व्यवसाय विचार

पीएमईजीपी योजना के तहत उत्तराखंड के लाभार्थियों को 12.01 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Dec 03, 2024 - 2 min read
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पीएमईजीपी योजना के तहत उत्तराखंड में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 430 लाभार्थियों को 12.01 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है।

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत उत्तराखंड में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 430 लाभार्थियों को 12.01 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है। इसके साथ ही, 8.08 करोड़ रुपये की राशि के 77 सब्सिडी दावे अभी भी लंबित हैं।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा 2008-09 से शुरू की गई पीएमईजीपी योजना का उद्देश्य देश में गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान करना है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) इस योजना की नोडल एजेंसी है।

पीएमईजीपी योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% सब्सिडी प्रदान की जाती है। वहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला और अन्य विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में यह सब्सिडी 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% तक होती है।

मौजूदा उद्यमों के विस्तार और उन्नयन के लिए भी 2018-19 से दूसरे ऋण के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत पांच वित्तीय वर्षों (2021-22 से 2025-26) में 13,554.42 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी गई है।

बता दे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है, जिसे 2008-09 में शुरू किया गया। इस योजना का उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करना है। इस योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना लागत का 25% और शहरी क्षेत्रों में 15% सब्सिडी प्रदान की जाती है, जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी, महिला, और अन्य विशेष श्रेणियों के लाभार्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% सब्सिडी दी जाती है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 50 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये तक की परियोजना लागत की सीमा तय की गई है।

2018-19 से, मौजूदा पीएमईजीपी/मुद्रा उद्यमों को उन्नयन और विस्तार के लिए दूसरे ऋण की सुविधा भी दी गई है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र के लिए ₹1 करोड़ और सेवा क्षेत्र के लिए ₹25 लाख तक की परियोजना लागत पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा किया जाता है, और राज्यवार बजट आवंटन के बजाय बैंकों द्वारा स्वीकृत ऋण और मांग के आधार पर निधियों का उपयोग किया जाता है। पीएमईजीपी से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उद्यमिता का विकास होता है, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता और रोजगार सृजन में मदद मिलती है।

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