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- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की इन बातों पर करना चाहिए फ्रैंचाइज़ मालिकों को अमल
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी। यहां पर हम डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की कुछ ऐसी बातों पर ध्यान दे रहें है जिनसे फ्रैंचाइज़ बहुत कुछ सीख सकते हैं।
अलग सोच रखें
कलाम कभी भी 9 से 5 की नौकरी पर विश्वास नहीं करते थे और हमेशा दूसरों को प्रोत्साहित करते थे कि वे कुछ अलग सोंचे। उनका विश्वास था कि युवाओं को रोजगार ढूंढने वाले रवैये को बदलकर नए रोजगार के अवसर बनाने वाले की भूमिका अपनाने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा था कि उद्यमी ही किसी देश की अर्थव्यवस्था के विकास की कुंजी है और इसे भारतीय शिक्षा में पाठ्यक्रम की तरह शामिल करना चाहिए। एक बार उन्होंने कहा था कि, 'मेरा संदेश विशेषतौर पर युवाओं के लिए है कि वे अपने अंदर कुछ अलग सोचने की निडरता लाएं, हिम्मत लाएं कुछ नया बनाने की, अनजान रास्तों पर सफर तय करने की, असंभव को खोजने की हिम्मत करें और परेशानियों को हराएं और सफलता पाएं। ये वे महत्वपूर्ण विशेषताएं है जिन पर इनको काम करना है।'
लीडर बनें
उद्यमी अपनी टीम के लीडर होते हैं। वे किसी कारोबार की सफलता और विफलता दोनों के ही जिम्मेदार होते हैं। एक लीडर के पास दृष्टिकोण और जोश होना चाहिए और उसे किसी भी चुनौती से डरना नहीं चाहिए। उसमें इतना साहस और आत्मविश्वास होना चाहिए कि वे अपने रास्ते में आने वाली किसी भी परेशानी से बाहर आ सकें।
डॉ. कलाम ने इसी नेतृत्व को कई स्तरों पर प्रेरित किया है। उदाहरण के लिए, 1980 में जब वे ऐरोस्पेस प्रोजेक्ट की कमान संभाले हुए थे, यूनियन कैबिनेट ने उन्हें फंड्स देने से मना कर दिया था। लेकिन डॉ. कमाल ने कमान को संभालते हुए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आश्वस्त किया और इसी ने भारत के स्पेस रिसर्च प्रोग्राम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
नए सपने बुनो
भविष्य उनसे जुड़ा होता है जो उनके सपनों की खूबसूरती पर विश्वास करते हैं। हर सफल कारोबारी की शुरुआत एक सपने या फिर एक युक्ति से होती है। कलाम हमेशा कारोबारियों को बड़े सपने देखने के लिए और उन सपनों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रेरित करते थे। उदाहरण के लिए डॉ. कलाम ने मिसाइल प्रोग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक का निर्माण करने का सपना देखा था। इस तकनीक को प्राप्त करने के लिए दुनिया में बहुत सी बाधाओं के होने के बावजूद डॉ. कलाम अपने ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम करते रहें और उसे पूरा करने में सफल हुए। उन्होंने कहा था, 'तुम्हें तब तक सपने देखने होंगे जब तक सपने हकीकत में न बदल जाएं।'
अपनी सीमाओं को बढ़ाओ
कारोबार के लिए हमेशा सुरक्षित होकर खेलना बेहतरीन निर्णय नहीं होता है। आपको कई बार अपनी सीमाओं का विस्तार करना पड़ता है और जोखिम लेना पड़ता है। डॉ. कलाम ने एक बार कहा था 'असंभव डेडलाइन जैसी कोई चीज नहीं होती है।' वे हमेशा इसी तरह जीएं।