पीएम नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। यह दिल्ली के तीन मूर्ति एस्टेट में बनाया गया है और इसमें देश के सभी 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान शामिल हैं। यह संग्रहालय सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान का सम्मान करने के लिए एक श्रद्धांजलि है। इसका उद्देश्य देश के सभी प्रधानमंत्रियों के लीडरशिप, विजन और उपलब्धियों के बारे में युवा पीढ़ी को संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना है।
संग्रहालय का डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। संग्रहालय का लोगो राष्ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक धर्म चक्र धारण करने वाले भारतीयों का प्रतिनिधित्व करता है। संग्रहालय में कुल 43 गैलरी हैं।
पुराने और नए के सहज मिश्रण का प्रतिनिधित्व करते हुए, संग्रहालय ब्लॉक I के रूप में नामित तत्कालीन तीन मूर्ति भवन को ब्लॉक II के रूप में नामित नवनिर्मित भवन के साथ एकीकृत करता है। दो ब्लॉकों का कुल क्षेत्रफल 15 हजार 600 वर्ग मीटर से अधिक है।
परियोजना पर काम के दौरान कोई पेड़ नहीं काटा गया है और न ही प्रतिरोपित किया गया है। संग्रहालय ने कॉन्टेंट में डिसपले के लगातार रोटेशन को शामिल करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी -आधारित इंटरफेस को नियोजित किया है।
होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टीमीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, इंटरेक्टिव स्क्रीन डिस्प्ले कॉन्टेंट को आकर्षक बनने में सक्षम बनाता हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार और नेताजी की 125वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री की समिति की सदस्य कंचन गुप्ता ने ट्वीट् कर कहा कि संग्रहालय सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को उनकी विचारधारा के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार मान्यता देता है। आगे उन्होंने कहा, भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान निर्माण तक, प्रधान मंत्री संग्रहालय यह कहानी बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के माध्यम से देश को आगे बढ़ाया और देश की प्रगति सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री संग्रहालय भारत के संविधान के निर्माण का जश्न भी मनाता है और विजिटर को संविधान सभा के महापुरुषों और विशेष रूप से बीआर अंबेडकर के बारे में सूचित करेगा, जिन्होंने हमारे प्राचीन राष्ट्र को एक आधुनिक गणराज्य की ओर अग्रसर किया।
इस संग्रहालय की लागत करीब 271 करोड़ रुपये आई है। इसे 2018 में मंजूरी मिली थी और 4 वर्ष में ये बनकर तैयार हो गया। ये संग्रहालय नेहरू म्यूजियम में करीब 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर बना है। भारत के संविधान को भी प्रधानमंत्री संग्रहालय में जगह दी गई है।