ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने छह कुलपतियों के समूह के साथ भारत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि जल्द ही बेंगलुरु में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (WSU) का कैंपस तैयार होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक बेंगलुरू में अपना स्वतंत्र कैंपस स्थापित करने को लेकर WSU उत्सुक है। जैसे ही भारत सरकार ने अपने नियम तय किए, यूनिवर्सिटी अपने आवेदन वहां लगाने को लेकर बेहद उत्सुक दिखी। अब देखना यह है कि गिफ्ट सिटी जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्रों तक यूनिवर्सिटी किस तरह से काम करेगी। फिलहाल, वे बेंगलुरू में अपना कैंपस स्थापित करना चाहते हैं।
सबसे पहले Deakin University और University of Wollongong ने गुजरात के Gift City में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) में अपना कैंपस स्थापित करने के लिए आवेदन किया था। उनका कैंपस ऑपरेशन ऑफ इंटरनेशनल ब्रांच कैंपस एंड ऑफशोर एजुकेशन सेंटर्स रेगुलेशंस- 2022 की देखरेख में होगा। यह IFSCA द्वारा पारित है, जो कि गिफ्ट सिटी के संचालन को लेकर अपनी सेवाएं देती है। डेकिन और वाॅलाॅन्गाॅन्ग कैंपस जून 2024 से यहां काम करना शुरू कर देंगे।
पिछले महीने पारित नियमों के अनुसार, गिफ्ट सिटी के बाहर अपना कैंपस स्थापित करने की इच्छा रखने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) नजर रखेगी और उन्हें यूजीसी के नियम व शर्तों के अनुसार ही काम करना होगा। स्रोतों के अनुसार, यूजीसी ने अब तक अपने नियमों को सार्वजनिक नहीं किया है। भारत आने के लिए इच्छुक विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए यूजीसी एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने में जुटी है। यूजीसी की योजना है कि इस पोर्टल को लाॅन्च करने के साथ-साथ वह अपने नियमों की घोषणा भी करेगी।
क्लेयर ने स्पष्ट किया कि WSU का गिफ्ट सिटी में कैंपस शुरू करने को लेकर कोई योजना नहीं है। वे देश के अन्य इलाकों में अपना कैंपस स्थापित करना चाहते हैं, जो वर्ष 2025 तक पूरा हो जाएगा। भविष्य में ऑस्ट्रेलिया की कई अन्य यूनिवर्सिटीज की भी भारत में कैंपस शुरू करने की योजना है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज को दो देशों के बीच रिश्ते और भारत के आईआईटी जैसे संस्थानों के साथ सहयोग के अवसर के महत्व का भान है। डेकिन यूनिवर्सिटी, गिफ्ट सिटी के कैंपस में छात्रों के लिए साइबरसिक्योरिटी (प्रोफेशनल) और बिजनेस एनालिटिक्स में मास्टर्स यानी पोस्टग्रेजुएट कोर्सेस शुरू करने की तैयारी में है, जिसमें अकादमिक वर्ष जून 2024 के लिए हर कोर्स में 60 छात्रों की मौजूदगी जताई जा रही है।