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- थीम आधारित रेस्तरां में निवेश करके फ्रेंचाइजर्स ज्यादा पैसा कैसे कमा सकते हैं?
बढ़ती सुलभ आय के साथ भारतीय लोग, भोजन के साथ एक अलग अनुभव के लिए अधिक खर्च करने को तैयार है। सहस्त्राब्धि पीढ़ी अक्सर बाहर खाने का विकल्प ज्यादा चुन रही है जिसकी वजह से रेस्तरां फ्रेंचाइजी के लिए ज्यादा पैसा कमाने के दरवाजे खुले हैं। उनके सामने सीमित व्यंजन और अनुभव प्रदान करना अब एक विकल्प नहीं है क्योंकि उनकी मांग लगातार विकसित हो रही है।
विनीत मित्ता, रफ्तार लाउंज के मालिक कहते है, ‘उद्योग में बहुत तेजी से बदलाव आ रहे हैं। एक ही बाज़ार में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ नियमित रूप से नवाचार और प्रयोग देखे जा सकते हैं। समय के साथ ग्राहकों की अपेक्षाएं बदलती जा रही है और हमें उनके बदलाव पर उचित प्रतिक्रिया दिखानी ही होती है।’
विशेषताएं
समय के अनुसार मेनू जैसी विशेषता के साथ थीम आधारित रेस्तरां ग्राहकों के लिए पूरी तरह से नया अनुभव प्रदान करता है। फ्रेंचाइजर्स को मेनू के हिसाब से रेस्तरां की आंतरिक सज्जा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो उनके ब्रांड के लिए यू.एस.पी. का काम करेगा।
आपको अपने व्यंजनों और पेय पदार्थों का भी नाम रखना चाहिए, जिससे लोगों में लोगों के मन में जिज्ञासा और रूचि बने रहे। लेकिन चीज़ों को जटिल न बनाएं क्योंकि इससे आपके व्यापार को नुकसान पहुँच सकता है।
फ्रेंचाइजिंग विकास को बढ़ावा देता है
टेक्नोपेक की रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ तक क्यू.एस.आर. और कैफे संस्कृति का संबंध है तो अकेले राष्ट्रीय राजधान क्षेत्र में 408 फ्रेंचाइजी ब्रांड है, पश्चिम भारत में 386 ब्रांड्स है जिनमें से अधिकांश मुंबई में है।
फ्रेंचाइजिंग आपको समरूप आर्थिक विकास प्रदान कर सकती है क्योंकि थीम आधारित रेस्तरां की मांग बढ़ती जा रही है। खाद्य और पेय पदार्थ उद्योग बहुत गतिशील है जिससे लाभ अर्जित करने के लिए निवेशकों को बहुत से अवसर मिलते हैं।
लाभ
थीम आधारित रेस्तरां चलाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अपेक्षाकृत कम समय में ज्यादा लाभ होने की संभावना होती है।
इस लाभ के साथ फ्रेंचाइजर को रेस्तरां में अनूठा थीम प्रस्तुत करके खुद का ब्रांड नाम बनाने का मौका मिलता है। यह रचनात्मकता आपको थीम के साथ और अधिक नवाचार करने का मौका देते हुए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का मौका देगी।