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- टाटा मोटर्स वित्तवर्ष 2030 तक ईवी के लिए 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
टाटा मोटर्स ने वर्ष 2029-30 (वित्तवर्ष 2030) तक अपने इलेक्ट्रिक वाहन डिवीजन में 16,000 करोड़ रुपये से 18,000 करोड़ रुपये के बीच निवेश करने की योजना की घोषणा की। कंपनी वर्तमान में चार इलेक्ट्रिक कार (मॉडल बेचती है। कंपनी का लक्ष्य मार्च 2026 तक छह और लॉन्च करने का है।
बिक्री के हिसाब से भारत की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने वित्त वर्ष 2030 तक पैसेंजर वाहन (पीवी) बाजार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023-24 (वित्तवर्ष 2024) में वॉल्यूम के लिहाज से भारतीय पीवी बाजार में इसकी हिस्सेदारी 13.81 प्रतिशत थी।
निवेशकों के सामने एक प्रस्तुति में, टाटा मोटर्स ने भारत में ईवी को "मुख्यधारा" में लाने के लिए अपनी सक्रिय रणनीति की रूपरेखा तैयार की। इस रणनीति में बेहतर रेंज (प्रति चार्ज दूरी संचालित) के साथ विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करने और आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) कारों के साथ मूल्य समानता हासिल करने के लिए अपने ईवी उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना शामिल है। इसके अतिरिक्त कंपनी की योजना अगले 24 महीनों में इलेक्ट्रिक कार डीलरशिप की संख्या 50 शहरों तक बढ़ाने की है।
चार्जजोन, ग्लिडा और स्टेटिक जैसे निजी चार्ज प्वाइंट ऑपरेटरों के साथ सहयोग करके टाटा मोटर्स का लक्ष्य देश भर में सार्वजनिक चार्ज प्वाइंट की संख्या को दस गुना बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030 तक लगभग 100,000 तक पहुंचाना है।
वर्तमान में सामुदायिक शुल्क बिंदुओं की संख्या लगभग 4,300 है, और कंपनी का इरादा वित्तवर्ष 2030 तक इसे एक लाख तक विस्तारित करने का है। इन प्रयासों का उद्देश्य रेंज की चिंता को कम करना और ईवी स्वामित्व की समग्र सहजता में सुधार करना है।
सार्वजनिक शुल्क बिंदु किसी भी ईवी मालिक के लिए सुलभ हैं और सार्वजनिक क्षेत्रों में स्थित हैं, जबकि सामुदायिक शुल्क बिंदु मुख्य रूप से किसी विशेष आवास समुदाय या इलाके के निवासियों के लिए प्रतिबंधित सुविधाएं हैं। टाटा मोटर्स ने कहा कि वर्तमान में उसके इलेक्ट्रिक कार ग्राहकों में से केवल 10-15 प्रतिशत ही वाहनों को चार्ज करने के लिए रूफटॉप सोलर का उपयोग कर रहे हैं। वित्त वर्ष 2030 तक कंपनी का लक्ष्य इस हिस्सेदारी को बढ़ाकर करीब 50 प्रतिशत करना है।