चांदी भारतीयों का दूसरा सबसे पसंदीदा आभूषण धातु है। सोने की कीमतों में मौजूदा गिरावट के साथ, चांदी भारतीयों का नया प्यार बन गया है। आज भारत में चांदी के आभूषण उद्योग पहले ही 15,000 करोड़ रुपए की बाजार क्षमता पर पहुंच गया है और अगले तीन से पांच वर्षों में 300 प्रतिशत बढ़कर 45,000 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
कई ब्रांड चांदी के आभूषण उद्योग में प्रवेश कर रहे हैं। हाल ही में, मिया (Mia) के नाम से तनिष्क ने भारतीय बाजार में चांदी के आभूषणों का शुभारंभ किया है। आधुनिक चांदी के आभूषणों को पेश करने वाले पहले ब्रांडों में से एक होने के नाते, तनिष्क के मिया ने आधुनिक, सामान्य चांदी आभूषणों के प्रदर्शन के मानदंड को तोड़ दिया है। ये आभूषण सस्ते, सुंदर और स्टाइलिश भी हैं।
आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में जिस वजह से ब्रांड अलग-अलग सेग्मेंट में जा रहे हैं।
'सिर्फ आभूषण' से कहीं ज्यादा
आज की भारतीय महिलाएं अपने व्यक्तित्व को प्रकट करने के लिए भी आभूषणों से सजाती है। वे नए डिजाइन और रुझानों के साथ चलने के लिए तैयार हैं। महिलाओं को चांदी के गहने ये सभी विकल्प देतें है वह भी सस्ती कीमतों पर। तनिष्क, मिया के बिज़नस हेड भविष्य केलप्पन ने नए चांदी संग्रह के बारे में बात करते हुए कहा, 'हम एक आधुनिक चांदी संग्रह लॉन्च करने वाले पहले कुछ ब्रांडों में से एक होने पर गर्व करते हैं जो आज की युवा महिलाओं के लिए आधुनिक, स्टाइलिश, सुन्दर और सस्ती हैं। आज की युवा महिला फैशन के नए रुझानों को अनुसरण करने की कोशिश करने के लिए जीवंत और खुली हैं और ये वह महिलाएं हैं जो अपने जीवन के छोटे-छोटे पलों की सराहना करती हैं और आनंद लेती हैं। चांदी के आभूषण उन्हें हर उस लुक के लिए अधिक विकल्प की ज्वेलरी पहनने की आजादी देते हैं जिसकी उन्हें जरूरत है।
युवाओं में लोकप्रियता
इस डिजिटल युग में, युवा ग्राहक इंटरनेट पर उत्पादों का पता लगाते हैं और अक्सर ऑनलाइन खरीदारी करते हैं। बढ़ती ई-कॉमर्स या ऑनलाइन बाजार और अत्यधिक फैशन ज्वैलरी की मांग की वजह से चांदी के आभूषणों का बाज़ार दौड़ में बने रहने के लिए खुद को आगे की ओर ढकेल रहा है। इसलिए, चांदी के आभूषण हर तरह से फिट बैठते हैं और युवाओं के बीच इसकी बड़ी स्वीकृति है।
सस्ती
वे सस्ती कीमत पर शानदार आभूषण डिजाइन की खोज करते हैं। आर्टिफिशियल ज्वैलरी कई तरह के डिजाइन में आती है लेकिन इनमें उचित सज्जा का अभाव होता है। जहां सोने और हीरे के गहने महंगे हैं, वहीं चांदी का सस्ता होना रचनात्मकता और डिजाइन के नवीनीकरण के लिए उत्कृष्ट गुंजाइश देता है। चांदी न केवल बढ़ते मध्य वर्ग को आकर्षित करती है, बल्कि समाज के गरीब आर्थिक वर्ग के लिए भी पसंदीदा धातु है।
छोटे शहर के शिल्पकार और डिजाइनर के लिए अवसर
उपनिवेशिक काल के दौरान आर्थिक अवसर न्यूनतम थे, नागरिक शिक्षित नहीं थे और गरीबी सबसे ज्यादा थी। लाखों कारीगरों ने अपने अस्तित्व के लिए आभूषण बनाने के पेशे को चुना और धातु को भारतीय संस्कृति व कला की परंपरा में भी लाएं। चांदी के आभूषणों ने कई कारीगरों की आजीविका का मार्ग प्रशस्त किया है। विभिन्न ब्रांडों के साथ चांदी के आभूषण उद्योग में प्रवेश करने के साथ, यह छोटे शहरों और पारंपरिक डिजाइनरों के लिए अपनी जड़ों को जीवित रखने के लिए विशाल अवसर पैदा कर रहा है।