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- पूरा विश्व भारत की ओर नई आकांक्षाओं से देख रहा है: प्रधानमंत्री
ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 के तीसरे संस्करण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वर्ष 2021 में जब पूरी दुनिया कोरोना की अनिश्चितता से घिरी हुई थी, तब कोई नहीं जानता था कि कोरोना के बाद का विश्व कैसा होगा। लेकिन आज दुनिया का एक नया स्वरूप हमें देखने को मिल रहा है। पूरा विश्व आज भारत की ओर नई आकांक्षाओं से देख रहा है। आर्थिक संकट से घिरी दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीन आर्थिक ताकतों में से एक होगा। हम सब जानते हैं कि दुनिया का ज्यादातर व्यापार समुद्री मार्ग से ही होता है।
इतिहास साक्षी है कि जब भी भारत की मेरीटाइम कैपेबिलिटी मजबूत रही है, देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है। इसी सोच के साथ बीते नौ-10 वर्षों से हम इस सेक्टर को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। हाल ही में, भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मेरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है। जी-20 समिट के दौरान भारत-मध्यपूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है। सैकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये रूट दुनिया के कई देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा। नेक्सट जेनरेशन मेगा पोर्ट्स और इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, इसका निर्माण, आइसलैंड डेवलपमेंट, इन्लैंड वाटरवेज, मल्टी-मॉडल हब्स का विस्तार, ऐसे कई बड़े काम इस योजना के तहत किए जाने हैं। इस कॉरिडोर से बिजनेस कॉस्ट कम होगी, लॉजिस्टिकल एफिसिएंसी बढ़ेगी, पर्यावरण का नुकसान कम होगा और बड़ी संख्या में नौकरियों का भी निर्माण होगा। निवेशकों के पास ये एक बड़ा अवसर है कि वो भारत के साथ जुड़कर इस अभियान का हिस्सा बनें।
आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर ेमबजवत में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरिटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। बीते एक दशक में भारत के प्रमुख बंदरगाहों की कैपेसिटी दुगुनी हो चुकी है। कंटेनर वेसल्स का जो टर्न अराउंड टाइम आज से नौ-10 साल पहले 2014 में करीब 42 घंटे था, वो 2023 में 24 घंटे से कम रह गया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला प्रोजेक्ट से भी हमारे कोस्टल एरिया का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास, एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन और ईज ऑफ लिविंग को कई गुना बढ़ा रहे हैं।
पोर्ट्स फोर प्रोसपेरिटी औऱ पोर्ट्स फोर प्रोग्रेस का हमारा विजन धरातल पर लगातार बदलाव ला रहा है। लेकिन हमारे काम ने पोर्ट्स फोर प्रोडक्टिविटी के मंत्र को भी आगे बढ़ाया है। अर्थव्यवस्था की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी इफेक्टिव और एफिसिएंट बना रही है। भारत अपने कोस्टल शिपिंग मोड का भी आधुनिकीकरण कर रहा है। बीते एक दशक में कोस्टल कार्गो का ट्रैफिक दोगुना हो गया है और इससे लोगों को एक कॉस्ट इफेक्टिव लॉजिस्टिक ऑप्शन भी मिल रहा है। भारत में इनलैंड वाटरवेज के विकास से भी बड़ा बदलाव आ रहा है। पिछले दशक में नेशनल वाटरवेज की कार्गो हैंडलिंग, उसमें करीब चार गुना वृद्धि देखने को मिली है। हमारे प्रयासों से बीते नौ वर्षों में लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भी भारत की रेटिंग्स बेहतर हुई हैं।
मेरिटाइम टूरिज्म को बढ़ाने के लिए हमने विश्व की सबसे बड़ी रिवर क्रूज सर्विस की शुरुआत भी की है। भारत अपने अलग-अलग पोर्ट्स पर इससे जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। मुंबई में नया इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल बनाया जा रहा है। इसी साल हमने विशाखापत्तनम और चेन्नई में भी ऐसे मॉडर्न क्रूज टर्मिनल बनाए हैं। भारत अपने स्टेट ऑफ द आर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए ग्लोबल क्रूज हब बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है।
भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिनके पास डेवलपमेंट, डेमाग्राफी, डेमोक्रेशी और डिमांड का कॉम्बिनेशन है। ऐसे वक्त में जब भारत 2047 तक विकसित भारत होने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है, आपके लिए ये सुनहरा मौका है। मैं विश्वभर के आप सभी निवेशकों को फिर आमंत्रित करता हूं कि आप भारत आएं, और विकास के रास्ते पर हमारे साथ मिलकर चलें।