व्यवसाय विचार

बैटरी निर्माण और ईवी ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण होगा झारखंड में लिथियम का भंडार मिलना: उदय नारंग

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 04, 2023 - 3 min read
बैटरी निर्माण और ईवी ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण होगा झारखंड में लिथियम का भंडार मिलना: उदय नारंग image
खनिज का भंडार कहे जाने वाले झारखंड में कोयला, लोहा और अभ्रक के बाद अब लिथियम का भंडार मिलने से देशभर में स्थित ईवी उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों में खुशी और आशा की लहर है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में ईवी इंडस्ट्री को बढ़ाने में लिथियम का यह भंडार मददगार साबित होगा।

झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिलों को सदियों तक अभ्रक के भंडार के लिए जाना जाता रहा है। हालांकि, यह भंडार अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। बता दें कि अभ्रक एक जटिल सिलिकेट यौगिक है, जिसमें पोटैशियम, सोडियम और लिथियम जैसे क्षारीय पदार्थ मिले होते हैं। शायद यही वजह है कि अभ्रक देने वाली यह धरती अब लिथियम के खजाने के रूप में अपनी नई पहचान बनाने की जुगत में है।

आने वाला समय इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) का है, जिसमें लिथियम काफी उपयोगी है। हालांकि, लिथियम का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा मेडिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में भी किया जाता है। देश के अलग-अलग इलाकों में लगातार लिथियम के भंडार मिलने से इन क्षेत्रों से जुड़े उद्योगपतियों में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द ईवी उद्योग नई बुलंदियों को छूने में सफल होगा।

झारखंड के इन इलाकों में मिला लिथियम का भंडार

कुछ महीनों पहले ही जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कर्नाटक में 1600 टन और जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिलने की खबर दी थी। अब झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह के अलावा पूर्वी सिंहभूम के चतरा और हजारीबाग में भी लिथियम के उत्खनन की संभावनाओं पर काम चल रहा है। कोडरमा जिले के तिलैया ब्लॉक और उसके आसपास जियोकेमिकल मैपिंग में उपलब्ध लिथियम, सीजियम और अन्य तत्वों में उच्च सांद्रता पाई गई है।

फिलहाल देश का इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग अपनी लिथियम आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पूरी तरह से चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों पर निर्भर है। फिलहाल लिथियम का आयात हम मुख्यतः चीन से करते हैं। ऐसे में कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के बाद झारखंड में लिथियम के भंडार की खोज भविष्य की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। जीएसआई के सर्वे के अनुसार झारखंड के कोडरमा के तिलैया ब्लॉक और ढोढ़ाकोला-कुसुमा बेल्ट में लिथियम के अलावा सिजियम होने की भी संभावना है। गिरिडीह के गांवा ब्लॉक और कोडरमा के पिहरा बेल्ट में एलआई (ली), सिजियम, आरईई और आरएम जैसे धातुओं का भंडार होने की होने की उम्मीद की जा रही है।

दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार है झारखंड

भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक ईवी को 30 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने में लिथियम सबसे आवश्यक धातु है इसलिए लिथियम के उत्खनन की संभावनाओं पर सरकार का खास तौर पर फोकस है। नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) ने भू-तात्विक सर्वेक्षण में पाया कि झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिलों में लिथियम के अलावा भी कई दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार है। आने वाले समय में दुनियाभर में जिस तरह से जीरो कार्बन ग्रीन एनर्जी के लक्ष्यों पर काम चल रहा है, उसमें लिथियम को गेमचेंजर के तौर पर देखा जा रहा है। यह कई औद्योगिक क्षेत्रों को पूरी तरह से प्रभावित करेगा।

ओमेगा सेकी मोबिलिटी के संस्थापक और चेयरमैन उदय नारंग ने झारखंड में लिथियम का नया भंडार मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए ‘अपॉर्च्युनिटी इंडिया’ से कहा, “भारत के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण खोज है। भविष्य में हमें यहां लिथियम का जितना ज्यादा भंडार मिलेगा, हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा। यह ईवी उद्योग में बैटरी की मांग और इसकी सप्लाई चेन को काफी हद तक प्रभावित करेगा। हमें दुनिया का सबसे प्रमुख इलेक्ट्रिफिकेशन और ग्रीन व सस्टेनेबल भारत बनना है। ‘मेक इन इंडिया’ में भी इसका काफी असर देखने को मिलेगा। हमारी बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग और ईवी ग्रोथ के लिए यह काफी महत्वपूर्ण होगा। हमारे देश में जितने ज्यादा लिथियम के भंडार मिलेंगे, उतनी ही ज्यादा चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी। भारत में ऐसे जितने ज्यादा भंडार मिलेंगे, हमें आत्मनिर्भर बनाने में उतने ही मददगार होंगे।”

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry