम समय मिले ।

ये माता-पिता अक्सर इस तथ्य को अनदेखा करते हैं कि इस उम्र में जब मस्तिष्क नई चीजों को सीखने में सक्रिय होता है तब इस तरह की वीडियो और गेम से मस्तिष्क को सीखने में बाधा उत्पन्न होती है।

भविष्य के लिए तैयार:

कई स्कूल और प्लेस्कूल सुपर फास्ट रनिंग की दुनिया के साथ तालमेल रखने की कोशिश कर रहे हैं, यही वजह है कि बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए वे बच्चों को नई चीजें सिखाने के स्थान पर टेक्नोलॉजी और तकनीकी उपकरणों को अपना रहे हैं। एक बार बच्चे तकनीकी सामान के आदी हो जाते हैं, उन्हें उन खिलौनों में वापस लाना असंभव हो जाता है जो तकनीक से बहुत दूर हैं। रोबोटिक्स और रिमोट नियंत्रित कारों का उपयोग बच्चों के लिए तब तक मज़ेदार होता है जब तक वे टूट नहीं जाते हैं, उसके बाद, वे गैजेट पर वापस जाते हैं।

परस्पर-निर्भर व्यवसाय:

एक व्यवसाय चलाना जो विभिन्न कारकों पर निर्भर है आसान नहीं है, यह ग्राहकों की निरंतर बदलती मांगों और उत्पादन से मेल खाने के लिए बहुत प्रयास करता है। खिलौना और शिक्षा व्यवसाय साथ साथ चल रहे हैं। खिलौना व्यवसाय शैक्षिक कारकों को ध्यान में रखते हुए समय के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, वही शिक्षा व्यवसाय के साथ जाता है जो बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में तकनीकी रूप से संचालित गैजेट को अपनाकर खेल में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।

जगह और सुरक्षा का अभाव:

भारत में विशेष रूप से बच्चों को अपने माता-पिता के बिना घर से बाहर खेलने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं हैं, यही वजह है कि माता-पिता के लिए यह आसान विकल्प है कि वे अपने बच्चे को सुरक्षित रखें और घर पर तनाव मुक्त रहें। इस प्रकार कामकाजी माता-पिता अपने बच्चों को तकनीकी रूप से संचालित गैजेट्स के साथ अपने घर में आराम के लिए और एक बड़े सदस्य के मार्गदर्शन में उन्हें रखने के लिए तकनीकी रूप से संचालित गैजेट के साथ अपने बच्चों को आया या बड़े बुजुर्गों के साथ छोड़ना पसंद करते हैं। क्योंकि गैर-तकनीकी खिलौने साथी के साथ खेलने के लिए कहते हैं और एक अकेले बच्चे के लिए यह उबाऊ हो जाता है।

जब बच्चे को टेक्नोलॉजी के करीब रखने के लिए उचित बातें हैं, तो इस नई तकनीक के बुखार से जुड़े कई दुष्प्रभाव भी हैं। खिलौना कंपनियों को इस दौड़ में बने रहने के लिए टेक्नोलॉजी के आगे खुद का आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए बल्कि नए और रोचक खिलोनो के साथ आना चाहिए जिससे बच्चों का मनोरंजन और उन्हें व्यस्त रखा जा सके ।     

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