फेम-इंडिया योजना चरण- II के तहत, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। व्यापक रूप से अपनाने को सक्षम करने के लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में उपभोक्ताओं (खरीदारों/अंतिम उपयोगकर्ताओं) को प्रोत्साहन/रियायत प्रदान की जाती है, जिसकी प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा ओईएम (ईवी निर्माताओं) को की जाती है।
फेम-इंडिया योजना चरण- II के तहत, मांग प्रोत्साहन/सब्सिडी हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में वाहन की खरीद के समय ओईएम से वाहन खरीदने वाले व्यक्तियों को दी जाती है।
पिछले पाँच वर्षों (01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024) में ओइएम द्वारा प्रोत्साहन के लिए किए गए दावों के आधार पर दी गई श्रेणीवार सब्सिडी की जानकारी इस प्रकार है- इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन में भुगतान की गई प्रोत्साहन राशि (करोड़ रुपये में) 4,375.59, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन में 845.61, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन में 399.12, इलेक्ट्रिक बस में 1,322.00 यानी की कुलमिलाकर 6,942.32 प्रोत्साहन राशि दी गई है। यह जानकारी इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
वर्मा ने भारत में इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना के लिए दिशानिर्देश पर कहा भारी उद्योग मंत्रालय ने 15 मार्च 2024 को एक योजना घोषित की है जिसका नाम 'स्कीम टू प्रमोट मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार इन इंडिया' है। इसका उद्देश्य है कि दुनिया भर के ईवी निर्माता भारत में निवेश करें और भारत को ई-वाहनों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण जगह बनाएं।
स्कीम टू प्रमोट मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार इन इंडिया (एसपीएमईपीसीआई) पर पहली चर्चा बैठक 18 अप्रैल 2024 को हुई, जिसमें प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने हिस्सा लिया।