व्यवसाय विचार

जूस व्यवसाय कैसे शुरू करें

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Sep 22, 2018 - 5 min read
जूस व्यवसाय कैसे शुरू करें image
ताजे जूस के लिए मांग बढ़ती जा रही है और उसी के चलते संगठित ब्रांड्स अब अपनी उपस्थिति मेट्रोज, टियर 2 और टियर 3 शहरों में बढ़ाते हुए इस उद्योग का बड़ा हिस्सा हथियाना चाहते हैं। ताजे जूस श्रेणी का संगठित बाजार कैसे बढ़ रहा है, इस पर एक नजर...

भारतीय जूस उद्योग अभी अपने बचपन में है इसमें कोई दोराय नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि इसमें भविष्य में लक्षणीय विकास की क्षमता है। वर्तमान में भारत में जूस उद्योग मजबूती से पनप रहा है, क्योंकि संगठित जूस बार्स राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती सतर्कता, व्यय करने योग्य आय, बाजार की अब तक आजमाई ना गई क्षमता, भारत में फलों की आयात में बढ़ोतरी और उपभोग के बदलते स्वरूप - ऐसी कई वजहों से जूस बाजार धीरे-धीरे, लेकिन निश्चित रूप से विकसित हो रहा है।  'नेटस्क्राइब्स' की नवीनतम रिपोर्ट 'जूस मार्किट इन इंडिया' कहती है कि भारत में जूस बाजार फ्रूट ड्रिंक्स, जूसेज और पल्प कंटेंट आधारित नेक्टर्स - इन तीन श्रेणियों में बंटा हुआ है।  वर्तमान में, फ्रैंचाइज़ी प्रारूप पर चल रहे ब्रांड्स में से कुछ हैं - हैज जूसेज एन्ड मोर, जूस लाउन्ज और जस बूस्टर जूस,  मास्टर फ्रैंचाइज़ी द्वारा भारतीय बाजार में उपस्थित कनाडाई स्मूथीज तथा जूस ब्रांड 'ब्रांड कैलकुलस' और जूस्ट जूस बार्स, जो 2011 में एसआईएस  ग्रुप के साथ भागीदारी में भारतीय बाजार में उतरा है। 

भारत में जूस उद्योग की निर्विवाद क्षमता की सर्वमान्यता के बाद कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बाजार में निवेश करने के लिए इच्छुक हैं। उद्योग के आकार पर टिपण्णी करते हुए वर्टिगो इंडिया फ़ूड एंड बेवरेजेज के संचालक, मानव शीतल कहते हैं: "भारत में जूस इंडस्ट्री का बाजार आकार लगभग रु.3200 करोड़ का है और वार्षिक 20-25 प्रतिशत से बढ़ रहा है।" रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जूस उद्योग का मूल्य 2012 में यूएसडी 3.5 बिलियन था और 2018 तक उसके यूएसडी 21.14 बिलियन होने का अनुमान है। 

