व्यवसाय विचार

बच्चों से प्यार है और करियर की तलाश में हैं तो यहां जानिए बेहतरीन विकल्प

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Sep 29, 2023 - 4 min read
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अच्छी-खासी नौकरी करते हुए जब बच्चों को संभालने की बात आती है तो अममून महिलाएं अपने बच्चों को ही प्राथमिकता देती हैं। बच्चों के साथ शुरूआती दिनों में तो वक्त का पता ही नहीं चलता। लेकिन जब, बच्चे बड़े हो जाते हैं तो कहीं न कहीं अवचेतन मन में जॉब जाने की और खुद के आत्मनिर्भर न होने की टीस होती है। तो यहां तो इन परेशानियों से राहत पाने का विकल्प 

अच्छी-खासी नौकरी करते हुए जब बच्चों को संभालने की बात आती है तो अममून महिलाएं अपने बच्चों को ही प्राथमिकता देती हैं। बच्चों के साथ शुरूआती दिनों में तो वक्त का पता ही नहीं चलता। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, बच्चे बड़े हो जाते हैं तो कहीं न कहीं अवचेतन मन में जॉब जाने की और खुद के आत्मनिर्भर न होने की टीस उभरने लगती है। अगर आपके साथ ही कुछ ऐसा हो रहा है, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्यूंकि यहां हम आपको ऐसा विकल्प बताने जा रहे हैं, जो आपकी सारी परेशानी दूर करेगा। सामाजिक रूप से आपको जहां सम्मानित करेगा वहीं दूसरी ओर वित्तीय रूप से भी सशक्त बनाएगा। साथ ही खास बात यह है कि इसके लिए आपको बहुत ज्यादा रकम खर्च करने की भी जरूरत नहीं है और न ही जगह की परवाह करनी है। आइए जान लेते हैं....

बेबी केयर सेंटर, यह नाम सुनते ही आपको भी अपने बच्चों का बचपन याद आ जाता होगा। उनकी भोली सूरत और मासूम शैतानियां, जिनसे पूरा घर रोशन रहता था। अब उनके बड़े होने के बाद बारी है आपके सपनों को पूरा करने की। ऐसे में आप बेबी केयर सेंटर खोलकर इसमें प्यारा सा करियर बना सकते हैं। यहां पूरा दिन एक-दो नहीं बल्कि दर्जन से भी ज्यादा बच्चों का साथ होगा। जो आत्मसंतुष्टि भी दिलाएगा और सम्मान भी। अब बात आती है कि खाका तो खींच लिया कि बेबी केयर सेंटर खोलना है, लेकिन इसके लिए जमीन, फर्नीचर, बच्चों के लिए खिलौने, देखभाल करने वाले कर्मचारी, जरूरी उपकरण और बच्चों से संबंधित अन्य वस्तुओं की खरीदारी, ये सब कैसे होगा? और इसमें कितना खर्च वहन करना होगा?

बेबी केयर सेंटर में आने वाले खर्च को भी जान लें

तक्षशिला बेबी केयर सेंटर के संचालक सूरज शुक्ल के अनुसार अगर आप डे केयर सेंटर यानी कि जहां सुबह से शाम या फिर रात के निर्धारित समय तक ही बच्चों को रखने का प्लान कर रहे हैं तो 1000 स्कॉयर फीट एरिया आपके लिए बेहतर रहेगा। इसके बाद किचन, बच्चों का कमरा, वॉशरूम, फर्नीचर, बच्चों के लिए झूले, खिलौने और पजल गेम्स की व्यवस्था का एक प्लान तैयार करें। ध्यान रखें कि बच्चों के लिए हाइजीन का विशेष ध्यान रखें, तो बेहद अहम् है साफ-सफाई, जिसमें किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। कर्मचारियों को विशेषतौर पर इस बारे में सतर्क करें।

बेबी केयर सेंटर खोल रहे हैं तो ये बातें भी जरूरी हैं

बेबी केयर सेंटर में जिम्मेदारियां जरूर अधिक होती हैं लेकिन बच्चों का जो असीम प्यार और उनके अभिभावकों से सम्मान मिलता है वह किसी उपलब्धि से कम नहीं होता। ऐसे में आपको भी ध्यान रखना होता है कि बच्चों के लिए जो कमरे बनाए गये हैं वह बड़े और हवादार हों। ताकि बच्चे आसानी से मस्ती कर सकें और किसी तरह का सफोकेशन न हो। बच्चों की उचित देखभाल हो सके, इसके लिए सीसीटीवी, उनके सेंटर आने-ने की व्यवस्था और फुल डे या हाफ डे, जैसा भी आप बच्चों को रखने का प्लान कर रहे हैं तो उसके अनुसार उनके खाने की व्यवस्था का खाका तैयार करें। इस तरह जब सारी प्लानिंग पूरी हो जाए तो आप नगर निगम में अपने बेबी केयर सेंटर के लिए आवेदन करें और प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप अपना सेंटर संचालित कर सकते हैं।

बेबी केयर सेंटर से होने वाले लाभ भी जान लें

बकौल सूरज शुक्ल बेबी केयर सेंटर खोलने में कम से कम 2 लाख का खर्च आता है। हालांकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। वहीं, आप चाहें तो 10 से 12 लाख की राशि खर्च करके बेहतरीन बेबी केयर सेंटर शुरू कर सकते हैं। इसमें उनके रहन-सहन से लेेकर खान-पान और अन्य सुख-सुविधाओं को भी जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा जब लाभ की बात की जाती है तो यहां प्रतिदिन भी आप 2 से 4 हजार कमा सकते हैं, यह पूरी तरह से बड़े और छोटे शहर और बेबी केयर सेंटर में दी जाने वाली सुविधाओं पर निर्भर करता है। कई पैरंट्स बच्चों को हाफ डे के लिए किसी-किसी दिन ही सेंटर पर रखते हैं तो कई पैरंट्स फुल डे के लिए। इसमें सुविधाओं को भी अलग-अलग कटेगरीज में रखा गया है।

बच्चों के विकास में सहायक हैं बेबी केयर सेंटर

बेबी केयर सेंटर में बच्चों के विकास को लेकर काफी सजगता बरती जाती है। इसमें बच्चों का रेग्युलर रूटीन मेनटेन करने से लेकर, उनके आत्मनिर्भर बनने की प्रक्रिया पर विशेष ख्याल रखा जाता है। इसके अलावा उन्हें दूसरे बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना है इसकी भी जानकारी दी जाती है। इस तरह वह समाज में कैसे उठना-बैठना है या फिर रहना है, कब किसके साथ कैसे बात करनी है सीखने लगते हैं, जो उनके सर्वागींण विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है। इस कार्य को बेहतरीन तरीके से करने के लिए बेबी केयर सेंटर में काउंसलर का भी पद सृजित किया जाता है। तो अगर आप बेबी केयर सेंटर खोल रहे हैं या रही हैं तो इस पद के बारे में गलती से भी न भूलें।

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