समय के साथ-साथ हमने कई बार देखा है कि कैसे व्यवसाय अपने आपको ग्राहक के अनुकूल ढाल रहे हैं ताकि वे ग्राहक को आराम से अपनी सेवाएं व प्रोडक्ट दे सकें और अपने व्यवसाय को आराम से चला सकें।समय के साथ-साथ हमने कई बार देखा है कि कैसे व्यवसाय अपने आपको ग्राहक के अनुकूल ढाल रहे हैं ताकि वे ग्राहक को आराम से अपनी सेवाएं व प्रोडक्ट दे सकें और अपने व्यवसाय को आराम से चला सकें।
दि इंटरनेशनल फ्रैंचाइज एसोसिएशन 2018 की अपनी फ्रैंचाइज बिजनेस आउटलुक के साथ आ गई है। उसमें उन्होंने बताया है कि कैसे लगातार पिछले आठ सालों में फ्रैंचाइज इंडस्ट्री के विस्तार ने उनका विकास किया है। 2017 में 1.6 प्रतिशत विकास करने के बाद अब फ्रैंचाइज 7,59,000 जगहों पर 1.9 प्रतिशत की वृद्धि करने की तैयारी में है। जबकि रोजगार में 2017 में 3.1 प्रतिशत के बाद यह बढ़कर 3.7 प्रतिशत से 8.1 मिलियन कर्मचारी हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, फ्रैंचाइज व्यवसाय आउटपुट में वृद्धि 6.2 प्रतिशत से 757 बिलियन डॉलर हो जाएगी।
खत्म होती भाषा बाधा
व्यवसाय की सफलता मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करती है कि ग्राहक क्या चाहते हैं न कि आपने उनको क्या ऑफर किया है। न सिर्फ पिछले कुछ सालों में बल्कि इस साल भी इस इंडस्ट्री में यह देखा जा रहा है कि कैसे ग्लोबल ब्रांड जैसे अमेज़ॉन, गूगल और इनके जैसे अन्य ब्रांड ने भारतीय भाषाओं को अपने में शामिल किया है। ये कदम सिर्फ ग्राहकों की सहायता करने के लिए उठाया गया है ताकि उनके ब्रांड का उपयोग
बिना किसी मेहनत के किया जा सकें।
ये ब्रांड दिन-ब-दिन विकास कर रहें हैं क्योंकि उन्होंने भाषा की बाधा को दूर किया है। इन्होंने ग्राहकों पर दबाव डालकर अपने तरीके से इसे इस्तेमाल करने की जगह ग्राहक को उसकी इच्छानुसार प्रोडक्ट और सर्विस देने में ध्यान दिया है।
बैंडविड्थ का विस्तार
ये बहुत जरूरी है कि ब्रांड अपने दिव्यांग ग्राहकों को भी ध्यान में रखें। ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों के अनुकूल बन अपने बैंडविड्थ में विस्तार करना न सिर्फ ज्यादा अवसरों को प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि ये आपके ब्रांड को प्रतिस्पर्धा में भी आगे रखने में सहायक साबित होगा।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनिइटेड स्टेट के उत्तर-पूर्वी वाशिंगटन के पास गैलोडेट के कैम्पस में यूएस कॉफी दिग्गज़ स्टारबक्स ने अपना पहला 'सिग्नेचर स्टोर' खोला है। यह विश्व की एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसका पूरा पाठ्यक्रम बधिर और कम सुनने वालों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उस स्टोर के सभी स्टाफ सदस्य या तो बधिर है या फिर कम सुनने वाले हैं। इसलिए स्टोर में ग्राहकों से बात करने के लिए संकेत भाषा का प्रयोग करने की जरूरत होती है।