लंबे इंतजार के बाद भारत में 5जी मोबाइल टेलीफोनी सुविधा की पहली अक्टूबर को औपचारिक शुरुआत हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक नए तकनीकी युग की शुरुआत करते हुए नई दिल्ली के प्रगति मैदान में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के छठे संस्करण का उद्घाटन और 5जी सेवा का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री श्री देवुसिंह चौहान, और दूरसंचार विभाग के सचिव के. राजारमन समेत टेलीकॉम और उद्योग जगत के मशहूर दिग्गज उपस्थित थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दिल्ली में बैठे-बैठे 5जी तकनीक की मदद से हजारों किलोमीटर दूर स्वीडन में खड़ी एक कार चलाई। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में कुछ लोगों से इस तकनीक के माध्यम से बात भी की।
देश में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, लखनऊ व पुणे में सबसे पहले 5जी सेवा शुरू होगी। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भले ही वैश्विक हो, किंतु इसके प्रभाव बेहद स्थानीय हैं। इक्कीसवीं सदी के तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए यह दिन विशेष है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की ओर से, देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से, 130 करोड़ भारतवासियों को 5जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। 5जी, देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है। 5जी, अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत है। मैं प्रत्येक भारतवासी को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 5जी के इस लांच और प्रौद्योगिकी की शुरुआत में ग्रामीण क्षेत्र और कामगार समान भागीदार हैं।
5जी के शुभारंभ पर एक और संदेश पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत, टेक्नॉलजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि भारत उसके विकास और क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएगा। भविष्य की वायरलेस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में, उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बड़ी भूमिका होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2जी, 3जी, 4जी के समय भारत टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहा। लेकिन 5जी के साथ भारत ने नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि 5जी के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में वैश्विक मानक निर्धारित कर रहा है।
ये होंगे बड़े फायदे
5जी मोबाइल टेलीफोनी सेवा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे मोबाइल फोन या संबंधित उपकरण पर इंटरनेट की गति बेहद तेज हो जाएगी। इससे वीडियो देखते समय मोबाइल इंटरनेट की गति धीमी होने या उसमें कोई बाधा आने से वीडियो रुक-रुककर चलने की अब तक जो समस्या आती रही है, वह पूरी तरह खत्म हो जाएगी। अब महज कुछ सेकेंड में मोबाइल फोन पर मूवी डाउनलोड हो जाएगी। इसका सीधा और सबसे बड़ा असर चिकित्सा व शिक्षा समेत आपदा प्रबंधन, खेती-किसानी और अन्य क्षेत्रों में दिखेगा।
5जी सेवा शुरू होने के बाद अब दूरदराज के ग्रामीण इलाकों के मरीज भी हजारों किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टर से लाइव सलाह ले सकेंगे। अगर ग्रामीण इलाके के किसी हॉस्पिटल में बड़े और विशेषज्ञ सर्जन उपलब्ध नहीं हैं, तो वहां के डॉक्टर बेहद तेज 5जी सेवा का लाभ उठाते हुए किसी अन्य शहर या यहां तक कि किसी और देश के विशेषज्ञ डॉक्टर से लाइव सर्जरी सेवा का लाभ उठाते हुए अपने गांव या शहर में वह सर्जरी कर सकेंगे। इससे देश के बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में चमत्कारिक बदलाव के साथ-साथ कोरोना जैसी असामयिक वैश्विक आपदा के समय देशभर में त्वरित सेवा मुहैया कराई जा सकेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में भी 5जी मोबाइल टेलीफोनी टेक्नोलॉजी इसी तरह का क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। कोरोना काल में देशभर की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम पर निर्भर हो गई थी और कोरोना के लगभग खत्म हो जाने के बाद भी इसका एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन माध्यम पर ही निर्भर रहने वाला है। ऑनलाइन शिक्षा के तहत कक्षाएं पूरी तरह वीडियो माध्यम पर चलती हैं, जहां इंटरनेट की गति में थोड़ी बाधा भी पढ़ाई को पूरी तरह बाधित कर देती है। अब 5जी सेवा के लांच होने के बाद ऐसी दिक्कतें नहीं आएंगी, जिससे विशेष रूप से देश के ग्रामीण इलाकों को बड़ा फायदा होगा।
कुल मिलाकर 5जी तकनीक आम लोगों को व्यापक लाभ प्रदान करेगी। यह निर्बाध कवरेज, उच्च डाटा स्पीड और अत्यधिक विश्वसनीय संचार प्रदान करने में मदद करेगी। यह ऊर्जा की खपत में कमी के साथ-साथ स्पेक्ट्रम दक्षता और नेटवर्क दक्षता में वृद्धि करेगी। 5जी तकनीक अरबों की संख्या में इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों को जोड़ने में मदद करेगी। यह आपदाओं की तत्काल निगरानी, सटीक कृषि, और खतरनाक औद्योगिक कार्यों जैसे कि गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों आदि में मनुष्यों की भूमिका को कम करने में मदद करेगी। मौजूदा मोबाइल संचार नेटवर्क के विपरीत, 5जी नेटवर्क एक ही नेटवर्क के भीतर ये अलग-अलग उपयोग के संदर्भ में प्रत्येक के लिए आवश्यकताओं को आसानी से पूरा करेगी।
कुशल नेतृत्व से आगे बढ़ रहा देश
इस मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की प्रेरणा और सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रत्येक कार्य की तैयारी और नीति का निर्माण इस कुशलता से किया गया है जो भारत को लक्ष्य की ओर ले जाने में सक्षम है। भारत के 5जी युग में तेजी से आगे बढ़ने के लिए उठाए गए कदम हमारे प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प का सशक्त प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 5जी की संभावनाओं के बारे में बताया। अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व ने भारत की प्रतिष्ठा, प्रोफाइल और शक्ति को वैश्विक स्तर पर इतना बढ़ाया है कि तेजी से बदलती दुनिया में एक प्रगतिशील भारत को शीर्ष पर चढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए होगा वरदान
भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने इस मौके पर कहा कि 5जी का आरंभ एक नए युग की शुरुआत है और यह आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान हो रहा है, इसलिए यह इसे और भी खास बनाता है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से देश में नई ऊर्जा का संचार होगा। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री के रूप में एक ऐसा नेता है, जिनके पास तकनीक और उसके उपयोग की बारीक समझ है। हमारे प्रधानमंत्री देश के विकास के लिए बेजोड़ तरीके से आधुनिक तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित कर रहे हैं। मित्तल ने कहा कि यह विशेष रूप से हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए एक वृहद अवसर खोलेगा। मित्तल ने उन्होंने मेक इन इंडिया की सोच और उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया के साथ प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप इंडिया अभियान को भी आगे बढ़ाया और भारत में यूनिकॉर्न की संख्या तेजी से बढ़ी।
वैश्विक मंच पर भारत का कौशल साबित
आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने 5जी के आगमन को एक परिवर्तनकारी घटना बताते हुए कहा कि यह वैश्विक मंच पर भारत के कौशल को साबित करती है और भारत के विकास के आधार के रूप में दूरसंचार प्रौद्योगिकी की भूमिका सुनिश्चित करती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नंबी छलांग के लिए प्रधानमंत्री को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया, जिसके दम पर भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि 5जी का शुभारंभ भारत के लिए एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत है। हम आने वाले वर्षों में 5जी विकास और इस्तेमाल के मामलों के लिए असीमित संभावनाएं देखेंगे।
मुंबई में शिक्षक, तीन अलग-अलग राज्यों में छात्र
रिलायंस जियो ने मुंबई के एक स्कूल के एक शिक्षक को महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में तीन अलग-अलग स्थानों के छात्रों से जोड़ा। कंपनी ने दिखाया कि 5जी शिक्षकों को छात्रों के करीब लाकर, उनकी भौतिक दूरी को मिटाकर किस प्रकार से शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा। इसने स्क्रीन पर ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) की ताकत का प्रदर्शन करते हुए दिखाया कि किसी डिवाइस की आवश्यकता के बिना भी किस प्रकार एआर का उपयोग देशभर में बच्चों को शिक्षा देने के लिए किया जा सकता है।।प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले स्कूल, रायगढ़ (महाराष्ट्र) के छात्रों के साथ बातचीत की। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में रोपडा प्राइमरी स्कूल, गांधीनगर (गुजरात) के छात्र जुड़े। प्रधानमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में एसएलएस मेमोरियल स्कूल, मयूरभंज (ओडिशा) के छात्रों से भी बातचीत की।
वोडाफोन आइडिया परीक्षण मामले ने डायस पर यह दर्शाया कि कैसे सुरंग के डिजिटल ट्विन के निर्माण के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की एक निर्माणाधीन सुरंग में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। डिजिटल ट्विन दूरस्थ स्थान से तत्काल श्रमिकों को सुरक्षा अलर्ट देने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने वीआर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके तत्काल काम की निगरानी के लिए डायस से लाइव डेमो लिया। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय सक्सेना की उपस्थिति में दिल्ली मेट्रो टनल द्वारका (नई दिल्ली) में कार्यरत रिंकू कुमार के साथ बातचीत की। एयरटेल के डेमो में उत्तर प्रदेश के दनकौर के छात्रों ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी की मदद से सौरमंडल के बारे में जानने के लिए एक जीवंत शिक्षण को प्रदर्शित किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, वाराणसी से जुड़े।
डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “डिजिटल इंडिया की बात करते हैं तो कुछ लोग समझते हैं ये सिर्फ एक सरकारी योजना है। लेकिन डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विजन है। इस विजन का लक्ष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना जो लोगों के लिए काम करे, लोगों के साथ जुड़कर काम करे।”
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में डाटा की लागत दुनिया में सबसे कम है। यह 300 रुपये प्रति जीबी से घटकर करीब 10 रुपये प्रति जीबी हो गई है। सरकार के उपभोक्ता केंद्रित प्रयासों के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से भारत में डाटा की कीमत काफी कम है। भारत को पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से भले ही लाभ न हुआ हो, लेकिन मुझे विश्वास है कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का पूरा लाभ उठाएगा और वास्तव में इसका नेतृत्व करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी तकनीक का इस्तेमाल तेज इंटरनेट एक्सेस तक सीमित नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की जिंदगी बदलने की क्षमता रखता है। देश में क्रांति लाने के लिए 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रकाश डाला जो कि नई शुरू की गई ड्रोन नीति के बाद संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि कई किसानों ने ड्रोन उड़ाना सीख लिया है और खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए उनका उपयोग करना शुरू कर दिया है।