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- जिंगबस ने ईवी टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए शेरू के साथ साझेदारी की
जिंगबस एक इंटरसिटी बस सर्विस प्रोवाइडर है जिसने शेरू के साथ करार किया है।जिंगबस अगले पांच वर्षों में अपने बेड़े में 2,200 इलेक्ट्रिक बसों और 4,000 इलेक्ट्रिक कारों को जोड़ने की योजना बना रहा है। यह कंपनी शेरू के स्केलबैट का उपयोग करेगी जो बैटरी की परफॉरमेंस के बारे में बताएगी ताकि एक शहरों से दूसरे शहर तक यात्रियों को आसानी से पहुंचाया जा सके।
ऐसा कहा जाता है कि सॉल्यूशन बैटरी के परफॉरमेंस को अनुकूलित करने, परिचालन लागत को कम करने और बैटरी की लाइफ को बढ़ाने के लिए उन्नत सुविधाओं की पेशकश करता है, जिससे जिंगबस को इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता को बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
जिंगबस इलेक्ट्रिक वाहनों को शेरू के एनर्जी स्टोरेज नेटवर्क से जोड़ेगा और समय को बचाएगा जैसे की अगर बैटरी चार्जिंग खत्म होने वाली है, तो शेरू के नेटबैट प्लेटफॉर्म से चार्जिंग स्टेशन के बारे में पता चल जाएगा की चार्जिंग स्टेशन कितनी दूरी पर है।
जिंगबस के इलेक्ट्रिक बेड़े की संचयी बैटरी क्षमता लगभग एक गीगावाट हार्स (जेडब्लयूएच) होने का अनुमान है। जिंगबस का कहना है कि नेटबैट का उपयोग करके यह कम वाहन उपयोग की अवधि के दौरान एनर्जी स्टोरेज सेवाओं की पेशकश करेगा, नई राजस्व धाराओं को अनलॉक करेगा और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मैनेज करने में योगदान देगा। अपने बिजली के बेड़े को बढ़ाकर, ज़िंगबस का लक्ष्य सालाना आधा मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करना है, जो 22,000 से अधिक पेड़ लगाने के बराबर है।
जिंगबस के सह-संस्थापक और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा बैटरी मैनेजमेंट और एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशन में उनकी विशेषज्ञता के साथ, हमें विश्वास है कि हम एक साथ इनोवेशन कर सकते हैं और परिवहन उद्योग के लिए एक हरित भविष्य बना सकते हैं।
शेरू के सीटीओ नकुल मेहन ने कहा भारत में परिवहन से होने वाले उत्सर्जन में राजमार्गों का 60 प्रतिशत योगदान है। इंटरसिटी यात्रा में सबसे भरोसेमंद ब्रांड होने के नाते, जिंगबस में राजमार्गों के लिए स्थिरता का नेतृत्व करने की अपार क्षमता है।