वैलनेस इंडस्ट्री सबसे तेज विकसित हो रहे व्यापार क्षेत्रों में से एक है। इसके पीछे ग्राहकों की जरूरत से लेकर बाजार में चल रहे रूझान तक, कई कारण हैं। हम उन्हें यहां संक्षेप में दे रहे हैं:
एक्सपोजर लेवल
वैलनेस इंडस्ट्री और उसके प्रोडक्ट्स, वे उपभोक्ता की रोजमर्रा की जरूरतों को किस हद तक पूरा करते हैं, इस पर पनपते हैं। जैसे इस उद्योग की शुरुआत सुन्दर और स्वस्थ दिखाई देने की चाहत से हुई थी। लोग विभिन्न प्रोडक्ट्स के प्रति जितने जागरूक होते हैं, उतने ही दूकान में जाकर उन्हें खरीदने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।”
कैनोस ग्लोबल हेल्थ एंड वैलनेस प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर भुवन भास्कर कहते हैं, "इन दिनों आप उद्योग में तेज परिवर्तन होते देख सकते हैं। वैलनेस इंडस्ट्री के उपभोक्ता जनसंख्या की दृष्टि बदल रहे हैं और उन्हें अलग-अलग प्रोडक्ट्स की पहचान हो रही है। इसलिए भी उनमें बदलाव आ रहे हैं। बाजार भी बड़ी तेजी से इन बदलावों के मुताबिक खुद को ढाल रहा है। इसीलिए आप खाद्य, सौंदर्य, तंदुरुस्ती और स्वास्थ्य उद्योगों के बीच एक ताना-बाना आपको दिखाई देगा।"
पुरुष उपभोक्ता:
पहले ब्यूटी और वैलनेस में सिर्फ महिलाओं की चलती थी, लेकिन अब उसने पुरुषों के जीवन में भी जगह बना ली है, उनमें उसके विकास की बहुत अच्छी गुंजाइश है। पुरूष भी अब खुद को लेकर सचेत हुए हैं और इसीलिए वैलनेस इंडस्ट्री ने उनकी जरूरतों का बढ़िया ख्याल रखने के लिए भी कदम उठाए हैं।”
फेशल सर्जन और 'दी एस्थेटिक्स कलीनिक' के डॉ. देबराज शोम कहते हैं, "एक बड़ा दिलचस्प बदलाव ये दिखाई दिया है कि अब पुरुष भी महिलाओं के ही समान अपने रंग-रूप की देखभाल के लिए अच्छा खासा समय दे रहे हैं और उतनी ही कोशिश कर रहे हैं।"
अपने दावे की पुष्टि के लिए वे ये तथ्य पेश करते हैं, "आंकड़ें बताते हैं कि खूबसूरत दिखने के लिए की जाने प्रक्रियाओं में रूचि रखने के मामले में इन दिनों पुरुष और स्त्रियों का अनुपात 1:1 है। पहले के जमाने में सिर्फ महिलाओं के बल पर चलने वाला ये उद्योग अब मर्दों को भी उतनी ही तवज्जो दे रहा है। मर्द भी अब अलग-अलग किस्म के उपचार, उनके खर्च और परिणाम के प्रति काफी हद तक जानकारी रखते हैं। अपनी छवि को संवारने की उनकी इस बढ़ती हुई जागरूकता को देखते हुए बाजार भी ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित कॉस्मेटिक प्रोसीजर्स के जरिए उन्हें लुभाने की कोशिश में लगा हुआ है।
सिर्फ खूबसूरती नहीं, कुछ और भी
मेकअप का इस्तेमाल करके खूबसूरत दिखना या अपने अच्छे फीचर्स को उठाव देना, पहले सौंदर्य की परिभाषा इतनी ही थी। अब खूबसूरती से आगे बढ़ते हुए स्वास्थ्य-सम्बन्धी फायदों के प्रति भी रुझान दिखाई देता है। इसीलिए अब ग्राहकों का झुकाव, सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य सुधारने वाले उत्पादों की ओर दिखाई दे रहा है।
भास्कर कहते हैं, "ग्राहकों की मानसिकता और नजरिए में ये जो बदलाव हो रहा है, उसी के चलते अलग-अलग इंडस्ट्रीज एक दूसरे से मिल कर उसके लिए समाधान पेश कर रही हैं। कई लोग जो शुरु में सिर्फ खूबसूरती चाहते थे, अब स्वास्थ्य, स्वास्थ्य रक्षा या स्वास्थ्य के अन्य किसी भी फायदे के रूप में और भी कुछ पाना चाहते हैं।"
बढ़ती मांग
व्यवसाय की संस्कृति पूरी तरह ग्राहकों की मांग और उत्पादकों द्वारा उसके पूरा किए जाने पर निर्भर होती है। वैलनेस इंडस्ट्री के व्यवसायी अब विकास के नए अवसरों की खोज में हैं और इसीलिए वे उपभोक्ताओं की मांग को गंभीरता से ले रहे हैं।
जैसे कि भास्कर कहते हैं, "जैसे उपभोक्ताओं की मांग बढ़ रही है, वैसे हम भी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के जरिए उन्हें खुश करने की कोशिश करे रहे हैं। किसी भी अन्य उद्योग की तरह ये उद्योग भी बदलने जा रहा है और इस वक्त कोई भी उद्योग बदलाव से अछूता नहीं है। मुझे पूरा यकीन है कि ब्यूटी और वैलनेस इंडस्ट्री भी इन बदलावों का सामना अच्छी तरह करेगी।"