पैकेजिंग स्टार्टअप बिजोंगो ने लिक्विडिटी ग्रुप के फंड- मार्स ग्रोथ कैपिटल से 25 मिलियन डॉलर(करीब 200 करोड़ रुपये) हासिल किए है। यह दक्षिण पूर्व एशिया में विस्तार करने और सप्लाई चेन व्यवसाय के लिए अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए पूंजी का उपयोग करेगा।
मार्स ग्रोथ कैपिटल और लिक्विडिटी ग्रुप का ग्लोबल सीआरओ के प्रबंध निदेशक यारोन प्रिमोविच ने कहा फंडिंग बहुत कम इन्वेंट्री स्तर पर पैकेजिंग सामग्री और बिना स्टॉक-आउट की 100 प्रतिशत उपलब्धता की अनुमति देगा, साथ ही बिजोंगो के ग्राहकों को उनकी ऑर्डर-टू-ऑर्डर उत्पाद लाइन खरीद लागत को कम करने में मदद करेगा।
बिजोंगो 2015 में आईआईटी ग्रेजुएट अनिकेत देब, सचिन अग्रवाल और अंकित तोमर द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक तकनीक-सक्षम बिजनेस 2 बिजनेस (बी2बी) प्लेटफॉर्म है, जो कंज्यूमर ड्यूरेबल, फैशन, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, होम एंड परसोनल केयर सहित विभिन्न क्षेत्रों में पैकेजिंग सॉल्यूशन देता है। इसके अलावा, बिजोंगो अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म-प्रोक्योर लाइव, पार्टनर हब और आर्टवर्क फ्लो के माध्यम से स्पलाई चेन ऑटोमेशन, फाइनेंसिंग और डिजिटल वेंडर मैनेजेमंट सर्विस भी देता है।
अग्रवाल ने कहा बिजोंगो भारतीय निर्माताओं को अपनी आपूर्ति श्रृंखला को स्वचालित करने, कार्यशील पूंजी तक पहुंचने और अपने ग्राहकों को बढ़ाती है। हम एसई एशिया में निर्माताओं के लिए लाभ लाना चाहते हैं और उन्हें बड़े पैमाने पर मदद करना चाहते हैं। मार्स ग्रोथ कैपिटल की क्रेडिट लाइन हमारे विस्तार को और अधिक क्षेत्रों में बढ़ावा देगी।
हालही में बिजोंगो ने मुंबई स्थित आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और रियल-टाइम लोकेशन सर्विसेज (आरटीएलएस) सॉल्यूशन प्रोवाइडर क्लीन स्लेट टेक्नोलॉजीज का अधिग्रहण किया था। इस डील से बिज़ोंगो का लक्ष्य 2023 तक 100 से अधिक भारतीय कारखानों को अपने आईओटी -संचालित क्लाउड फ़ैक्टरी समाधान से लैस करना है।
टेक प्लेटफॉर्म ने कारखाने के संचालन के बारे में डाटा और अंतर्दृष्टि उत्पन्न करने के लिए क्लीन स्लेट की संपत्ति, सामान, सुविधाओं और सेंसर पर नज़र रखने वाले लोगों को एकीकृत करने की योजना बनाई थी। आईओटी संचालित क्लाउड फैक्ट्री एमएसएमई और उनके डॉमेस्टीक होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिए उत्पादन दृश्यता बढ़ाएगी।
बिजोंगो के सह-संस्थापक अंकित तोमर ने कहा कि सरकार की मेक इन इंडिया पहल का उद्देश्य भारत को विश्व मानचित्र पर एक मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इससे मैन्युफैक्चरर के लिए उभरती टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना अनिवार्य हो जाता है जो उनके कारखानों को और अधिक कुशल बनाते हैं। उन्होने आगे कहा क्लाउड फैक्ट्रियों की यहां महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि वे एक निर्माता को फ्लोर लेवल ऑपरेशंस और पूरी वैल्यू चेन में दृश्यता देने में सक्षम बनाती हैं।