टाटा स्टील ने ड्रोन आधारित खनन समाधान के लिए बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप आरव अनमैन्ड सिस्टम्स (एयूएस) के साथ एक समझौता किया है। इस सहयोग का लक्ष्य टिकाऊ और संपूर्ण एकीकृत समाधान विकसित करना है,जो ओपन कास्ट खनन कार्यों की दक्षता, सुरक्षा और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह माइनिंग मैनेजमेंट के लिए एंड-टू-एंड ड्रोन सॉल्यूशन प्रदान करता है।टाटा स्टील भारत में खनन स्थानों पर टाटा स्टील समूह की कंपनियों को माइन एनालिटिक्स और जियो-टेक्निकल मैपिंग सहित विशेष ड्रोन-आधारित सॉल्यूशन देने के लिए एयूएस के साथ संयुक्त रूप से काम करेगी।
पार्टनरशिप पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मटेरियल, डी बी सुंदर रामम ने कहा ड्रोन से सर्वे किया जाएगा जिसमें डिजिटलीकरण और अन्य तकनीक की मदद से कार्रवाई की जाएगी। हम ड्रोन डेटा और पर्याप्त एनालिटिक्स का उपयोग करके मुख्य खनन प्रक्रियाओं और खदान को फिर से परिभाषित करने में भारी संभावनाएं देखते हैं। ये एंड-टू-एंड खनन समाधान किफायती हैं, यह जरूरतों की मांग को पूरा करते हैं, उत्पादन, दक्षता और साइट सुरक्षा में सुधार करते हैं।
कंपनी ने कहा कि वह सरकार के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने और एक स्थायी खनन व्यवसाय बनाकर 2030 से पहले रॉ मटेरियल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नियामक परिवर्तनों का लाभ उठाने की इच्छा रखती है। कुछ साल पहले मूल्य श्रृंखला में अपने खनन कार्यों को डिजिटल बनाने के लिए अपना दृष्टिकोण तैयार किया था।
डिजिटलाइजेशन रीयल-टाइम डाटा और डाटा एनालिटिक्स का उपयोग करके लक्षित रणनीतियों के विकास को सक्षम बनाता है, विफलता की भविष्यवाणी करने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन और निर्णय मैट्रिक्स उपकरण प्रदान करता है, शेड्यूलिंग और सामग्री प्रवाह के अनुकूलन में मदद करता है, क्वालिटी डाटा की ऑनलाइन निगरानी के माध्यम से लाभकारी संयंत्रों की क्षमता में सुधार करता है।
आरव अनमैन्ड सिस्टम्स के संस्थापक और सीईओ विपुल सिंह ने कहा घरेलू और वैश्विक खनन उद्योग के लिए उनके साथ संयुक्त रूप से एंड-टू-एंड सॉल्यूशन तैयार करने के लिए टाटा स्टील का भरोसा, हमारे द्वारा साझा किए गए दृष्टिकोण पर सीधे असर डालता है। समाधान प्राप्त करने के लिए एक स्टार्टअप के साथ पार्टनरशिप करने के लिए टाटा स्टील जैसे दिग्गज आगे आए है।