व्यवसाय विचार

बजट 2021: सरकार ने MSMEs के लिए अवसर मुहैया कराएं

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Feb 02, 2021 - 6 min read
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के लिए 15,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

बजट 2021-2022  में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए बजट में आवंटित राशि को पिछली बार के मुकाबले दोगुना कर दिया है। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 15,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है

सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा,“हमने इस बजट में MSME क्षेत्र को मदद देने के लिए कई कदम उठाए हैं।  इस बजट में हमने इस सेक्टर को 15,700 करोड़ दिया है, जोकि पिछले साल के बजट के मुकाबले दोगुना है।"

केंद्रीय बजट 2021 पर गोनट्स के सह-संस्थापक जॉन्जी जॉर्ज ने कहा “माननीय वित्त मंत्री जी ने आज जो बजट पेश किया है, उसमें सकारात्मक शुरुआत के बाद हमें स्टार्ट-अप और एमएसएमई के नजरिए से अपेक्षाओं की उम्मीद जताई।  बजट ने भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022 सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों के लिए अपने व्यय आवंटन को बढ़ाकर 15,700 करोड़ रुपये कर दिया है। यह हमारे जैसी कंपनियों के लिए एक उत्कृष्ट कदम है जो बड़ी संख्या में एमएसएमई के साथ काम करती हैं। ”

संशोधित करने के लिए लघु कंपनियों की परिभाषा

कंपनी एक्ट 2013 में संशोधन का प्रस्ताव करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि छोटी कंपनियों की परिभाषा को 50 लाख रुपये की वर्तमान सीमा से पूंजी आधार को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जाएगा।

एरो (Arrow) पीसी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (टाइटेनियम पार्टनर - डेल टेक्नोलॉजीज़) के प्रबंध निदेशक गुरप्रीत सिंह ने कहा कठिन नियमों ने निश्चित रूप से कई ऑर्गेनाइजेशन और स्टार्ट-अप के व्यापार को आसान करने के बजाया प्रभावित किया था। हालांकि, विशेष रूप से व्यवसाय करने में आसानी के लिए एक अलग प्रशासनिक संरचना स्थापित करने की सरकार की घोषणा से भविष्य में कई ऑर्गेनाइजेशन को लाभ होगा। 50 लाख रुपये की वर्तमान सीमा से पूंजी आधार को 2 करोड़ रुपये तक बढ़ाकर छोटी कंपनियों की परिभाषा में संशोधन से कंपनियों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा जिनकी मौद्रिक स्थिति (मॉनिटरी स्टेटस) खराब है।“

एकल व्यक्ति कंपनियों का गठन होना

बिज़नेस करने में कंपनियों को अब अपनी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए केवल एक व्यक्ति के साथ शुरू किया जा सकता है। इसके साथ ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कंपनियों की स्थापना के लिए रेजिडेंसी अवधि 182 दिनों से घटाकर 120 दिन कर दी जाएगी, जिससे अनिवासी भारतीय भारत में एकल-व्यक्ति कंपनियों को भी शामिल कर सकते हैं।

शेक डील(ShakeDeal) के सह-संस्थापक अक्षय हेगड़े ने कहा इस वर्ष का बजट व्यावहारिक, सकारात्मक और व्यापार के अनुकूल है, जो युवा और तेजी से बढ़ते भारत के लिए उत्साहजनक है। एकल व्यक्ति कंपनियों को आवंटित करने से देश में उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

हम भारत में व्यापार को आसान बनाने और बढ़ावा देने के इरादे से सही दिशा में एक प्रगतिशील कदम के रूप में इस बजट का स्वागत करते हैं और नौकरियों का सृजन करते हुए अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं।“

गोनट्स ( Gonuts)  के सह-संस्थापक जोजी जॉर्ज ने इस बजट पर आगे बात करते हुए बताया कि वित्त मंत्री ने पेड-अप कैपिटल की कोई सीमा नहीं होगी इसलिए एकल-व्यक्ति फर्मों के पंजीकरण से स्टार्ट-अप इकोसिसटम को बढ़ावा मिलेगा जिससे की छोटे उद्यमियों को भी मदद मिलेगी। स्टार्टअप के लिए बजट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महामारी के बाद के समय में यह स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को अगले चरण तक ले जाएगा है।“

