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- पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 व्यवसायों के कारीगरों को मिलती है मदद
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत देश के 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कारीगरों और हस्तशिल्पियों को उनके पारंपरिक कौशल को सुधारने और आधुनिक बनाने के लिए बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पीएम विश्वकर्मा योजना 17 सितंबर 2023 को कारीगरों और हस्तशिल्पियों को जो अपने हाथों और उपकरणों से 18 व्यवसायों में काम करते हैं, पूरी तरह से मदद प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। योजना के घटकों में पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल उन्नयन, उपकरण प्रोत्साहन, लोन सपोर्ट, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग सपोर्ट शामिल हैं।योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को उद्यमी और आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना है।
यह उम्मीद है कि यह योजना कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करेगी, उनके कौशल को बढ़ाएगी और उनके काम में आधुनिक उपकरण और तकनीक को शामिल करेगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें घरेलू और वैश्विक बाजारों से जोड़ने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। 29 जुलाई 2024 तक, योजना के तहत 56,526 लोगों को कुल 551.80 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है और 15,878 लोगों को 132.49 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। देश भर में 14.38 लाख पंजीकृत लाभार्थियों में से 9,05,328 ने मार्केटिंग सपोर्ट लिया है।
योजना को भारत सरकार के तीन मंत्रालय मिलकर चला रहे हैं: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, और वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवाओं विभाग। योजना को अच्छे से चलाने के लिए इन मंत्रालयों के सचिवों की सह-अध्यक्षता में नियमित बैठकें हो रही हैं। यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), जयंत चौधरी ने दी।