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- दो मलेशियाई कंपनियां कर्नाटक में 32,200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी
पेट्रोनास हाइड्रोजन और कॉन्टिनेंटल इंडिया ने बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह दोनों मलेशियाई कंपनियां है, जो कर्नाटक में 32,200 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। पेट्रोनास हाइड्रोजन मंगलुरु के पास अक्षय ऊर्जा इकाई में 31,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे लगभग 3,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। कॉन्टिनेंटल इंडिया अपने अनुसंधान और विकास केंद्र की स्थापना के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के माध्यम से ₹1,000 करोड़ रूपये का निवेश करेगा, जिससे लगभग 6,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
आपको बता दें पिछले साल कर्नाटक सरकार ने 28,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आकर्षित करनेके लिए 23 कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सरकार का कहना है कि इससे लगभग 15,000 नौकरियां पैदा होंगी। समझौते में बिजली से चलने वाले वाहन, डाटा केंद्र और रक्षा उद्योग से जुड़ी कंपनियां शामिल थी।
राज्य सरकार ने कहा कि उसकी मंशा आने वाले वर्षों में सबसे अधिक निवेश हासिल करने वाले राज्य के रूप में उभरने की है। बी एस येदियुरप्पा, बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार की उपस्थिति में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 'इन्वेस्ट कर्नाटक' कार्यक्रम में अमेरिका की प्रमुख लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माता कंपनी सी4वी के साथ 4,015 करोड़ रुपये और अडानी डाटा केंद्र के साथ 5,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
येदियुरप्पा ने कहा पिछले साल मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से कर्नाटक सरकार उद्योगों की 20 से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन नए समझौतों के बाद राज्य में कुल निवेश 1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया हैं। हालही में कर्नाटक सरकार ने नवंबर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के दौरान 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का विश्वास व्यक्त किया। बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी ने कहा कि- तीन दिवसीय जीआईएम 2 नवंबर से शुरू होगा।
दुनिया के बड़े उद्योगपतियों ने राज्य में निवेश करने में रुचि दिखाई है। हमें 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ सालों में राज्य की पूरी तस्वीर बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि अनुकूल माहौल, उद्योग-समर्थक नीतियों, बुनियादी ढांचे को देखते हुए उन्होंने निवेश में रुचि दिखाई। उन्होंने कहा कि यदि निवेश का प्रवाह अच्छा है, तो ज्यादा उद्योग स्थापित होने जा रहे हैं और स्थानीय लोगों के लिए ज्यादा अवसर पैदा होंगे। साथ ही ये भी कहा उद्योगपतियों ने जीआईएम में अपनी भागीदारी का आश्वासन दिया है। कई लोगों ने राज्य में निवेश के बारे में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।