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- दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना को मिली मंजूरी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य सेवा की क्वालिटी को बढ़ाते हुए पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देना है। अब ये फाइल एलजी ऑफिस को भेज दी गई है।
केजरीवाल ने इस योजना पर कहा एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स और ई-कॉमर्स संस्थाओं के कमर्शियल फ्लीट्स को समयानुसार इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा। इसे अनिवार्य करने वाला दिल्ली अब भारत का पहला राज्य है। इसके साथ ही, विश्व के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है, जहां इस तरह की योजना प्रभावी है।
यह योजना दिल्ली में संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होगी। इसमें उन सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाएगा जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन ( दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया, बसों को छोड़कर) हैं। इसके अलावा, एप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल माध्यम का उपयोग उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए किया जाएगा हैं।
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना के नोटिफिकेशन के 90 दिनों में परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।
योजना के अनुसार, एग्रीगेटर्स के लिए नए बेड़े में दोपहिया ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 प्रतिशत तय किया गया है। जबकि तीन पहिया वाहनों के नए बेड़े में छह महीने में 10 प्रतिशत ईवी, दो साल में 50 प्रतिशत और चार साल में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करना होगा। इसी तरह चार पहिया वाहनों के बेड़े में छह महीने के अंदर पांच प्रतिशत, तीन साल में 50 प्रतिशत और पांच साल में 100 प्रतिशत ईवी को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। पुराने और नए सभी एग्रीगेटर्स को अपने पूरे बेड़े को एक अप्रैल, 2030 तक 100 प्रतिशत ईवी में बदलना होगा।
नियम उल्लंघन पर 5,000 से 100,000 रुपये पेनल्टी का प्रावधान बनाया गया है। दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर और डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर योजना 2023 शहर के सस्टेनेबल मोबिलिटी के साथ ही कुशल परिवहन में परिवर्तन के प्रयासों में एक बड़ा कदम है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और सर्विस की क्वालिटी पर खास ध्यान दिया गया है। इसके लागू होने से पर्यावरण और दिल्ली के लोगों को काफी लाभ होगा।
सभी मौजूदा या नए ऑपरेटरों को योजना के नोटिफिकेशन के 90 दिनों में परिचालन शुरू करने से पहले लाइसेंस प्राप्त करना होगा। लाइसेंस पांच साल के लिए वैध होगा, जिसमें वार्षिक शुल्क लागू होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, दो वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए 50 प्रतिशत की छूट का प्रावधान है।