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- डॉक्टर की पर्ची पढ़ लेते हैं, तो मेडिकल स्टोर की बजाए इसमें कमा सकते हैं ज्यादा मुनाफा
मेडिकल संबंधी कोई व्यवसाय चुनना होता है तो कुछ परंपरागत व्यवसायों मसलन मेडिकल स्टोर, एंबुलेंस सर्विस, सीरिंज प्रॉडक्शन या फिर रिटेल फार्मेसी स्टोर का ही ध्यान आता है। लेकिन अगर आप इन सबसे इतर कुछ करने का सोच रहे हैं या फिर आपको लगता है कि परंपरागत व्यवसायों की अपेक्षा व्यय कम हो और आय अधिक हो तो ऐसे में आप मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन बिजनेस को चुन सकते हैं। यह व्यवसाय जितना आकर्षक है उतना ही लाभदायक भी है। इसे शुरू करने की बस एक ही शर्त है कि आपको डॉक्टर साहब की पर्ची पढ़नी आती हो, वह जो बोल रहे हों वह भी समझ आता और अंग्रेजी भाषा पर पकड़ भी अच्छी हो। अब अगर आपको यह लगता है कि ये सारी विशेषताएं आपके अंदर हैं तो आप इसे बतौर व्यवसाय चुन सकते हैं।
सबसे पहले जान लें क्या है मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन
फिजीशियन डॉ सिराज अहमद सिद्दीकी के अनुसार, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन बिजनेस व्यापार का बेहद आसान मॉडल है। इसमें उद्यमी को अपने ग्राहकों को डॉक्टर एवं मरीज के बीच हुई रिकॉडेड या लाइव बातचीत को ट्रांसक्राइब (अनुवाद) करना होता है। हालांकि यहां यह जरूरी नहीं है डॉक्टर-मरीज के बीच का ही संवाद हो यह किसी रोग पर रिसर्च करने या जांच से भी संबंधित हो सकता है। या फिर एक डॉक्टर का दूसरे डॉक्टर से किसी महत्वपूर्ण विषय पर होने वाला संवाद भी हो सकता है। इसके अलावा डॉक्टर की मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ हुई बातचीत का अनुवाद करने की भी जिम्मेदारी हो सकती है। फिलहाल यह व्यवसाय विदेश में ज्यादा प्रचलित है। लेकिन धीरे-धीरे भारत में भी इसकी मांग बढ़ती जा रही है। इसका मूल कारण यह है कि डॉक्टर्स या किसी भी हेल्थ प्रफेशनल के पास इतना समय नहीं होता कि वह जो महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं, चाहे मरीज का इलाज हो, कोई जांच हो, किसी विशेष केस में कोई जरूरी टीका-टिप्पणी हो या फिर किसी बीमारी के लिए नई तकनीक को इज़ाद करने जैसी बात को वह साथ-साथ लिखते चलें। ऐसे में वह सारी चीजों को रिकॉर्ड कर लेते हैं। इसके बाद वह रिकॉडेड फाइल संबंधित मेडिकल एजेंसीज को सौंप दी जाती हैं, जो इन ऑडियो फाइल्स का अनुवाद करके उन्हें कागजी दस्तावेज़ के रूप में परिवर्तित करके संबंधित डॉक्टर या अस्पताल को प्रिंट करके या फिर मेल करके जैसी मांग हो, उसके अनुरूप उपलब्ध करवाते हैं।
इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी एक नजर डाल लें
अब अगर आपने मन बना लिया है कि आपको मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन के व्यवसाय में उतरना है तो कुछ जरूरी बाते हैं, इन्हें जान लेना भी जरूरी है। फिजीशियन डॉ रिंकू वर्मा बताते हैं कि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए अंग्रेजी अच्छी होना, डॉक्टर और फार्मा की भाषा का ज्ञान होना तो जरूरी है ही साथ ही जरूरी है कि आप मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का कोर्स कर लें। इससे आपको चिकित्सकों द्वारा लिखे गए नोट्स व ऑडियो को सुनने-समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा किसी ऐसी एजेंसी को जॉइन कर लें जहां यह कार्य लंबे समय से हो रहा हो तो इस तरह आपको अनुभव मिल जाएगा। इसके बाद आपको अपने बिजनेस को रजिस्टर करना होगा ताकि मेडिकल एजेंसीज, डॉक्टर्स और अस्पतालों में आपकी विश्वसनीयता हो और आपको आसानी से अनुवाद का कार्य मिल सके। अब बारी आती है टूल्स की तो जरूरी उपकरणों में शामिल कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्टोरेज डिवाइस, हेडफोन और इंटरनेट की उचित व्यवस्था का प्रबंध कर लें। ध्यान रखें कि जब भी अनुवाद करें तो मशीनों पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना है बल्कि मैन्युअल चेकिंग करने के बाद ही इसे आगे भेजना चाहिए।
ऐसे मिलेगी आपके मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन व्यवसाय को गति
एक बार जब बिजनेस संबंधी सारी प्रक्रिया पूरी हो जाए तो बारी आती है कि आप अस्पतालों, चिकित्सकों और अन्य चिकित्सा संबंधी एजेंसीज से संपर्क कैसे करेंगे? कि वहां से आपको बराबर काम मिलता रहे। तो आपको इन सबसे मिलकर अपनी एजेंसी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में बताना होगा। अगर ऑफलाइन के अलावा यानी कि खुद ही सबसे संपर्क करके फाइल्स लेने के अलावा आप ऑनलाइन भी यह कार्य करते हैं तो उसकी भी जानकारी दें। इस व्यवसाय को कम बजट में भी शुरू किया जा सकता है। यानी कि महज 5 लाख में भी शुरू कर सकते हैं, हालांकि इसमें आपके पास सीमित संसाधन और कर्मचारी ही होंगे। लेकिन जैसे-जैसे व्यवसाय बढ़ता है, आप इसमें अधिक निवेश करके उच्चस्तरीय उपकरणों और अधिक कर्मचारियों को भी रख सकते हैं।