व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए सबसे पहले उद्यमी अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बेहतर बनाने, वेस्टेज को कम करके उत्पादकता को बढाने के बारे में सोचता है। अगर इन सब चीजों को आप अपने व्यवसाय में शामिल करेंगे तो हो सकता है आपका व्यवसाय मुकाम हासिल करने में कामयाब हो सके और भविष्य में आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ दे सके।
व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको पूंजी की जरूरत होती है। कई बिजनेस सिर्फ पूंजी की कमी की वजह से कामयाब नही हो पाते और जल्द ही बंद हो जाते है। अगर आप सच में खुद के बिज़नेस की शुरूआत करना चाहते है और उसे आगे तक लेकर जाना चाहते है तो केद्र सरकार आपकी मदद के लिए जेडईडी सर्टिफिकेशन योजना को दोबारा से एक नए रूप में लेकर आई है, जो उद्यमी पहले इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए वह अब इसका फायदा उठा सकते हैं। चलिए बताते हैं इस योजना के बारे में :-
केंद्र सरकार ने एमएसएमई के लिए जीरो डिफेक्टै जीरो इफेक्टक सर्टिफिकेशन यानी जेडईडी योजना को दोबार से नए रूप में लान्च किया है। इसका उद्देश्य छोटे-मझोले उद्यमों में वेस्टेईज को कम करके उत्पादकता को बढावा देने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान बढ़ाने की है। केंद्र सराकर उद्योगों को कई तरह की सुविधा भी देगी।
इस योजना को अपनाने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन उत्पा द के निर्माण के दौरान करना होता है। उद्योग द्वारा उत्पाद को बनाने के समय निकाले जा रहे कचरे से ऊर्जा खपत और पर्यावरण को हो रहे नुकसान आदि के आधार पर ही उद्यम के उत्पासद को रेटिंग दी जाती है। रेटिंग की चार कैटेगरी- ब्राउन, गोल्ड, डायमंड और प्लेटिनियम हैं। पहले इस योजना के लिए 50 मानक निर्धारित किए गए थे। अब एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा कि इनमें कमी की जाएगी, क्यों कि उद्मियों का कहना है कि इन सभी मानकों पर खरा उतरना संभव नहीं है।
राणे ने इस योजना के नए संस्क।रण को लॉन्च करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्यज न केवल वेस्टेंज को कम करके उत्पा दकता बढ़ाना है बल्कि उद्मियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित भी करना है। उन्हों्ने कहा कि जेडईडी सर्टिफिकेशन भारतीय कंपनियों को वैश्विक कंपनियों से मुकाबला करने में सक्षम तो बनाएगा साथ ही व्य्वसाय के लिए पूंजी जुटाने में भी मदद करेगा।
केंद्र सरकार इस योजना से एमएसएमई को देश और विदेश में होने वाले व्यासपार मेलों, प्रदर्शनियों में स्टॉएल लगाने के लिए खर्च के अलावा हवाई यात्रा खर्च और माल ढुलाई खर्च पर भी सब्सिडी देगी।सरकार इस योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों को 80 प्रतिशत, लघु उद्यमों को 60 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी। इसके अलावा महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई तथा पूर्वोत्तर राज्य, हिमालयी इलाकों, नक्सल प्रभावित इलाकों, द्वीपों और आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसएमई को 10 प्रतिशत अतिरिक्तर की सब्सिडी दी गई है। पहले इस योजना को अक्टूबर 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।
इस योजना से एमएसएमई को वित्तीय सहायता
जेडईडी सर्टिफिकेशन योजना जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्टा द्वारा उत्पाद को बनाने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को मदद देना है। यह सर्टिफिकेशन के लिए जेडईडी असेसमेंट भी देते है जो विश्व स्तरीय क्वालिटी वाले उत्पादों के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देता है।यह योजना 'मेक इन इंडिया' अभियान का सपोर्ट करती है। यह भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
इस योजना के लाभ
1.एमएसएमई से कोई भागीदारी शुल्क नहीं लिया जाता है।
2. जेडईडी सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
3.मंत्रालय द्वारा उद्योग जागरूकता कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
4.जीरो डिफेक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक इकोसिस्टम को विकसित करने में मदद करता है।
5.ऊर्जा कुशल मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है।
6. क्वालिटी सिस्टम और टूल के लागू करने को बढ़ावा देता है।
7.प्रक्रियाओं और उत्पादों के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड में निरंतर अपग्रेडेशन को बढ़ावा देता है।
8. पर्यावरण पर शून्य नकारात्मक प्रभाव डालने वाली मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है।
9.जीरो डिफेक्ट उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
10.जेडईडी मैन्युफैक्चरिंग में सर्टिफिकेशन को प्रोत्साहित करता है।
कौन आवेदन कर सकता है
सभी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जो एमएसएमई मंत्रालय, डीआईसी (ईएम- II),या अन्य सरकारी एजेंसियों और उद्योग संघों के साथ पंजीकृत हैं, इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कैसे रजिस्ट्रेशन किया जाए
1.वैध मोबाइल नंबर और ईमेल पते का उपयोग करके जेडईडी के ऑनलाइन पोर्टल पर बिना नि:शुल्क के रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
2.जेडईडी मापदंडों के लिए एक ऑनलाइन असेसमेंट होगा।
3.इसके बाद डेस्कटॉप असेसमेंट होता है।
4. यदि चुना जाता है, तो आगे एक साइट असेसमेंट होगा।
5. रेटिंग वाले एमएसएमई हैंड-होल्डिंग और गैप विश्लेषण के लिए अधिकृत जेडईडी सलाहकार से परामर्श करने का विकल्प चुन सकते हैं।