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- जानिये वो बातें जो इलेक्ट्रिक वाहन के बारे में आपको कोई नही बताता
वर्तमान समय में ऑटोमोबाइल कंपनी ईलेक्ट्रिक वाहनों की और तेजी से बढ़ रही है जिससे अंदाजा लगया जा सकता है कि आने वाले समय में ईलेक्ट्रिक वाहनों का दौर रहेगा।
कभी किसी ने सोचा है कि यह महंगे वाहन हर कोई नहीं ले सकता है क्योकि यह वाहन साधारण वाहनों की तुलना में काफी महंगे होते हैं जिसे लेना हर किसी के बस की बात नहीं लेकिन भेड चाल में हर कोई लगा हुआ है और इस से होने वाले नुकसानों को भी नज़र अंदाज कर रहा है।
आगर आप ईलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते है तो सबसे पहले आपको इसके नुकसान के बार में जानना होगा।
1. चार्जिंग स्टेशन की कमी: इलेक्ट्रिक वाहन को हमेशा चार्ज करने की जरूरत होती है। चार्ज किये जाने पर ही आपकी गाड़ी दौड़ती है। इलेक्ट्रिक वाहन का फियुल इलेक्ट्रिसिटी होता है। हर एक गाड़ी का फियुल अलग होता है। कोई गाड़ी पेट्रोल से चलती है तो कोई डीजल से, कोई सीएनजी से और कोई एलपीजी से।भारत में अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए पर्याप्त संख्या में चार्जिंग स्टेशन्स नहीं है।
केंद्रीय और राज्य सरकार स्कीम और पॉलिसी से प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। आगर पॉलिसी और स्कीम सही से लागू होती है, तो चार्जिंग स्टेशन की कमी नही होगी।
2.अधिक कीमत: डीजल और पेट्रोल वाहन के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन महंगा होता है क्योकी इसमें उपयोग होने वाली मोटर काफी महंगी होती है। जिसे हर कोई नहीं एफोर्ड कर सकता और दूसरी चुनोती ये है की यह वाहन इतने पावरफुल नहीं होते जितने साधारण वाहन होते है।
3. ईवी वाहन कम पावर के होते है: इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल वाहनों से कम पावरफुल होते हैं। इसमें उपयोग होने वाली मोटर काफी कीमती होती है। आगर आप अच्छे परफॉरमेंस वाले वाहन को चुनना चाहते हैं तो आपके लिए ई- व्हीकल्स में ज्यादा विक्लप नहीं हैं और आगर ग्रीन एनर्जी की बात करे तो इलेक्ट्रिक वाहन में उपयोग होने वाली बैटरी और चार्जिंग पावर जरुरी नहीं है कि ग्रीन एनर्जी पैदा करें।
आपने रेवा आई इलेक्ट्रिक कार के बारे में सुना होगा। रेवा पहली इलेक्ट्रिक कार थी जो मार्च 2011 के मध्य तक दुनिया भर में बेची गई इसके 4,000 से अधिक संस्करणों के साथ 26 देशों में उपलब्ध थी। मई 2010 में भारतीय समूह महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा रेवा का अधिग्रहण किया गया था। अधिग्रहण के बाद, कंपनी ने 2013 में इलेक्ट्रिक हैचबैक ई2ओ लॉन्च किया। फिर कुछ समय बाद महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने बिक्री और कड़े सुरक्षा नियमों के बीच घरेलू बाजार के लिए रेवा प्लेटफॉर्म पर आधारित 4 दरवाजों वाली हैचबैक e2o प्लस का उत्पादन बंद कर दिया।
आपको बता दे हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन नीति (प्रो- ईवी पॉलिसी) की घोषणा करने वाला भारत का नया राज्य बन गया है। दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक पहले से ही ईवी नीतियों वाले राज्यों में शामिल हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को दुनियाभर की सरकारें बढ़ावा दे रही हैं पर इसकी कमियां को नज़र अंदाज कर रही है।