डेयरी उद्यमिता विकास योजना एक पशुपालकों को डेयरी शुरु करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली योजना है। इस योजना के तहत डेयरी शुरु करने के लिए या पुरानी डेयरी का विकास करने के लिए नाबार्ड बैंक से 33 प्रतिशत तक सरकारी सब्सिडी पर लोन मिलता है। इस योजना को शुरु करने का उद्देश्य ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन करना है। डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बैंक द्वारा स्वीकार्य परियोजनाओं को प्रोत्साहन देकर, पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करके दूध उत्पादन बढ़ाने, खरीद, संरक्षण, परिवहन, दूध की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग जैसी गतिविधियों को शामिल करके डेयरी उद्यमित विकास योजना को शुरू किया है। यह स्कीम राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा लागू की गई है।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना का उद्देश्य
1.शुद्ध दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देना।
2. बछड़ा पालन को प्रोत्साहित करना, जिससे अच्छे प्रजनन पशुधन का संरक्षण किया जा सके।
3. असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाना ताकि ग्रामीण स्तर पर स्वयं ही दूध की प्रारंभिक प्रोसेसिंग की जा सकें।
4. कमर्शियल स्केल पर दूध के संचलन के लिए क्वालिटी और पारंपरिक तकनीक को अपग्रेड करना।
5. स्वरोजगार उत्पन्न करना और मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना।
डेयरी उद्यमिता विकास का आवेदन कौन कर सकता है
1.किसान, व्यक्तिगत उद्यमी, एनजीओ, कंपनियां, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के समूह आदि। संगठित क्षेत्र के समूहों में स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी), डेयरी सहकारी समितियां, दूध यूनियन, दुध फेडरेशन आदि शामिल हैं।
2. एक व्यक्ति योजना के तहत सभी घटकों के लिए सहायता लेने के लिए पात्र होगा, लेकिन प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार।
3.स्थानों पर अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अलग-अलग यूनिट स्थापित करें। ऐसे दो खेतों की सीमाओं के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत निम्न बैंकों से लोन मिलता है
1.सभी कमर्शियल बैंक
2.सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
3.राज्य सहकारी बैंक
4.राज्य सहकारी सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
5. नाबार्ड बैंक
6. अन्य ऐसे संस्थान जो नाबार्ड से लिंक हों
लोन के साथ संयोजन
स्कीम के तहत सहायता पूर्ण रूप से क्रेडिट से जुड़ी होगी और प्रोजेक्ट पात्र वित्तीय संस्थानों की स्वीकृति के अधीन होगा।
पैटर्न सहायता
1) सामान्य वर्ग के लिए परियोजना लागत की पूंजीगत सब्सिडी का 25 प्रतिशत और एससी/एसटी किसानों के लिए 33 प्रतिशत नाबार्ड द्वारा समय-समय पर प्राप्त होने वाली निर्देशात्मक लागत के आधार पर घटक वार सब्सिडी सीलिंग की जाएगी।
2) 1 लाख से अधिक के लोन के लिए उद्यमी का अंशदान (मार्जिन) - प्रोजेक्ट की लागत का 10 प्रतिशत (*आरबीआई के दिशानिर्देशों में किसी भी संशोधन के अधीन)
डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
1. प्रोपर्टी पेपर
2. पहचान पत्र
3.एड्रेस पूफ्र
4.सिविल रिपोर्ट
5.जाति प्रमाण पत्र
6.इनकम टैक्स रिटर्न
7.प्रोजेक्ट रिपोर्ट
डेयरी उद्यमिता विकास योजना से लोन के लिए अप्लाई कैसे करे
1.इस योजना के जरिये लोन का लाभ लेने के लिए ऊपर बताए गये बैंकों की ब्रांच में जा सकते है और डेयरी उद्यमिता विकास योजना के जरिये लोन के लिए ब्रांच मैनेजर से बात कर सकते है।
2.बैंक से एक फॉर्म मिलता है। उस फॉर्म को भरकर सबही जरूरी कागजात लगाकर जमा कर देना होता है। इसके बाद रेगुलर तौर पर बैंक में जाकर अपने लोन आवेदन की स्थिति जांचते रहने होता है।
जब आपका लोन मिल जाता है तो इसके बाद सब्सिडी का लाभ उठाने के तरीके के बारे में बैंक द्वारा जानकारी दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी नाबार्ड बैंक की ब्रांच ऑफिस पर संपर्क करें। आप चाहें तो नाबार्ड की वेबसाइट https://nabard.org पर भी योजना के बारे में जानकारी ले सकते हैं।