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- फेम योजना ईवी को बढ़ावा देने में सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता: एच.डी. कुमारस्वामी
भारी उद्योग मंत्रालय ने "भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और बनाने की योजना (FAME) की सफलता: सोच से सच्चाई तक"। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह था कि कैसे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ाया जा रहा है और सरकार की इस योजना की सफलता के बारे में चर्चा की गई।
केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिज़वी ने फेम- II की सफलता में योगदान देने वाले मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) और हितधारकों को सम्मानित किया।
केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कार्यक्रम में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता ने हमें एक साफ और हरा-भरा भविष्य की ओर बढ़ने का लक्ष्य दिया है, जिसमें 2070 तक भारत को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाना है। इस योजना से भारत को पर्यावरण के साथ-साथ तकनीकी और आर्थिक रूप से भी मजबूत बनने में मदद मिलेगी। फेम योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सरकार की इस प्रतिबद्धता का सबूत है कि हम कार्बन उत्सर्जन कम करके टिकाऊ और सुरक्षित परिवहन को अपनाएं। उन्होंने कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें नई तकनीकों, निवेश और उत्साह के साथ काम करना चाहिए। हमारी एफएएमई (FAME) योजना ने एक मजबूत आधार तैयार किया है, और अगर हम सभी मिलकर मेहनत करें, तो मुझे पूरा भरोसा है कि हम दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों के बदलाव में सबसे आगे रहेंगे। नई योजना, पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति (पीएम ई-ड्राइव) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन और बेहतर चार्जिंग सुविधाएं प्रदान करेगी। इसका लक्ष्य पर्यावरण को बचाना, वायु की क्वालिटी को सुधारना और इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण आसान और प्रतिस्पर्धी बनाना है।
भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिज़वी ने इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और बनाने के लिए फेम-2 योजना को सफल बनाने में उद्योग के प्रतिनिधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि फेम-2 योजना ने हमें कठिन चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अपने देश में ही महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने का मौका भी दिया है।
रिज़वी ने कहा कि अब बदलाव ही सबसे महत्वपूर्ण चीज है और हमें जलवायु परिवर्तन की समस्या को सुलझाने और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया है।
फेम योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। फेम-2 की सफलता के माध्यम से हमने पूरे भारत में पर्यावरण-अनुकूल, स्वच्छ और हरित परिवहन के विकल्पों को अपनाया है। 1 अप्रैल, 2019 से 31 अगस्त, 2024 तक फेम-2 योजना के अंतर्गत प्राप्त की गई प्रमुख उपलब्धियाँ:
1. सरकार ने 4,924 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, ताकि 14,32,450 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन को खरीदने और उनका उपयोग बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जा सकें।
2.सरकार ने 1,116 करोड़ रुपये का बजट रखा है, ताकि 1,65,806 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन को खरीदा और उपयोग में लाया जा सके।
3.सरकार ने 537 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, ताकि 22,637 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन को खरीदा जा सकें और उनका उपयोग बढ़ाया जा सके।
4.सरकार ने 3,009 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, ताकि 6,862 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदा और चलाया जा सके।
5.सरकार ने 913 करोड़ रुपये का बजट रखा है ताकि 10,763 इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जा सकें।
6. इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से 31 अगस्त, 2024 तक कुल 4.29 करोड़ लीटर ईंधन की बचत की गई है।
7.इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के कारण 31 अगस्त, 2024 तक कुल 1.2 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड की कमी हुई है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य टिकाऊ और समावेशी परिवहन को बढ़ावा देना है। इस योजना से देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। यह योजना स्थानीय इनोवेशन और निर्माण को भी प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 54,99,12,601 रुपये का लाभांश घोषित किया है, जिसका मतलब है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को यह राशि लाभ के रूप में देगी।