MSMEs सेगमेंट में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना

डिजिटल मोड ऑफ पेमेंट को बढ़ावा देने का सरकार का निर्णय MSME सेगमेंट में एक गेम-चेंजर होगा।बीकाइ(Bikayi) के सह-संस्थापक और सीईओ सोनाक्षी नैथानी ने कहा व्हाट्सएप एकीकृत ई-कॉमर्स स्टार्टअप MSMEs के लिए, हम सरकार द्वारा MSME आवंटन को दोगुना करने के निर्णय का स्वागत करते हैं। महामारी के बाद, इन सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यापारीयों के लिए एक सस्टेनेबल इकोसिस्टम बनाने की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है। पिछले 6 महीनों में लॉकडाउन प्रतिबंधों के साथ, हमने व्यवसायों को चलाने के लिए डिजिटल माध्यमों को अपनाया है।हालांकि, समझ की कमी, उपयोग में आसानी और इंसेंटिव, इन व्यवसायों  को अन्वेषण (एक्सप्लोर) करना के लिए प्रतिबंधित करता है। इसलिए, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा और वित्तीय प्रोत्साहन देने का निर्णय एमएसएमई सेगमेंट में विशेष रूप से स्थानीय ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के लिए एक गेम-चेंजर होगा।

स्टार्ट-अप के लिए टैक्स हॉलिडे  का विस्तार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच भारत के स्टार्टअप की मदद करने और स्टार्टअप में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ में छूट को 31 मार्च 2022 तक एक और साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।

क्रेडआर के सह-संस्थापक और सीएसओ सासीधर नंदीगम ने कहा हम स्टार्ट-अप के लिए स्क्रैप पॉलिसी और टैक्स हॉलिडे के विस्तार में उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं। यह कदम संघर्षरत स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक ताजी हवा का झोका सा है। टैक्स हॉलिडे  से बचाई गई राशि स्टार्टअप को व्यवसाय निर्माण के लिए इस पैसे को रीइन्वेस्ट करने में मदद करेगी।“

अप्पी पाई(APPY Pie) के संस्थापक अभिनव गिरधर ने कहा,  युनियन बजट में वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए स्टार्टअप्स के लिए एक वर्ष का टैक्स हॉलिडे  सबसे प्रमुख मांगों में से एक रहा है और हमें खुशी है कि इस बजट में शामिल किया गया है। स्टार्टअप्स में निवेश के संबंध में पूंजीगत लाभ में छूट भी एक स्वागत योग्य कदम है।ये कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया के आह्वान को और बढ़ावा देगा।

सरकार की ECLGS स्कीम  को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया

सरकार ने लॉकडाउन के दौरान पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई 2020 में इस स्कीम को लॉन्च किया था, जो अक्टूबर अंत तक लागू थी। फिर इस स्कीम को 30 नवंबर 2020 तक आगे बढ़ाया और अब इसे 31 मार्च, 2021 तक आगे बढ़ाया गया है।

केंद्र के ईसीएलजीएस(ECLGS) कार्यक्रम के तहत, केंद्र ने 8 जनवरी, 2021 तक पहले से प्रभावित MSME और व्यवसायों को 3 लाख करोड़ रुपये के आपातकालीन ऋण का 71.3प्रतिशत स्वीकृत किया है। यह योजना मई 2020 में देश भर में लॉकडाउन के एक महीने के बाद शुरू की गई थी नवंबर में स्थिति की समीक्षा करने के बाद, इस योजना को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना ने MSME और छोटे व्यवसायों को अपने पूरे क्रेडिट का 20प्रतिशत तक का ऋण 29 फरवरी तक का समय दिया। शुरुआत में, केंद्र ने 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनियों और 25 करोड़ रुपये की बकाया कंपनियों को सीमित किया था लेकिन इस सीमा को केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2020 में हटा दिया गया था।

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