व्यवसाय का एक स्वस्थ अवसर

भारतीय जूस उद्योग, कम निवेश और उच्च प्रतिफल पाने का मौका ढूंढ़ रहे फ्रैंचाइज़ी इच्छुकों के लिए अवसरों के चोंचले पूरे करने का आश्वासन दे रही है। जूस बार्स में बढ़ते निवेश की वजह ये है कि - ये उद्योग अपने फ्रैंचाइज़ीज को किओस्क जैसे छोटे प्रारूपों में ब्रांड के आउटलेट शुरू करने का अवसर देता है, क्योंकि ब्रांड के परिचालन के लिए छोटी जगह की आवश्यकता होती है।  विस्तार के लिए पसंद किए जाने वाले व्यवसाय प्रारूप के बारे में ‘हैज लाइफस्टाइल’ के प्रबंध संचालक, हेमांग भट्ट कहते हैं, "वैसे तो सभी प्रारूप पसंद किए जाते हैं और सभी अपने-अपने तरीके अच्छे ही हैं। लेकिन, तेज गति और निरंतर संगती के लिए एफओएफओ (फोफो) पहली पसंद रहेगी, उसके बाद फोको  को और फिर कोको को पसंद किया जाएगा। फोफो के रूप में हमारे पास एक सच्चा भागीदार और उद्यमी है और हम अपने सुसंगत उत्पाद और प्रौद्योगिकी के साथ व्यवस्था को मजबूत आधार देने के लिए तैयार बैठे हैं।" वे अधिक जानकारी  हैं, "हमारे पास एक नियत विक्रेता सूची है। सभी विक्रेताओं को हमारे प्रचालन, बलस्थान, उत्पाद और निरंतर गुणवत्ता के मानकों के लिए पात्र होना पड़ेगा। हम दीर्घ कालावधि की उधारी पर सामान लेने के पक्ष में नहीं हैं। हम कच्चा माल और डिस्पोजेबल आदि के लिए वार्षिक अनुबंध करते हैं।" इसी व्यवसाय प्रारूप पर सहमति दर्शाते हुए मानव शीतल जोड़ते हैं, "फोफो सबसे उचित व्यवसाय प्रारूप है, क्योंकि इसकी पहुँच ज्यादा होने से हमें अधिक लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है। इसी वजह से हमें दुनिया भर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद हुई है। अन्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के मुकाबले हमारी लागत कम है और प्रतिफल अधिक है। इसीलिए हम उनसे कम समय की अवधि में 30+ शहरों में उपस्थित हो पाए हैं।" अपने ब्रांड की विस्तार नीति स्पष्ट करते हुए वे बताते हैं, "हमारी योजना भारत के अंदरूनी - टियर 2 और टियर 3 - शहरों में जा बसने की है, क्योंकि उनमें बहुत संभावनाएं हैं। किओस्क या ओटीसी  के लिए रु. 9-12 लाख की आवश्यकता पर हमारी लागत भी वाजिब है। हम इस वित्तीय वर्ष में 20+ आउटलेट्स शुरू करने की सोच रहे हैं।" वहीं हेमांग बताते हैं, "मुंबई में कार्यरत 12 आउटलेट्स और औरंगाबाद में एक के चलते, ब्रांड खुद को देश के टियर 2 और टियर 3 शहरों में प्रस्थापित करने के लिए तैयार है।" सही फ्रैंचाइज़ी को चुनने के मामले में मानव विश्वास करते हैं कि, "हमारे पास कई युवा उद्यमी और नए उम्मीदवार हैं जो फ्रैंचाइज़ी की राह लेना चाहते हैं और वो सब हमारे लिए उचित हैं, क्योंकि हम खुद कुछ नया कर दिखाने की चाहत रखते हैं और हममें बढ़ने और विस्तार करने का वैसा ही जूनून है, जैसा कि हमारे युवा और उत्साहपूर्ण फ्रैंचाइज़ीज में है। हम ऐसे लोगों के साथ भागीदारी कर रहे हैं, जिनमें अपनी स्वस्थ जीवनशैली और खुशहाली को लेकर ललक है और जो ब्रांड की विज़न में विशवास करते हैं।" मौजूदा परिस्थिति में, जूस लाउन्ज 3 कंपनी के आउटलेट और 40 फ्रैंचाइज़ी आउटलेट परिचालित कर रहा है। 

चूंकि बाजार का ज्यादातर हिस्सा असंगठित उद्योग के काबू में है, ताजा जूस के बाजार में अभी भी अगले 5 वर्षों में जबरदस्त विकास करने की क्षमता है। भारत में ताजे जूस की श्रेणी  निर्माण करने की आवश्यकता है और य तभी हो पाएगा जब अधिक संगठित ब्रांड्स बाजार में उतरेंगे। 

हैज जूस बार एंड मोर ने अधोरेखित किए हुए कुछ नए ट्रेंड्स:

फ्रैंचाइज़ी हकीकत

ब्रांड

निवेश (रुपए में)

क्षेत्रफल (स्क्वे.फी. में)

जूस लाउंज

10-20 लाख

100-800

हैज जूस बार

12-15 लाख

75-120

 

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry