दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी निजी स्कूलों को सरकार की अनुमति के बगैर फीस में किसी भी तरह की बढ़ोतरी न करने का आदेश दिया है। यह आदेश विशेषकर उन स्कूलों के लिए है, जिन्हें स्कूल खोलने के लिए जमीन सरकार की ओर से दिया गया है। इन स्कूलों को स्पष्ट तौर पर यह कह दिया गया है कि शिक्षा सत्र 2024-25 के शुरू होने से पहले फीस में वृद्धि के लिए उन्हें शिक्षा निदेशालय से स्वीकृति लेनी होगी।
शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, जिन निजी स्कूलों को जमीन का आवंटन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा किया गया है, वे फीस में बगैर पूर्वानुमति फीस में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं कर सकते। शिक्षा निदेशालय में इन स्कूलों ने बीते वर्ष जितनी फीस बताया है, इस वर्ष भी उनके लिए तब तक वही मान्य होगा, जब तक कि वे निदेशालय से नई फीस के लिए स्वीकृति नहीं ले लेते।
स्कूल खोलने के लिए भूमि लिया हो
डीएसईएआर, 1973 के सेक्शन 17 के अनुसार यह स्पष्ट है कि दिल्ली के वैसे किसी भी निजी स्कूल को शिक्षा निदेशालय से पूर्वानुमति लिए बगैर फीस में वृद्धि की अनुमति नहीं होगी, जिन्होंने डीडीए या किसी भी सरकारी संस्थानों के जरिए स्कूल खोलने के लिए भूमि लिया हो।यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि निदेशालय इन सभी निजी स्कूलों पर नजर रखेगा। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर निदेशालय उन निजी स्कूलों पर उचित कार्रवाई करेगा।
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने फीस बढ़ाने की मंजूरी चाहने वाले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों को यह आदेश दिया है कि शिक्षण सत्र 2024-2025 शुरू होने से पहले वे अपना प्रस्ताव पेश कर दें। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने 27 मार्च को जारी किए गए एक आदेश में कहा है कि दिल्ली में कोई भी निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल, जिसे सरकारी एजेंसियों की ओर से जमीन आवंटित की गई है, शिक्षा निदेशालय की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ाएगा।
1-15 अप्रैल तक प्रस्ताव जमा
शिक्षा निदेशालय ने 1-15 अप्रैल तक सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के प्रमुखों/प्रबंधकों को उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रस्ताव जमा करने के लिए कहा है। आदेश के अनुसार यदि कोई स्कूल प्रस्ताव जमा नहीं करता है तो वह कोई शुल्क नहीं बढ़ाएगा, जब तक कि शिक्षा निदेशालय उसके प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे देता।
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों की ओर से भेजे प्रस्तावों की जांच निदेशक की ओर से अधिकृत अधिकारी या टीमों के माध्यम से की जाएगी। यदि इस आदेश के संदर्भ में स्कूल कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करता है, तो स्कूल ट्यूशन फीस/शुल्क में वृद्धि नहीं करेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि पूर्वानुमति के बिना किसी भी तरह के शुल्क में वृद्धि के संबंध में मिली शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित स्कूल पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।