आज के समय में हर किसी के जीने का तरीका बदल गया है।, चाहे कोई न्यूक्लियर फैमिली से हो,कामकाजी दंपती हों या फिर अकेले रहने वाली मां, लेकिन हर कोई अपने जीवन में आगे बढ़ रहा है।
भारतीय लोगों की आबादी ज्यादा तर न्यूक्लियर फैमिली से संबंध रखती है, जैसे की पहले टाइम के वर्किंग पेरेंट्स अपने बच्चों को दादा-दादी के पास छोड़कर काम पर जाते थे, जो की भारत में एक आम बात है, लेकिन समय के अनुसार सब कुछ बदल गया है। इन दिनों कामकाजी माता-पिता डे-केयर सेवाओं का चयन कर रहे हैं ताकि उनके बच्चों का विकास दिन-प्रतिदिन बढ़ता रहे।
डे-केयर ने कामकाजी माता-पिता के जीवन को बहुत आसान और सुविधाजनक बना दिया है, अब उन्हे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, क्योकि डेकेयर सेंटर बच्चों का शिक्षा से लेकर उनके शारीरिक विकास तक का भी बहुत अच्छे से ध्यान रखते है। वहां पर रहकर बच्चे स्कूल के माहौल के लिए आत्म निर्भर और बेहतर तैयार हो जाते हैं।
यदि आप डे-केयर व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह व्यवसाय आपके लिए बहुत शानदार है, क्योंकि बाजार ऐसे व्यवसायों के लिए बहुत अच्छा है। कनसल्टिंग और डेकेयर व्यवसाय खोलना बहुत अच्छा निर्णय होगा। भारत में डेकेयर फ्रैंचाइज़ी क्यों फल-फूल रही है?' जानने के लिए पढ़े।
1. बाजार पर रिसर्च करें
सबसे पहले, आपको बाजार को एनालाइज करना होगा। इससे आपको यह अंदाजा हो जाएगा कि इस व्यवसाय को शुरू करने में किन - किन चीज़ो की जरूरत होगी।
अपने रिसर्च में, डे-केयर व्यवसाय के लिए सभी कानूनी और वित्तीय आवश्यकताओं की एक सूची तैयार करें। इसके अलावा, अपने प्रतिद्वंद्वियों को जानें, उन सेवाओं का रिकॉर्ड रखें जो वे प्रदान कर रहे हैं और डिलीवरी में कहां चूक हो रही है उसकी कमी को भी ध्यान में रखे। इस रिसर्च के माध्यम से आप अपने बिज़नेस में अच्छी से अच्छी सुविधा दे सकते है।
2. डे-केयर व्यवसाय योजना बनाएं
अपने डे-केयर व्यवसाय के बारे में जानने के बाद, उसकी योजनाओं को तैयार करना होगा। जैसे-जैसे डे-केयर सेंटर की संख्या दिन-भर-दिन बढ़ती जा रही है, उसी हिसाब से प्रतियोगियों को पीछे छोड़ने के लिए योजनाओं को बनाना बेहद जरूरी हैं।
बच्चों के आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजना बनाएं जैसे की आपके काम के घंटे क्या होंगे, आपकी ताकत और कमजोरियां, आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाएं, पूंजी और स्थान।अपना आला तय करें और उसी के अनुसार अपनी योजना को बनाएं।
3. कैपिटल (पूंजी)
व्यवसाय स्थापित करने के लिए आपको पूंजी की जरूरत होगी, जो आप अपने बिज़नेस में लगाएंगे, जैसे की लाइसेंस लागत, रेंट लागत, स्टाफ को काम पर रखन, फर्नीचर लागत और छोटी – छोटी चीज़ो पर होने वाला खर्च। जब आपको कुल राशि का पता चल जाता है, तो आप फंडिंग विकल्पों की तलाश शुरू करें, और अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप चुनें।
4. पेरेंट्स को कैसे दिलाए भरोसा
अगर आपने चाइल्ड ट्रेनिंग में कोई स्पेशलाइजेशन कोर्स किया है, तो वह आपके लिए सोने पे सुहागा वाली बात होगी। यह डे-केयर व्यवसाय के लिए एक बोनस की तरह है।
लाइसेंसिंग माता-पिता के आत्मविश्वास को भरोसा दिलाते है क्योंकि आपके प्रमाण पत्र आपको व्यवसाय शुरू करने और आपकी देखभाल के तहत बच्चों को सौंपने के लिए फिट होंगे। आपका स्टाफ सेवाएं देने के लिए योगय होना चाहिए ताकि ऐसे लोगों को काम पर रखा जा सके।
5. डे-केयर अच्छी लोकेशन में होना चाहिए
यदि आपके पास विशाल प्रॉपर्टी है, तो आप होम डेकेयर सेंटर भी खोल सकते हैं, या फिर एक अच्छी लोकेशन में किराए पर लेकर उसे शुरू किया जा सकता है। किसी स्थान का चयन करते समय बच्चों की सुरक्षा और स्वच्छता आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, जैसे की कम प्रदूषण वाली जगह, ज्यादा भीड़-भाड़ वाला इलाका नहीं होना चाहिए, यातायात वाली जगहों पर कभी न खोले। अपने कुल खर्च को कम करने के लिए कम किराए के साथ स्थान पर विचार करें।
6. लाइसेंस या फ़्रेंचाइज़ लें
आप डे-केयर व्यवसाय खोलना चाहते हैं, तो आपको इसे संचालित करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। डेकेयर व्यवसाय शुरू करने के लिए, आपको आवश्यकताओं जैसे छात्राओं, स्टाफ का होना और स्वच्छता का पालन करना बेहद जरूरी है। एक बार जब आप तैयार हो जाएं, तो लाइसेंस के लिए आवेदन करें। वे आगे बढ़ने से पहले अपने डेकेयर प्रस्ताव को देखना चाहते हैं, इसलिए अपने डेकेयर बिज़नेस प्लान को तैयार रखें।आप किसी प्रसिद्ध ब्रांड के साथ फ़्रेंचाइज़ के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
डे-केयर व्यवसाय स्थापित करने के बाद, माता-पिता की प्रतिक्रिया के आधार पर अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में अपने ईमानदार प्रयासों को निर्देशित करें। आप विज्ञापन के ज़रीये अपनी पहुंच और व्यवसाय को बढ़ा सकते है।