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- चंडीगढ़ में इसलिए जरूरी है स्टार्टअप के लिए व्यवसाय समाधानों का विकास
एक ऑनलाइन सर्वे के अनुसार, चंडीगढ़ के बहुत से ग्रेजुऐट स्टूडेंट्स मार्गदर्शन की कमी का सामना करते हैं विशेष रूप से उद्यमी बनने के क्षेत्र में।
फ्ल्पिकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल और बिन्नी बंसल जो चंड़ीगढ़ से है और उन्होंने अपना काम बेंगलुरु से शुरू किया। कपिल देव, जो चंडीगढ़ से है उन्होंने अपना काम 'कपिल देव्स इलेवन' चंडीगढ़ से बाहर शुरू किया। ये उदाहरण इस सर्वे के परिणाम को सही साबित करते हैं।
आइए जानते हैं कि चंडीगढ़ में स्टार्टअप शुरू करने पर आपको किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार से प्रतिरोध: सरकार की तरफ से चंडीगढ़ को बहुत से प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है। सर्वे के अनुसार, सरकार युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सही सेमिनार और मीटिंग का आयोजन नहीं करती है।
जागरूकता में कमी: इस सर्वे से यह भी खुलासा हुआ है कि यहां पर उचित संख्या में बड़े-बूढ़े नहीं है जिनका संबंध किसी व्यवसाय जगह से हो, जो स्टार्टअप मालिक और उत्साही उद्यमी का मार्गदर्शन कर सकें और उनकी व्यवसाय संबंधी समस्याओं को हल करने में मदद कर सकें।
नहीं है स्टार्टअप इकोसिस्टम: सर्वे में बताया गया है कि बहुत से युवाओं ने नो स्टार्टअप ईकोसिस्टम को ज्यादा महत्व दिया है, जो चंडीगढ़ में है। अगर आपके पास कोई बुजुर्ग या बड़ा इस उद्यमी बनने का मार्गदर्शन करने के लिए नहीं है तो यहां पर कोई स्टार्टअप ईकोसिस्टम नहीं होगा जहां पर शुरुआत करने वाले लोगों की सामान्य समस्याओं पर चर्चा हो सके। हम कुछ व्यवसाय संबंधी समाधान लेकर आएं है जो चंडीगढ़ में प्रोत्साही उद्यमी और स्टार्टअप के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
सरकार की तरफ से मदद: यह सरकार का काम है कि वे सभी पॉलिसी और आवश्यक कदमों की जानकारी दें जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सके। युवा जो विशेष रूप समाज के निम्न स्तर से संबंध रखते है वे पूरी तरह से फंड पाने और अपने विचारों से अपने व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए, सरकार की पॉलिसियों पर निर्भर होते है।
इसलिए, सबसे पहला और जरूरी कदम है कि स्थानीय सरकार युवाओं को प्रेरित करने के लिए कदम उठाएं और एक ऐसा मंच दें जहां पर वे एकजुट हो और एक दूसरे की समस्याओं को हल कर सकें हाल ही में, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राज़िज के लोन को स्वीकृति देने के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया है। ये नए पोर्टल तेज प्रक्रिया के माध्यम से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राज़िज को मात्र 59 मिनटों में एक करोड़ रूपए के फंड की स्वीकृति दिलाती है, वह भी बिना किसी ब्रांच में गए हुए।
निजी सेक्टर की भागीदारी: सरकारी के अलावा प्राइवेट सेक्टर भी इस स्थिति का लाभ उठा सकते है और सेमिनार, मीटिंग, शो और इवेंट को आयोजित कर दिशाहीन युवाओं की मदद कर सकते हैं। निजी संगठन एक मंच तैयार करें और उसमें अनुभवी उद्यमियों को निमंत्रित करें, जो चंडीगढ़ के स्टार्टअप व्यवसाय को मदद और समाधान देने के लिए आएं। स्थापित स्टार्टअप और उद्यमी भी एक 'स्टार्टअप इकोसिस्टम' का निर्माण कर सकते हैं जहां पर वे एक दूसरे की चुनौतियों को बांट सकते हैं और क्षमता रखने वाले विचारों को फंड देकर मदद कर सकते हैं।
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